नीम कसैली
विशुद्ध कर देती
वायु विषैली
माथे पे लेप
सुगंध शीतलता
चन्दन देता
स्वास्थ संवारे
आलोवेरा का रस
मधु को मारे
सुन्दर बाल
आंवला तेल
जुकाम खांसी
तुलसी गुणकारी
घर का वैद
जेठ महीना
पेट की तरावट
बेल का रस
स्वाद से भरी
पुदीने की चटनी
गुणों की वरी
गुड का गुण
जिह्वा पर मिठास
रक्त की वृद्धि
स्वस्थ वर्धक
आंवला का आधार
च्यवनप्राश
गठिया बात
अश्वगंधा की जड़
सही सौगात
पालक साग
विटामिन के साथ
रक्त में वृद्धि
रूला देती है
अपने हत्यारे को
कटती प्याज
सुगंध भरी
धनिया की चटनी
खाने में स्वाद
हरा सलाद
भोजन में शामिल
उत्तम स्वास्थ्य
लगा के रखा
घर के पास नीम
छोटा हकीम
सबको भाये
अदरक का स्वाद
चाय में डाल
मेहंदी पीस
दुल्हन ने सजा ली
हाथों की लाली
आलू चिढ़ता
करेला खा जाता है
उसकी चीनी
पीपल वृक्ष
अंतिम यात्रा में भी
मिलती छाँव
ज्यादा पिया तो
खाना होगा करेला
गन्ने का रस
लिए सहारा
बेल लिपटी रहे
पेड़ अकड़ा
तन को काट
बबूल देता गोंद
जच्चा का लड़डू
मनी प्लांट का पौधा
खर्च में वृद्धि
देवों को भाता
गुलाब से भी ज्यादा
गेंदे का फूल
आम का पत्ता
लटका बन द्वार
वंदनवार
आम का पत्तारखता है प्रभुता
हवन पूजा
होती न पूरी
नहीं हो दूब घास
पूजा की थाल
केले का पात
भर भर खा जाते
सांभर भात
चुभता नहीं
काटों पे भी खिलके
कोमल फूल
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मक्की की रोटी
व सरसों का साग
ठण्ड को मात
सांभर डोसा
नारियल चटनी
संग भकोसा
चाय समोसा
सुबह हो या शाम
सभी लें नाम
प्रेरणा स्रोत
विद्यालय जाने का
मध्य आहार
हलवा पूरी
मधुमेह रोगी की
इच्छा अधूरी
अपने फैले
पसरी चोखा बाटी
देश विदेश
बसे विदेश
भारतीय व्यंजन
बसाये दिल
रोटी बैरन
हुए बच्चों के प्यारे
पिज्जा बर्गर
तंदूरी रोटी
और दाल मक्खनी
चली विदेश
छोला पटूरा
पटरी पंचतारा
सब पे छाया
गर्म पराठा
आलू मेथी के साथ
फिर क्या बात
सुन्दर फूल
नागफनी पे घेरे
काटों के शूल
तंदूरी रोटी
तड़के वाली दाल
हाईवे ढाबा
देता है मजा
जब तवे से प्लेट
आलू पराठा
सर्दी में यात्री
छीलते मूंगफली
बस या रेल
हो जाय थोड़ी
मटर की घुघनी
चाय बाद में
नमक रोटी
बदन पे लंगोटी
झोपड़ पट्टी
बड़ी निराली
है राजस्थानी थाली
स्वादों का मेला
घी में चुपड़े
दाल बाटी चूरमा
लार चू पड़े
सर्दी में गर्म
गाजर का हलवा
क्या है जलवा
तंदूरी रोटी
तड़के वाली दाल
हाईवे ढाबा
पकी या नहीं
बताते दाने चार
हांड़ी की दाल
रोटी व दाल
जनता का भोजन
सबके थाल
पापड़ बेले
जाने न क्या क्या झेले
रोटी खातिर
न्योता पाकर
पंडित जी प्रसन्न
पूड़ी मिठाई
नहीं गोलाई
वो लड़डू की मिठाई
मन को भाती
पैसे दे के भी
स्टेशन का भोजन
खाना कठिन
नेता का वादा
सबको देगा रोटी
खुद खा रहा
धनी की भूख
धन की ही रहती
डोलता भूखा
गरीब भूखा
दो जून की रोटी का
नहीं कि धन
नहीं हो पाता
प्रभु का भी भजन
बिना भोजन
पीढ़ा पे बैठ
तोड़ते गर्म रोटी
क्या दिन थे वे
नहीं मिटती
जब तक ना मिटे
मन की 'भूख'
समाये होता
भंडारे का प्रसाद
विशेष स्वाद
जल जीरा
गोलगप्पे
जल जीरा
गोलगप्पे
आलो वेरा
आंवला चन्दन - ठण्ड गिलोए - शक्ति
विटामिन खनिज प्रोटीन पाचक रक्त वर्धक
स्वस्थ वर्धक
च्यवनप्राश
अश्वगंधा की जड़ - गठिया
अशोक
इसबगोल
लौंग
मधुनाशिनी
सतावरी
शंखपुष्पी
तुलसी
आम का पन्ना
ब्राह्मी यादाश्त
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