Tuesday, 18 November 2014

Hindi haiku - maa

आँखों में नींद
पर लोरी गाती माँ
'आ जा निदिया'

छुपा के रखा
कोई खा नहीं जाये
लाडले वास्ते

नहीं भूलती
माँ काजल का टीका
शिशु के माथे

चोट बेटे को
दर्द से कराहता
माँ का कलेजा

माँ का कराया
प्रथम स्तन पान
अमृत पान

शिशु को व्यर्थ
माँ की गोदी के आगे
सोने की गाड़ी

आती है याद
माँ के हाथ का स्वाद
दूर रह के

जब बनाती
बेटे की पसंदीदा
याद सताती

नन्हा बालक
सबसे बचा लेगा
माँ को ढाढस

माँ का आँचल
ममता का बादल
शिशु का ठाँव

मिटा देती है
लाडले की मुस्कान
माँ की थकान

माँ ही पिलाती
जीवन अमृत की
पहली बूँद

बच्चों के लिए
किला से भी प्रबल
माँ का आँचल

रोयेगा पर
माँ के पास जाकर
गिर पड़ा था

जग के सब
सुख यहीं बसते
माँ का आँचल

माँ अकुलाती
जब देर हो जाती
घर आने में

माँ कहती - सो
गब्बर आ जायेगा
वो क्यों डरता

काम आती है
दवा से भी अधिक
माँ की दुआएं

स्कूल से लड्डू
बचाकर ले आता
माँ को दे देता

कहती थी माँ
'यह आखिरी कौर'
जब खिलाती

तीन से हारा
स्नेह सीख सहारा
जो माँ ने दिया

माँ के प्राणों के
उतने ही टुकड़े
जितने बच्चे

जब पकाती
बेटे की पसंदीदा
डूबते दीदा

डाल देती माँ
कहकर मुह में
चंदा का कौर


टोकरी में भी
टोकरी भर ख़ुशी
बाल अवस्था


माँ ने पिलाया
औलाद ने भुलाया 
दूध का कर्ज

माँ ने कलेजा
जहाँ भी गया बेटा
साथ में भेजा

स्वर्ग अगर
कहीं धरती पर
माँ के चरण

माँ का आशीष
होता जिसके सिर
ऊँचा ही शीश 

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