गीत सुनाता
पाने हेतु सुगंध
फूलों को भौंरा
बिना फ़ोन के
भेज देते सन्देश
भौरों को फूल
ज्यों खिल जाते
फिसले चले आते
फूलों पे भौंरे
सुगंध द्वारा
देवों को आमंत्रण
अगरबत्ती
फैली सुगंध
खुलते ही ढक्कन
इत्र की शीशी
रसोईघर
मसालों की महक
मुह में पानी
बरसात की
गिरीं पहली बूँदें
सोंधी खुशबू
बाबू ढूंढते
फाईलों के ढेर में
मरी चुहिया
नाक में दम
किया मच्छरों के भी
करके धुआं
ढूंढ ही लेती
छुपे अपराधी को
कुत्ते की नाक
हल बेहाल
छींक छींक कर के
मिर्च की छौंक
घर में आये
मुह पान दबाये
पिया जी पीये
रोज नहाये
मछली की फिर भी
बास न जाये
अगले दिन
फिर कैसे पहने
गर्मी के वस्त्र
साफ़ करतीं
चीटिया मिल जुल
छिटकी चीनी
कीड़े. की मृत्यु
चीटियों को भनक
ले चली शव
खिली कलियाँ
भंवरों की गुंजन
आया बसंत
भूख लगे तो
बाग में भी पसंद
रोटी की गंध
हत्यारे पे भी
बरसाता सुगंध
वृक्ष चन्दन
मूंग की दाल
देशी घी का तड़का
गंध में स्वाद
गमक जाता
पूरा रसोईघर
हींग की छौंक
घर के कोने
प्लास्टिक का गमला
नकली फूल
लटकी माला
प्लास्टिक के फूलों की
बिना गंध के
पुष्प गुलाब
झरके भी महके
यूँ हो जिंदगी
पाने हेतु सुगंध
फूलों को भौंरा
बिना फ़ोन के
भेज देते सन्देश
भौरों को फूल
ज्यों खिल जाते
फिसले चले आते
फूलों पे भौंरे
सुगंध द्वारा
देवों को आमंत्रण
अगरबत्ती
फैली सुगंध
खुलते ही ढक्कन
इत्र की शीशी
रसोईघर
मसालों की महक
मुह में पानी
बरसात की
गिरीं पहली बूँदें
सोंधी खुशबू
बाबू ढूंढते
फाईलों के ढेर में
मरी चुहिया
नाक में दम
किया मच्छरों के भी
करके धुआं
ढूंढ ही लेती
छुपे अपराधी को
कुत्ते की नाक
हल बेहाल
छींक छींक कर के
मिर्च की छौंक
घर में आये
मुह पान दबाये
पिया जी पीये
रोज नहाये
मछली की फिर भी
बास न जाये
अगले दिन
फिर कैसे पहने
गर्मी के वस्त्र
साफ़ करतीं
चीटिया मिल जुल
छिटकी चीनी
कीड़े. की मृत्यु
चीटियों को भनक
ले चली शव
खिली कलियाँ
भंवरों की गुंजन
आया बसंत
भूख लगे तो
बाग में भी पसंद
रोटी की गंध
हत्यारे पे भी
बरसाता सुगंध
वृक्ष चन्दन
मूंग की दाल
देशी घी का तड़का
गंध में स्वाद
गमक जाता
पूरा रसोईघर
हींग की छौंक
घर के कोने
प्लास्टिक का गमला
नकली फूल
लटकी माला
प्लास्टिक के फूलों की
बिना गंध के
झरके भी महके
यूँ हो जिंदगी
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