अंजना की गली
खेल रहे बजरंग बली।
पवन आये ले के प्रसाद
शिव का पाई आशीर्वाद,
खिली उसके मन की कली
अंजना की गली
पा गयी मन जो विचारी
भई अति हर्षित महतारी
झूम उठी खुशियों से भरी
अंजना की गली
अंजना हो गयी पुत्रवान
पवन सा था वो वेगवान
सखियाँ ईर्ष्या से जलीं
अंजना की गली
देखा कहीं न ऐसा बालक
सोने का तन धारे बानर
धन्य हो गयी, बड़ी भली
अंजना की गली
खेल रहे बजरंग बली।
पवन आये ले के प्रसाद
शिव का पाई आशीर्वाद,
खिली उसके मन की कली
अंजना की गली
पा गयी मन जो विचारी
भई अति हर्षित महतारी
झूम उठी खुशियों से भरी
अंजना की गली
अंजना हो गयी पुत्रवान
पवन सा था वो वेगवान
सखियाँ ईर्ष्या से जलीं
अंजना की गली
देखा कहीं न ऐसा बालक
सोने का तन धारे बानर
धन्य हो गयी, बड़ी भली
अंजना की गली
2
मेरे हनुमान लला
इन्द्र ने चला दिया बज्र
मूर्छित हो गए हनुमान, मेरे हनुमान लला
पवन ने रोका हवा का बहना
संकट में सबके प्राण, मेरे हनुमान लला
विष्णु आये शिव जी आये
कर दिये स्वस्थ बलवान, मेरे हनुमान लला
अग्नि वरुण सब देवता आये
देवों ने दिया वरदान, मेरे हनुमान लला
दे देकर देवों ने वर
कर दिया सर्व शक्तिमान, मेरे हनुमान लला
3
पाठशाला चले
पढने के लिए हनुमान
पाठशाला चले
गुरु की खोज में भटके दर दर
गुरु मिल गये उनको दिनकर
मन में लिए श्री राम
जपते राम की माला चले
सूरज से सीखा वेदों का ज्ञान
चक्कर काटते प्रातः से शाम
सूरज के संग संग
धरे रूप विकराला चले
भये हनुमान ज्ञान गुण सागर
तीनों लोक हैं तुमसे उजागर
बुद्धिहीन विद्वान बनें
भक्तों के कृपाला चले
पाठशाला चले
पढने के लिए हनुमान
पाठशाला चले
गुरु की खोज में भटके दर दर
गुरु मिल गये उनको दिनकर
मन में लिए श्री राम
जपते राम की माला चले
सूरज से सीखा वेदों का ज्ञान
चक्कर काटते प्रातः से शाम
सूरज के संग संग
धरे रूप विकराला चले
भये हनुमान ज्ञान गुण सागर
तीनों लोक हैं तुमसे उजागर
बुद्धिहीन विद्वान बनें
भक्तों के कृपाला चले
४
भक्तों का रखते ध्यान
बड़े नटखट हैं हनुमान
जंगल में वे चक्कर काटें
फल खाने को कूदें फांदें
भक्तों का रखते ध्यान
बड़े नटखट हैं हनुमान
जंगल में वे चक्कर काटें
फल खाने को कूदें फांदें
अंजना ढूँढे अपनी गली में
घूमे वो साँझ विहान
बड़े नटखट हैं हनुमान
घूमते रहते वन में अक्सर
पेड़ पेड़ डाली डाली पर
लेकर चढ़ जाते पेड़ों पर
उठा ऋषियों के सामान
धर लेते दौड़ते शेरों को
हिला देते जड़ से पेड़ों को
उठा लेते हाथों हाथी को
बड़े वे ऐसे बलवान
पेड़ पेड़ डाली डाली पर
लेकर चढ़ जाते पेड़ों पर
उठा ऋषियों के सामान
धर लेते दौड़ते शेरों को
हिला देते जड़ से पेड़ों को
उठा लेते हाथों हाथी को
बड़े वे ऐसे बलवान
५
बड़े नटखट हैं हनुमान
उछल कूद करते जब हनुमत, डाली जाती टूट
पांव रखते शिलाओं पर जब, शिलाएं जाती फूट
उठा लेते एक ही हाथ, हाथी भी बलवान
बड़े नटखट ..
ऋषियों के यज्ञ में इन सबसे, होती बाधा उत्पन्न
उनकी इन नटखट बातों से ऋषि मुनि होते खिन्न
निहारते यज्ञ ऋषि मुनियों के, लगा कर के वो ध्यान
बड़े नटखट ...
उलाहना लेकर गए ऋषि मुनि, माँ अंजना के घर
बोलीं आप ज्ञानी ऋषि मुनि, क्षमा इसे दें कर
हो गया होगा खेल खेल में, नहीं किया कुछ जान
बड़े नटखट ....
बड़े नटखट हैं हनुमान
उछल कूद करते जब हनुमत, डाली जाती टूट
पांव रखते शिलाओं पर जब, शिलाएं जाती फूट
उठा लेते एक ही हाथ, हाथी भी बलवान
बड़े नटखट ..
ऋषियों के यज्ञ में इन सबसे, होती बाधा उत्पन्न
उनकी इन नटखट बातों से ऋषि मुनि होते खिन्न
निहारते यज्ञ ऋषि मुनियों के, लगा कर के वो ध्यान
बड़े नटखट ...
उलाहना लेकर गए ऋषि मुनि, माँ अंजना के घर
बोलीं आप ज्ञानी ऋषि मुनि, क्षमा इसे दें कर
हो गया होगा खेल खेल में, नहीं किया कुछ जान
बड़े नटखट ....
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