Sunday, 11 January 2015

Ganga ka paani haiku


गंगा का पानी
सिंधु से मिलकर
गंगा सागर

काम है आता
मरने दम तक
गंगा का पानी

आश्रय देती
करोड़ों बेटों को माँ
बहती गंगा

भारत रत्न
सच कहो तो बस
गंगा का पानी

रख न पाई
बांधे शिव की जटा
गंगा का पानी

मैला जो होगा
माता होगी उदास
गंगा का पानी

धरती पर
अमृत के समान
गंगा का पानी

स्वच्छ रखना
कर्त्तव्य है सबका
गंगा का पानी

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चलीं सहेली
गुनगुनाते गीत
गंगा नहान

पापियों को भी
पावन कर देता
गंगा नहान

कशी प्रयाग
हरिद्वार पवित्र
गंगा नहान

तन के संग
स्वच्छ करता मन
गंगा नहान

है आवश्यक
आत्म शुद्धि के लिए
गंगा नहान

अन्न का दान
संक्रांति पर्व पर
पुण्य महान

माघ महीना
साधु संतों की भीड़
गंगा नहान

दोनों हों नष्ट 
संक्रांति पर्व पर
पाप व कष्ट

महापुण्य है
संक्रांति पर किया


गंगा नहान

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