Monday, 5 January 2015

Hindi haikun- prabhu ki leela

सुबह होती
हर रात के बाद
प्रभु की लीला

नन्हा सा बीज
उगा विशाल वृक्ष
प्रभु की लीला

फूल महकें
चिड़िया जो चहकें
प्रभु की लीला

पेट भरता
पृथ्वी पे जो भी आता
प्रभु की लीला

औंधा अम्बर
पर गिरें ना तारे
प्रभु की लीला


सुबह शाम
दिन और रजनी
प्रभु की लीला

पत्ता ना हिले
जब तक ना हो
प्रभु की लीला

बाढ़ में बैठे
संग मानव सांप
प्रभु की लीला

पुष्प सुगंध
सड़े तो नाक दबाये
प्रभु की लीला

गले लगाये
उसे ही फ़ेंक आये
प्रभु की लीला

प्यास बुझाता
जल कहर ढाता
प्रभु की लीला

अँधा भी देखे
जग अंतः नेत्रों से
प्रभु की लीला

अँधा भी देखे
मन के नयनों से
प्रभु की लीला

हम अंजान
भविष्य के गर्भ से
प्रभु की लीला

सदा रहस्य
आने वाला दिवस
प्रभु की लीला

आज पराये
कल थे जो अपने
प्रभु की लीला

सिंधु भी प्यासा
सरिता के जल का
प्रभु की लीला


ढूंढते सभी
उसे पाये न कोई
प्रभु की लीला



एक पौधे में
फूल व कांटा दोनों
प्रभु की लीला

गिद्ध की आँख
चार कोस देखती
प्रभु की लीला

शार्क सूंघता
चार मिल से खून
प्रभु की लीला

छत पे चले
छिपकली उलटा
प्रभु की लीला

ऊँचे पर्वत
हिम से ढक जाते
प्रभु की लीला

सुबह धूप
शाम धरती गीली
प्रभु की लीला

सिंधु का पानी
उठा लाते बादल
प्रभु की लीला

गन्ना व मिर्ची
उगे एक खेत ही
प्रभु की लीला 

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