Sunday, 1 October 2017

Dil ne chaha Ghazal

दिल ने चाहा



खुशियां ज़माने में कई हजार मिलीं ।
दिल ने जो चाहा, बस एक बार मिली ।
खूबसूरत मुखड़ा इक सामने आया,
किस्मत से दोनों की आंखें चार मिली ।
झलक भर ने कर दिया बेचैन उसकी,
अगले ही लमहा दिल में सुमार मिली ।
कोशिश में, पहलू में उसके आने की,
दिल की हर धड़कन बड़ी बेक़रार मिली ।
उसको पाने के लिए भटके भी बहुत,
बदकिस्मत इस दिल को मगर हार मिली ।
उलझा रहा नादाँ अजीब फ़साने में,
इसे वो तो नहीं, इश्क की मार मिली।

- एस० डी० तिवारी

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