सोने का पात्र
भरा मधुर रस
आम का फल
आम के वृक्ष
लटके रस भरे
स्वर्ण कलश
जीभ चाहती
नीचे न चला जाय
आम का रस
तोते ने चखा
तब मुझको भेजा
स्वादिष्ट आम
फलों का राजा
जीभ रानी का प्यार
आम का फल
कितना खा लो
मन नहीं भरता
आम का फल
जीभ व पेट
करते रस्साकस्सी
आम का रस
आम के बिना
अचार की दुनिया
बिल्कुल सूनी
अमृत रस
मुंह में घोल देता
आम का रस
आम का वृक्ष
नीचे गिरा भदाक
किसके मुह !
आम के आम
गुठलियों के दाम
आम का फल
मधु का प्याला
छोड़ मुंह में डाला
आम का रस
आम खाने की
होंठ पर निशानी
चोंप से मिली
होती है खाली
बिना आम्र पल्लव
पूजा की थाली
दोनों के गाल
आम, चूस रहा जो
पिचके साथ
हाथ में आम
दाढ़ी पे टपकाता
बालक रस
बच्चों के वस्त्र
बता देते कि आयी
आम की ऋतु
भरा मधुर रस
आम का फल
आम के वृक्ष
लटके रस भरे
स्वर्ण कलश
नीचे न चला जाय
आम का रस
तोते ने चखा
तब मुझको भेजा
स्वादिष्ट आम
फलों का राजा
जीभ रानी का प्यार
आम का फल
कितना खा लो
मन नहीं भरता
आम का फल
जीभ व पेट
करते रस्साकस्सी
आम का रस
अचार की दुनिया
बिल्कुल सूनी
अमृत रस
मुंह में घोल देता
आम का रस
आम का वृक्ष
नीचे गिरा भदाक
किसके मुह !
आम के आम
गुठलियों के दाम
आम का फल
मधु का प्याला
छोड़ मुंह में डाला
आम का रस
आम खाने की
होंठ पर निशानी
चोंप से मिली
होती है खाली
बिना आम्र पल्लव
पूजा की थाली
दोनों के गाल
आम, चूस रहा जो
पिचके साथ
हाथ में आम
दाढ़ी पे टपकाता
बालक रस
बच्चों के वस्त्र
बता देते कि आयी
आम की ऋतु
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