Monday, 5 January 2015

Meri pankti ( bachchon ka ghar)







मित्रो/माननीय कवियों,
मैंने एक हाइकू लिखा है जो निम्नवत है. वैसे तो मुझे यह हाइकू अति पसंद है अतः इसमे सुधार का सुझाव नहीं मांग रहा हूँ अपितु इसी विषय पर इसी तरह के और हाइकू चाहता हूँ. वैसे तो यह चुनौती पूर्ण काम लग रहा है पर पहले जो आप लोगो के हाइकू लिखने कि प्रतिभा देखी है उससे लगता है कि मेरा यह उद्देश्य भी सफलता पूर्वक पूर्ण होगा. बच्चों के स्वाभाव से तो सभी लोग परिचित हैं. मैंने जिस बात का संज्ञान लिया उसे अपने इस हाइकू में लिख दिया. अब आप कि दृष्टि से संक्षिप्त शब्दों में यानि हाइकू में 'बच्चों का घर' देखना चाहता हूँ.
बच्चों का घर
खींची रेखा चित्रों से
सजी दीवारें
विशेष : आप के हाइकू में यह वाक्य-खंड 'बच्चों का घर' अवश्य आना चाहिए. (किसी भी पंक्ति में )
बच्चों का घर
. . . . . . . .
. . . . . .. . .
एस० डी० तिवारी

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