Wednesday, 5 November 2014

Haiku naari



होता उत्थान
जब हो समाज में
नारी सम्मान


पालन कर्ता
सृजन की क्षमता
रखती नारी

नारी है शक्ति
कार्य निष्पादन ही
मन प्रवृत्ति

नारी है त्याग
अपनों के पश्चात
उसका आप

निभाती धर्म
विपदाओं में संग
धैर्य है नारी

दया  की मूर्ति
उपकार का भाव
रखती नारी

निर्मल नारी
जिस बर्तन गयी
उसी को धारी

खड़ी हो जाती
अतीत का दर्पण
बिटिया बन

हो सकती है 
नारी ही महतारी 
प्रभु की लीला 

आपदा आई
हुई चण्डिका माई
कोमल नारी  

जन्म की दात्री
माँ बन होती नारी
पालनहारी


निर्मल नारी
जिस घर में गयी
उसे सवारी

नारी है प्यारी
मोह माया उसकी
पृथ्वी पे न्यारी

स्नेह की एक
भरा घड़ा है नारी
स्नेह की भूखी

नहीं संभव
मनुष्य की पूर्णता
गौरव नारी

मानव की माँ
पूज्यनीय  सदैव
देवी है नारी

कभी ताकत
कभी बन जाती है
आफत नारी

पालती नारी
बनके महतारी
दुनिया सारी

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