Monday, 5 January 2015

Meri pankti - am ka ras

मित्रो/सदस्यों/माननीय कवियों
मेरी एक पंक्ति को हाइकू में परिवर्तित करने हेतु आज जो पंक्ति मैं आप को देने जा रहा हूँ आपके मुंह में पानी अवश्य भर देगा. जी हाँ, वह पंक्ति है
'आम का रस' अथवा 'आम का फल'.
जैसा कि आप जानते हैं आम फलों का राजा है और हम भारतियों का गर्व. शायद ही कोई भारतीय होगा जिसने आम का रसास्वादन न किया हो. आप अपनी प्रथम या अंतिम पंक्ति में उपरोक्त वाक्यांशों का प्रयोग करते हुए ऐसा हाइकू लिखे कि पाठकों के मुह में पानी आ जाये. ध्यान रहे कि हाइकू कि संख्या बढ़ाने के फेर में उसके मूल तत्वों से समझौता न करें. हाइकू की आत्मा होती है अचंभित करने वाला तत्त्व. आप चाहें तो अपने हाइकू में प्रथम या अंतिम शब्द 'आम' का प्रयोग करके भी लिख सकते हैं. मैं पपने लिखे दो हाइकू उदाहरण एवं प्रेरणा हेतु यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ:
कितना खा लो
मन नहीं भरता
आम का फल
मन हो जाये
दिव्य स्वाद में तर
आम का रस
अब आप बिना मौसम के भी अपनी लेखनी से आम के स्वाद व रस की अनुभूति करा दें
23.12.2014
  • Sadhana Agnihotri आम का फल 
    बागों का बादशाह 
    रस से भरा ।।
    Mahima Verma ,सुप्रभात,,
  • मन-इच्छाएँ 
    आम के रस सम 
    मन ना भरे,,Piyush Dwivedi Putu गर्मी भगाए,
  • तरावट ले आए,
    आम का रस।
    Piyush Dwivedi Putu चटपटा है,
  • फूड ज्यादा खिलाए,
    आम अचार॥
    Piyush Dwivedi Putu सबको भाए,
  • दीवाना बना जाए,
    आम फलेश।
    ब्रह्माणी 'वीणा' हिन्दी साहित्यकार आदरणीय तिवारी जी,,,मैं क्षमा चाहती हूँ मैं एक भी हाइकु लिखने में असमर्थ हूँ,,,हाँ पसंद , व उत्साहित अवश्य करती रहूंगी,,,,शुभकामनाएँ,,,,,,
  • D Tiwari सोने का पात्र
  • भरा स्वर्णिम मीठा 
    आम का रस
    SD Tiwari स्वर्ण कलश
  • वृक्ष पर लटके
    रसीले आम
    SD Tiwari तोते ने चखा 
  • तब मुझको भेजा 
    स्वादिष्ट आम
    Prince Mandawra फलो का राजा
  • सावन की बहार
    आम का फल.
    Prince Mandawra आम का रस
  • गर्मी से छुटकारा
    दादी पिलाती.
    alit Mishra फलो का राजा
  • भारत की है शान
    आम का फल
  • करता छल 
    जाड़े में तरसाता 
    आम का फल 
  • फलों का बॉस 
    आम का फल यारों 
    होता है ख़ास। 
  • rince Mandawra हम हर्षाये
  • पिता जी घर लाये
    आम का फल.
    Shanti Purohit आम या खास 
  • सबको प्रिय लगे 
    आम पापड़
    Shanti Purohit फलो का राजा 
  • आम का बजे बाजा 
    गर्मी की ऋतु
  • जेठ महीना
    विफल लू असर
    आम का पन्ना ।
    Nisha Mittal स्वाद भंडार 
  • गर्मी प्रकोप रक्षा
    आम का रस
    isha Mittal स्वाद भंडार 
  • गर्मी प्रकोप रक्षा
    आम का रस
  • फलों का राजा 
    पर आम- आम है,
    ग्रीष्म ऋतु में,, 
    Mahima Verma किसम -किसम के नाम - पर आम तो है आम ,, 

  • "लंगड़ा" कर 
    आ जाता" हापुस" से,
    वो "चौसा" आम 
    "तोतापरी "बन के 
    कभी बना" बदाम "
    Shivji Srivastava स्वप्न में आम
  • पूर्ण मनोकामना
    कहें विद्वान।
    Shivji Srivastava आपकी बातें
  • रस से भरी हुईं
    आम्र फल सी।
    Mahima Verma ,, 
  • तपती गर्मी,
    राहत अमृतसी 
    आम की चुस्की ,
  • Shivji Srivastava हो शुभ कार्य
  • बनते बंदनवार
    आम्रपत्र से।
    hivji Srivastava तृषा मिटाए
  • स्वाद नया दे जाए
    आम का रस।
    Abhishek Jain आम का फल..खरीद नहीं पाया..आम आदमी
  • Pankaj Joshi काली घटाये
  • मौसम मानसूनी
    रसीला आम
    Pankaj Joshi आम आदमी 
  • पङे जेब डाका
    तरसे आम 
    /
    आम सभायें
    लगें बीच बाजार
    पूछते भाव
    Shanti Purohit आम ना आम 
  • होगया अब खास 
    हाथ ना आये
    Pankaj Joshi लालची ऑंखें
  • तरसें मौसम में
    दशहरी को
  • झूम रहीं डालियाँ 
    महक उठी 
    आम के बागान में 
    यादों में आम्रपाली //
    Pankaj Joshi फलों का राजा
  • हर दिल अजीज
    हमारा आम
  • गुठलियों के दाम
    बड़े काम का //
    Pankaj Joshi झूमती डालें
  • इठलाती हवायें
    आम के बाग
    Pankaj Joshi लू से राहत
  • सर को तरावट
    आम का पन्ना
    Shiv Murti Tiwari फलो का राजा
  • था आम आदमी का
    कभी ये आम !!
    Eventt All Manish Mishra भीषण गर्मी 
  • फलों का सरताज
    आम (जन) को आम
    Eventt All Manish Mishra चूसना अच्छा 
  • रसीला दशहरी 
    आम लज़ीज
    Eventt All Manish Mishra खाना या पीना 
  • आम या आमरस
    शौक अलग
    Eventt All Manish Mishra मौसम ग्रीष्म 
  • पकता मीठा आम
    स्वाद राहत
    Eventt All Manish Mishra ग्रीष्म ऋतु में 
  • तासीर है गरम
    आम प्रकृति
    Sadhana Agnihotri आम आदमी 
  • प्रभु के लिए खास
    आम समान ।
    Sadhana Agnihotri आम है खास
  • आम जन से दूर
    आम की प्यास ।
    SD Tiwari जीभ पेट में 
  • रस्साकस्सी का खेल 
    आम का रस
    SD Tiwari आम के बिना 
  • अचार की दुनिया 
    बिल्कुल सूनी
    D Tiwari अमृत रस 
  • मुंह में घोल देता 
    आम का रस
    SD Tiwari आम के आम 
  • गुठलियों के दाम 
    आम का फल
    SD Tiwari मधु का प्याला
  • छोड़ मुंह में डाला 
    आम का रस
    SD Tiwari आम का वृक्ष
  • नीचे गिरा भदाक 
    किसके भाग्य
    Rajendra Mishra आम ही आम
  • अलफांसो का स्वाद
    लगंड़ा आम
    Rajendra Mishra दशहरी है
  • अग्नि रस बुझाए
    खाओ खिलाओ
    Rajendra Mishra आमों का राजा
  • लगँड़ा बनारसी
    खाते जाओ न
    Rajendra Mishra आम का फल
  • नवजीवन देता 
    खूब खाओ जी
    Shiv Murti Tiwari कहाँ वो टपका
  • कैटरीना स्लाइस
    आम आज का !!
  • बहुत ही हैं खास
    चुनाव हेतु //
  • सहेलियों की यादें 
    खातीं अचार
    लेती थीं चटकारे 
    वो भी क्या थे नजारे ?
    Mukesh Bhadrawale जनता आम
  • उनमें आप खास
    फलों में आम
  • दुर्गा पूजा के लिए 
    ढूंढे ना मिले 
    शहर में गायब 
    आम बागों में गए //
  • था आमों का बागान
    धम्म"आवाज़ 
    लगा ज्यों चोर कूदा
    देखा , "लंगड़ा" गिरा //
    Shivji Srivastava आम रे आम
  • कितने तेरे नाम
    हम हैरान।
    Shivji Srivastava नाम का आम
  • सोचते हैं ख़ास भी
    पूछ के दाम।
  • स्तब्ध है आम 
    बोतल में देखकर
    रस तमाम। 
    ---महेंद्र वर्मा "धीर
  • आम के बौर
    उड़ाते खुशबुएँ 
    मन विभोर। 
    ---महेंद्र वर्मा "धीर"
  • आम हैरान
    नहीं पा सका उसे 
    आम इंसान। 
    ---महेंद्र वर्मा "धीर"
  • निचोड़ कर बने 
    अमावट भी //
    Shiv Murti Tiwari अपना बाग
  • बाग मे बचपन
    टपका आम!!

    दौड़ते हम
    खोजते वो अमृत
    गिरा जो आम !!

    वो आम्र छाया
    तले बना घरौंदा
    रखते आम!!

    आम गणना
    पाँच की एक गाही
    गिनते आम !!

    और की आशा
    चढ़ानी गिलहरी
    गिरेंगे आम !!

    ना वो बगिया
    ना रहा बचपन
    सुबह शाम !!
    Shiv Murti Tiwari शाम की दाल
  • दाल मे अमिया
    तब का माजा !!
    SD Tiwari आम तो बस 
  • नाम का ही है आम
    गुणों में खास
    SD Tiwari देखकर के 
  • देवलोक ईर्ष्या में 
    धरा पे आम
    Dinesh Chandra Pandey सम्माननीय साथियों,
  • कुछ निजी कारणों से मैं कार्यशाला से अनुपस्थित हो गया था. पुनः मुख़ातिब हूं 
    शीत की ऋतु,
    अमरूद का दौर,
    रूठ जायेगा,
    आम क्यों कर सोचें,
    चलें वक्त के साथ.
    Dinesh Chandra Pandey बालक भागे, 
  • छोड़ आम की डाली,
    वो आया माली. 
    Dinesh Chandra Pandey रसीला आम,
  • बाल्टी में भर कर, 
    वाह क्या ख़ूब.
  • मधुर यादें 
    मीठी रस से भरी 
    अमरस सी 
  • Abdul Samad Rahi आमका रस/ पीकर इतराया / मोटू लाला

No comments:

Post a Comment