Thursday, 12 February 2015

Hindi haiku - aya basant



हटा पहरा
छंट गया कोहरा
आया बसंत


कोहरा छंटा 
खिली धरा की छटा
आया बसंत

धानी चुनर
पृथ्वी ओढ़ी सुघर
आया बसंत

सज के बैठी
धरती फूलों लदी
आया बसंत

जुटी बहारे
स्वागत करने को
आया बसंत

फूलों की गंध 
किये मन मलंग 
आया बसंत

ऋतु महंत 
ठिठुरन का अंत
आया बसंत

आम बौराये 
भ्रमर मंडराये 
आया बसंत 

मन बहका 
पंछी दल चहका 
आया बसंत

प्रफुल्ल मन
पुष्पित उपवन 
आया बसंत

फागुन मास
खिले वन पलाश 
आया बसंत 

वृक्षों पे नव 
अंकुरित पल्लव
आया बसंत

धरा उड़ाती
पीली धानी चुनरी
आया बसंत

कोयल गाती
तितली बलखाती
आया बसंत

हुई बसंती
धरा पीताम्बर में
आया बसंत

सरसों फूले
फूलों पे भौरे झूमे
आया बसंत

पृथ्वी के अंग
रंगे फूलों के रंग
आया बसंत

प्रेमी युगल
देखे छटा निकल
आया बसंत

अलि कोकिला 
कुहुकें सुर मिला 
आया बसंत

अलि के भाग 
पाया ढेर पराग 
आया बसंत 

ऋतु के रंग
रंगा बसंती मन 
आया बसंत

बागों में प्रेमी
फूल भौरों के संग
आया बसंत

बागों में बौर
बने भौरों के ठौर
आया बसंत

कृषक मन 
खिला सरसों संग
आया बसंत



दो दो गायक 
कोयल और तोता 
मात्र मैं श्रोता 

शीत भी नीक 
इसी बहाने आया 
निकट मीत 

 ****

बसंती हवा (हाइकु) - १ 

पुष्पों को चूम 
चली नाचती झूम   
बसंती हवा 

आली रे आली 
लेकर हरियाली 
बसंती हवा 

कली मुस्काई 
ज्यों आ के सहलाई 
बसंती हवा 

छूकर फूल 
सुरभित समूल 
बसंती हवा

पंख पसार 
तितलियाँ तैयार 
बसंती हवा 

गाते भ्रमर
उड़ो ठहरकर 
बसंती हवा

बजाते ताली
पात पेड़ों की डाली
बसंती हवा

फूल खिलाती 
फूलों को छेड़ जाती 
बसंती हवा 

पुष्प महके 
सूंघ पक्षी चहके 
बसंती हवा 

रही निहार  
घूम भू का श्रृंगार 
बसंती हवा 


(C) एस. डी. तिवारी  


बसंती हवा (हाइकु) -२ 


कल से आती
विकल कर जाती
बसंती हवा

प्रेम की पाती  
प्रियतम की लाती   
बसंती हवा

मन छू जाती
अनुराग जगाती  
बसंती हवा

जी मकरंद 
ज्यूँ बिखेरी सुगंध 
बसंती हवा 

नींद न आती 
पा अकेले चुराती 
बसंती हवा 

पिया विदेश 
विरहन को ठेस 
बसंती हवा 

साजन आये 
संग लेकर आये 
बसंती हवा

ले गयी उड़ा 
मन की सब व्यथा 
बसंती हवा


(C) एस. डी. तिवारी 

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