मैंने भी दिया है अर्जी, मेरी सरकार सुनो।
चलाओ ना अपनी मर्जी, मेरी सरकार सुनो।
दिल की बात कह दी दिल से, देखो तो एक बार,
समझ लेना न इसे फर्जी, मेरी सरकार सुनो।
ऐसी भी तो ना खता थी, कि रख लो लगाके दिल से,
क्यों रूठे हो इस कदर जी, मेरी सरकार सुनो।
खुद के ही चक्करों में, मुंह मोड़ लिए हो ऐसे,
पड़ेगी भारी खुदगर्जी, मेरी सरकार सुनो।
करो तुम याद कसम अपनी, चलने की साथ मेरे,
अब जाते हो क्यों मुकर जी, मेरी सरकार सुनो।
फजूल में आजकल क्यों? रखने लगे हो तुम जी,
मेरी बातों से एलर्जी, मेरी सरकार सुनो।
गर दूर भी चले जाओ, ना करेंगे हम शिकायत,
देते रहना तुम खबर जी, मेरी सरकार सुनो।
एस. डी. तिवारी
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