Saturday, 17 January 2015

Hindi haiku vanaspati / bhojan


नीम कसैली
विशुद्ध कर देती
वायु विषैली

माथे पे लेप 
सुगंध शीतलता
चन्दन देता

स्वास्थ संवारे
आलोवेरा का रस
मधु को मारे 

सुन्दर बाल
करता देखभाल
आंवला तेल

जुकाम खांसी
तुलसी गुणकारी 
घर का वैद

जेठ महीना
पेट की तरावट
बेल का रस

स्वाद से भरी 
पुदीने की चटनी
गुणों की वरी

गुड का गुण
जिह्वा पर मिठास
रक्त की वृद्धि 

स्वस्थ वर्धक
आंवला का आधार
च्यवनप्राश

गठिया बात
अश्वगंधा की जड़
सही सौगात 

पालक साग
विटामिन के साथ
रक्त में वृद्धि


रूला देती है
अपने हत्यारे को
कटती प्याज

सुगंध भरी
धनिया की चटनी
खाने में स्वाद

हरा सलाद
भोजन में शामिल
उत्तम स्वास्थ्य

लगा के रखा
घर के पास नीम
छोटा हकीम  
सबको भाये
अदरक का स्वाद
चाय में डाल

मेहंदी पीस
दुल्हन ने सजा ली
हाथों की लाली

आलू चिढ़ता
करेला खा जाता है
उसकी चीनी

पीपल वृक्ष
अंतिम यात्रा में भी
मिलती छाँव

ज्यादा पिया तो
खाना होगा करेला
गन्ने का रस

लिए सहारा
बेल लिपटी रहे
पेड़ अकड़ा

तन को काट
बबूल देता गोंद
जच्चा का लड़डू

घर में लगा
मनी प्लांट का पौधा
खर्च में वृद्धि

देवों को भाता
गुलाब से भी ज्यादा
गेंदे का फूल

आम का पत्ता
लटका बन द्वार
वंदनवार

आम का पत्तारखता है प्रभुता
हवन पूजा

होती न पूरी
नहीं हो दूब घास
पूजा की थाल

केले का पात
भर भर खा जाते
सांभर भात

चुभता नहीं
काटों पे भी खिलके
कोमल फूल


**********

मक्की की रोटी
व सरसों का साग
ठण्ड को मात

सांभर डोसा
नारियल चटनी
संग भकोसा

चाय समोसा
सुबह हो या शाम
सभी लें नाम   

प्रेरणा स्रोत
विद्यालय जाने का
मध्य आहार

हलवा पूरी
मधुमेह रोगी की
इच्छा अधूरी

अपने फैले
पसरी चोखा बाटी
देश विदेश

बसे विदेश
भारतीय व्यंजन
बसाये दिल

रोटी बैरन
हुए बच्चों के प्यारे  
पिज्जा बर्गर

तंदूरी रोटी
और दाल मक्खनी
चली विदेश

छोला पटूरा
पटरी पंचतारा
सब पे छाया


गर्म पराठा
आलू मेथी के साथ
फिर क्या बात

सुन्दर फूल
नागफनी पे घेरे
काटों के शूल

तंदूरी रोटी
तड़के वाली दाल
हाईवे ढाबा

देता है मजा
जब तवे से प्लेट
आलू पराठा

सर्दी में यात्री
छीलते मूंगफली 
बस या रेल 

हो जाय थोड़ी
मटर की घुघनी
चाय बाद में 

नमक रोटी
बदन पे लंगोटी

झोपड़ पट्टी

बड़ी निराली  
है राजस्थानी थाली 
स्वादों का मेला

घी में चुपड़े
दाल बाटी चूरमा
लार चू पड़े  


सर्दी में गर्म 
गाजर का हलवा
क्या है जलवा

तंदूरी रोटी
तड़के वाली दाल
हाईवे ढाबा

पकी या नहीं
बताते दाने चार
हांड़ी की दाल

रोटी व दाल
जनता का भोजन
सबके थाल

पापड़ बेले
जाने न क्या क्या झेले 
रोटी खातिर 

न्योता पाकर
पंडित जी प्रसन्न
पूड़ी मिठाई

नहीं गोलाई
वो लड़डू की मिठाई
मन को भाती


पैसे दे के भी
स्टेशन का भोजन
खाना कठिन

नेता का वादा 
सबको देगा रोटी
खुद खा रहा

धनी की भूख
धन की ही रहती
डोलता भूखा

गरीब भूखा 

दो जून की रोटी का
नहीं कि धन 

नहीं हो पाता
प्रभु का भी भजन
बिना भोजन

पीढ़ा पे बैठ
तोड़ते गर्म रोटी
क्या दिन थे वे

नहीं मिटती
जब तक ना मिटे
मन की 'भूख'

समाये होता
भंडारे का प्रसाद
विशेष स्वाद





जल जीरा

गोलगप्पे
जल जीरा

गोलगप्पे

आलो वेरा
आंवला चन्दन - ठण्ड गिलोए - शक्ति
विटामिन खनिज प्रोटीन पाचक रक्त वर्धक
स्वस्थ वर्धक
च्यवनप्राश
अश्वगंधा की जड़ - गठिया

अशोक
इसबगोल

लौंग
मधुनाशिनी
सतावरी
शंखपुष्पी
तुलसी
आम का पन्ना
ब्राह्मी यादाश्त





  

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