Tuesday, 4 November 2014

हाइकु 3 नवंबर

त्याग का भाव :: संबंधों का उर्वरक

भारतीय स्त्री
निबटा लेती काम
गीतों में डूब

मदिरा का हो
अधिक उत्पादन
स्वामी का नशा

उड़े तो कैसे
सोने की चिडिया
जकड़े पंख

हम हों न हों
कभी कम न होंगे
जग के मेले

किसी ने लिखा
सब लाइक किये
'माँ का देहांत'

देशी व्यंजन
चाहे कहीं मी जाओ
मन मानस

छुपा न पाती
चमेली के फूल को
काली सी रात

फेस बुक पे
घटना दुर्घटना
सब लाइक

अपने फैले
चोखा बाटी पसरी
देश विदेश

बंद पढाई
वी आई पी विजिट
साफ़ सफाई

विशिष्ट व्यक्ति
गुजारने को खड़े
आम आदमी

जिला जेल में
सुधार कार्यक्रम
कैद में नेता

कूड़ेदान में
हेरते गाय कुत्ते
साथ बालक

पीठ पे थैला
ढूंढ रहे बालक
कूड़े में मोती

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