हटा पहरा
छंट गया कोहरा
आया बसंत
कोहरा छंटा
खिली धरा की छटा
आया बसंत
धानी चुनर
पृथ्वी ओढ़ी सुघर
आया बसंत
सज के बैठी
धरती फूलों लदी
आया बसंत
जुटी बहारे
स्वागत करने को
आया बसंत
फूलों की गंध
किये मन मलंग
आया बसंत
ऋतु महंत
ठिठुरन का अंत
आया बसंत
आम बौराये
आया बसंत
ऋतु महंत
ठिठुरन का अंत
आया बसंत
आम बौराये
भ्रमर मंडराये
आया बसंत
मन बहका
पंछी दल चहका
आया बसंत
प्रफुल्ल मन
पुष्पित उपवन
आया बसंत
फागुन मास
आया बसंत
फागुन मास
खिले वन पलाश
आया बसंत
वृक्षों पे नव
अंकुरित पल्लव
आया बसंत
कोयल गाती
तितली बलखाती
आया बसंत
हुई बसंती
धरा पीताम्बर में
आया बसंत
सरसों फूले
फूलों पे भौरे झूमे
आया बसंत
पृथ्वी के अंग
रंगे फूलों के रंग
आया बसंत
प्रेमी युगल
देखे छटा निकल
आया बसंत
अलि कोकिला
कुहुकें सुर मिला
आया बसंत
अंकुरित पल्लव
आया बसंत
धरा उड़ाती
पीली धानी चुनरी
आया बसंत
पीली धानी चुनरी
आया बसंत
तितली बलखाती
आया बसंत
हुई बसंती
धरा पीताम्बर में
आया बसंत
सरसों फूले
फूलों पे भौरे झूमे
आया बसंत
पृथ्वी के अंग
रंगे फूलों के रंग
आया बसंत
प्रेमी युगल
देखे छटा निकल
आया बसंत
अलि कोकिला
कुहुकें सुर मिला
आया बसंत
अलि के भाग
पाया ढेर पराग
आया बसंत
ऋतु के रंग
रंगा बसंती मन
आया बसंत
ऋतु के रंग
रंगा बसंती मन
आया बसंत
बागों में प्रेमी
फूल भौरों के संग
आया बसंत
बागों में बौर
बने भौरों के ठौर
आया बसंत
खिला सरसों संग
आया बसंत
फूल भौरों के संग
आया बसंत
बागों में बौर
बने भौरों के ठौर
आया बसंत
कृषक मन
आया बसंत
दो दो गायक
कोयल और तोता
मात्र मैं श्रोता
शीत भी नीक
इसी बहाने आया
निकट मीत
****
बसंती हवा (हाइकु) - १
पुष्पों को चूम
चली नाचती झूम
बसंती हवा
आली रे आली
लेकर हरियाली
बसंती हवा
कली मुस्काई
ज्यों आ के सहलाई
बसंती हवा
छूकर फूल
सुरभित समूल
बसंती हवा
पंख पसार
तितलियाँ तैयार
बसंती हवा
बजाते ताली
पात पेड़ों की डाली
बसंती हवा
बसंती हवा
गाते भ्रमर
उड़ो ठहरकर
बसंती हवा
बसंती हवा
बजाते ताली
पात पेड़ों की डाली
बसंती हवा
फूल खिलाती
फूलों को छेड़ जाती बसंती हवा
पुष्प महके
सूंघ पक्षी चहके
बसंती हवा
रही निहार
घूम भू का श्रृंगार
बसंती हवा
(C) एस. डी. तिवारी
बसंती हवा (हाइकु) -२
कल से आती
विकल कर जाती
बसंती हवा
विकल कर जाती
बसंती हवा
प्रेम की पाती
प्रियतम की लाती
बसंती हवा
प्रियतम की लाती
बसंती हवा
मन छू जाती
अनुराग जगाती
बसंती हवा
बसंती हवा
जी मकरंद
ज्यूँ बिखेरी सुगंध
बसंती हवा
नींद न आती
पा अकेले चुराती
बसंती हवा
पिया विदेश
विरहन को ठेस
बसंती हवा
साजन आये
संग लेकर आये
बसंती हवा
ले गयी उड़ा
मन की सब व्यथा
बसंती हवा(C) एस. डी. तिवारी
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