मुझको कविता से प्यार हुआ।
भाव भरे मन ये व्याकुल, कविता जनने को हर बार हुआ।
मैं रीझ गया हूँ भावों पर, मुझको कविता से प्यार हुआ।
शब्दों के फूल किया अर्पण, सपना मेरा साकार हुआ,
कविता की खातिर फिर तो ये, जीवन अपना न्यौछार हुआ।
मुझको कविता से प्यार हुआ।
मुझको कविता से प्यार हुआ।
रहना उस बिन एक पल भी मुश्किल, अगर नहीं दीदार हुआ।
सोच डुबाये रहती गहरे, सिर पर चिंता का भार हुआ।
दिल मेरा उसमें है बसता, वो बसती है दिल में मेरे,
साथ निभाता हरदम मेरा जो, पक्का वो तो यार हुआ।मुझको कविता से प्यार हुआ।
2222 2222 2222 2222
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