Thursday, 18 December 2014

Hindi haiku - aam

सोने का पात्र
भरा मधुर रस
आम का फल

आम के वृक्ष
लटके रस भरे
स्वर्ण कलश

जीभ चाहती
नीचे न चला जाय
आम का रस

तोते ने चखा
तब मुझको भेजा
स्वादिष्ट आम

फलों का राजा
जीभ रानी का प्यार
आम का फल

कितना खा लो
मन नहीं भरता
आम का फल


जीभ व पेट
करते रस्साकस्सी
आम का रस

आम के बिना
अचार की दुनिया
बिल्कुल सूनी

अमृत रस
मुंह में घोल देता
आम का रस

आम का वृक्ष
नीचे गिरा भदाक
किसके मुह !

आम के आम
गुठलियों के दाम
आम का फल

मधु का प्याला
छोड़ मुंह में डाला
आम का रस

आम खाने की
होंठ पर निशानी
चोंप से मिली

होती है खाली
बिना आम्र पल्लव
पूजा की थाली

दोनों के गाल
आम, चूस रहा जो  
पिचके साथ

हाथ में आम
दाढ़ी पे टपकाता
बालक रस

बच्चों के वस्त्र
बता देते कि आयी
आम की ऋतु  

No comments:

Post a Comment