Wednesday, 11 March 2015

Hindi Haiku - abhooshan / dil ki baat

लगती नारी
गहने से भी प्यारी
पहने हया

नहीं छुपता
गहने पहने भी
असली रूप

नहीं जचती
लगा के रूग्ण घोड़ी
लाल लगाम

जूड़े में लगे
फूल में दब जाते
सौ सौ गहने

डाल सजाया
सोने के आभूषण
मिट्टी की काया

डाल देती है
सुंदरता में जान
एक मुस्कान

खिले प्रसून
उद्यानों के गहने
देते शकुन

ढूंढें हीरे में
सुंदरता की खान
आचरण में

सुन्दर नारी
लाख आभूषण पे
अदा है भारी

पत्नी का प्यार
यदि पाना तो लाना
गले का हार

गोरी के माथे
खिलती बिंदी जैसे
नभ पे चाँद

चले ऊंट जी
पहन आभूषण
मेले बिकने

गुड़िया रानी
लाने झुमका हार
चली बाजार

पिया को भायी
चूड़ियाँ खनकाती
सजी कलाई

गला है सूना
कठिन खरीदना
मंहगा सोना

ननदी सुन
रात में रुन झुन
हंस पड़ती

प्यार की नदी
बहाती रहती हैं
फरमाइशें

बीच बैरन
बन जाती सौतन
रात नथनी 

गांव की छोरी
चोटी में मुस्कराता
भूसे का तृण

गांव की गोरी
चूसे गन्ने की पोरी
झूमता तिल

लगा रखी है
हल्दी दूब का लेप
नाक छिदायी

भेद खोलती
चूड़ियों की चुगली
आधी रात को


अधेड़ दूल्हा
साली की ठिठोली
सरका विग

दिखाने के हैं
खाने को मोहताज
नकली दांत

पति हैरान
बाली ने खींच डाली
पत्नी के कान

************

रहे ना छुप
होंठ हों चाहे चुप
दिल की बात

बोले न होंठ
आँखों ने कह डाली
दिल की बात

ले आया हार
पूरी हुई पत्नी की
दिल की बात

कह लेने से
मन हल्का हो जाता
दिल की बात

दिल में रखे
मुह सुजाये बैठी
दिल की बात

ढूंढते प्रेमी
करने को एकांत
दिल की बात

किससे कहे
पिया है परदेश
दिल की बात


***********************

लोभ का जाल
खींच कर ले जाता
गहरे ताल

जब भी देखूं
बनारसी जलेबी
मुह में पानी

करता पार
विवेक पतवार
लोभ सिंधु से

मन की चाह
दुनिया की दौलत
हो मेरी राह

प्रेरणा स्रोत
बुराई का बनता
मन का लोभ 

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