वर्षा की ऋतु
नदी में बह रही
गरम हवा
बच्चे करते
भीगे बिना ही पार
सूखे की नदी
सूखे तालाब
रात में पशुओं का
विश्राम स्थल
खाली हो गयी
किसान की कोठिली
पृथ्वी है प्यासी
पड़ा अकाल
पक्षी गये विदेश
पशु बेहाल
सावन मास
दर्शन भी ना देते
रूठे बादल
अन्न आयात
सरकार तैयार
पड़ा अकाल
मेघा बरस
पानी दे तू पानी दे
जिंदगानी दे
हुई गठित
सूखा राहत कोष
खर्च समिति
मंत्री का देखे
सूखा क्षेत्र के बच्चे
हेलीकाप्टर
इन्द्र देवता!
आये सबको याद
पड़ा अकाल
नदी में बह रही
गरम हवा
बच्चे करते
भीगे बिना ही पार
सूखे की नदी
सूखे तालाब
रात में पशुओं का
विश्राम स्थल
खाली हो गयी
किसान की कोठिली
पृथ्वी है प्यासी
पड़ा अकाल
पक्षी गये विदेश
पशु बेहाल
सावन मास
दर्शन भी ना देते
रूठे बादल
अन्न आयात
सरकार तैयार
पड़ा अकाल
मेघा बरस
पानी दे तू पानी दे
जिंदगानी दे
हुई गठित
सूखा राहत कोष
खर्च समिति
मंत्री का देखे
सूखा क्षेत्र के बच्चे
हेलीकाप्टर
इन्द्र देवता!
आये सबको याद
पड़ा अकाल
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