Sunday, 8 July 2018

Hawaon ne rulaya hai ghazal

पत्तों को बहुत दूर तक उड़ाया है।
हवाओं ने बहारों को रुलाया है।
बादलों ने आकर घेरा है जब जब,
आसमानों में अँधेरा छाया है।
ढक कर के अच्छे भले चमकते हुए,
कोहरे ने सूरज का दिल दुखाया है।
गर्मी का आना नागवार गुजरता,
हंसती बहती नदियों को सुखाया है।
गर्मियों में जलती बेदर्द धूप ने,
जला के धरती को बहुत सताया है।
छंट जाने से बादल, हुआ खुश बहुत,
आसमान ने इंद्रधनुष उगाया है।
सावन के महीने में मुस्कराने लगा,
फुहारों में जंगल जी भर नहाया है।

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