Holi ke रंग
होली के दिन,
बच्चों ने तानी
बीती रंजिशें भूले
होली के दिन
निकली टोली
पप्पू की पिचकारी
अगली होली
खेलेगी होली
नई पिचकारी से
जिद्द में डोली
आने न पाई
प्रह्लाद पर आंच
दग्ध होलिका
चारु चमन
चमकता जुगनू
चिढ़ता चांद
प्रकृति
बौराये आम
बिखरते विलोक
होली के रंग
रंगी धरा की
धानी पीली चुनरी
होली के रंग
उड़े गुलाल
रंगे हवा के अंग
होली के रंग
धरा मुस्काई
भिगो दिया बसंत
होली के दिन,
भू पर छाई
रंगों की गहराई
होली के दिन
छनेगा पुआ
खाएंगे सब मिल
होली के दिन
बने जोकर
मालिक व नौकर
होली के दिन
खाएंगे सब मिल
होली के दिन
बने जोकर
मालिक व नौकर
होली के दिन
बच्चों ने तानी
बड़ों पे पिचकारी
होली के दिन
मिले दो गले होली के दिन
बीती रंजिशें भूले
होली के दिन
निकली टोली
जाएगी टोला टोला
होली के दिन
***************
रहा मलाल
नहीं मला गुलाल
गोरी के गाल
होली के दिन
खान पठान
दुबके घर बैठे,
होली के दिन,
विधवा नारी
रही कोरी ही साड़ी
होली के दिन
होली के दिन
रहा मलाल
नहीं मला गुलाल
गोरी के गाल
मला गुलाल
गोरी का मुंह लाल
मेरा कमाल
माँ ने रख दीगोरी का मुंह लाल
मेरा कमाल
पप्पू की पिचकारी
अगली होली
खेलेगी होली
नई पिचकारी से
जिद्द में डोली
आने न पाई
प्रह्लाद पर आंच
दग्ध होलिका
चारु चमन
चमकता जुगनू
चिढ़ता चांद
प्रकृति
बौराये आम
बिखरते विलोक
होली के रंग
रंगी धरा की
धानी पीली चुनरी
होली के रंग
उड़े गुलाल
रंगे हवा के अंग
होली के रंग
धरा मुस्काई
भिगो दिया बसंत
होली के रंग
बच्चों ने मारी
भर के पिचकारी
होली के रंग
छूकर हिया
जगाई सोई याद
बसंती हवा
परंपरा
छनेगी भंग
खेल लेने के बाद
होली के रंग
जीभ की पुआ
जीवन की मिठास
होली के रंग
कल खेलेंगे
आज जला होलिका
होली के रंग
रिश्ते
देवर भीगा
ननद की है बारी
होली के रंग
भिगो डालूंगी
ननद देवर को
होली के रंग
भरे उमंग
बच्चे बूढ़े जवान
होली के रंग
रंग बिरंगी
सज चली धरती
होली के रंग
रंगी ननद
अब देवर की बारी
होली के रंग
डाल के साली
जीजा को रंग डाली
होली के रंग
भाव / रस
गिरे टब में
खुद जो भर रखे
होली के रंग
छोड़ूँ ना पिया
भिगोऊँगी मैं अंग
होली के रंग
कल जो लड़े
ले बच्चे आज संग
होली के रंग
डालूंगी अंग
आएगा जो समीप
होली के रंग
सूरत हुई
रंग के डरावनी
होली के रंग
क्रोध न करो
ये तो है प्रेम भरा
होली के रंग
छूना न लगा
मोरी कोरी चुनर
होली के रंग
मले गुलाल
गाल हो गए लाल
होली के रंग
घर अकेली
कोई न भाये सखी!
होली के रंग
होली में फीके -
पिया है परदेश
होली के रंग
भाये ना मन
पिया है सीमा पर
होली के रंग
उमंग
भांग का गोला
खा के खेलने डोला
होली के रंग
रंगीं पतंग
रंग के उड़े मन
होली के रंग
चुनरी संग
भीगी अंगिया सारी
होली के रंग
गाती बजाती
चली खेलने टोली
होली के रंग
होली पे खेलें
बच्चे बूढ़े जवान
होली के रंग
दैविक
कान्हा के हाथ
कनक पिचसखि कारी
होली के रंग
कान्हा ने डाला
भीगे राधा के अंग
होली के रंग
लिए उमंग
खेल रहीं गोपियाँ
होली के रंग
श्याम ना संग
भाये ना राधिका को
होली के रंग
डालो न श्याम
भीगे अंगिया सारी
होली के रंग
कान्हा ने डाला
भीगे राधा के अंग
होली के रंग
लिए उमंग
खेल रहीं गोपियाँ
होली के रंग
कर न मोसे
बरजोरी कन्हैया
हाथों ले रंग
***
राधा ने डारी
कान्हा पे पिचकारी
रंगों में डूब
खेलूंगी होली
सखि री मैं भी खूब
रंगों में डूब
फागुन मास
उठे मन तरंग
रंगों में डूब
बरसाने में
नर नारी की धूम
रंगों में डूब
खाय रहे हैं
गुजिया आलू चिप्स
रंगों में डूब
बुढऊ बैठे
जोह रहे सबको
रंगों में डूब
खेलूंगी आज
मैं पिया संग होली
रंगो में डूब
***
ढोल मजीरा
ले के बजाती चली
होली की टोली
संग ले आया
देवरा बदमाश
होली की टोली
और तो और
बच्चे भी चले बना
होली की टोली
दुबकी साली
जीजा संग आ रही
होली की टोली
जुमी द्वार पे
खेलन को री होली
होली की टोली
किसके द्वारे
जाके छानेगी भांग
होली की टोली
नहीं अघात
फगुआ गावत से
होली की टोली
फूलों से रंग
पृथ्वी बनी रंगोली
ऋतु बसंत
***
गेंदा गुलाब
टेसू के फूल फूले
होली आई रे
फूल फूल पे
डोले आवारा भौंरे
होली आई रे
अब तो आ जा
फागुन बीता जाय
होली आई रे
खेलूंगी होली
मैं पिया संग आज
होली आई रे
उड़े गुलाल
बादल हुए लाल
होली आई रे
जोगिया गाये
जोगीरा सररर
होली आई रे
खेले ब्रज में
राधा से होली कान्हा
होली आई रे
करे राधा से
बरजोरी कन्हैया
होली आई रे
कली मुस्काय
भ्रमर मडराय
होली आई रे
आम बौराय
खेतवा गदराय
होली आई रे
विधवा नारी
कोरी ही रही साड़ी
होली आई रे
ली अंगड़ाई
सूरज आँखे खोल
होली आई रे
बजे मजीरा
झाल मृदंग ढोल
होली आई रे
भू पर छाई
रंगों की गहराई
होली आई रे
बच्चों ने तानी
बड़ों पे पिचकारी
होली आई रे
जमाये फ़ाग
जुम्मन जग्गू जॉन
होली आई रे
होली के दिन
ली पिचकारी तान
होली आई रे
जम के खेलीं
जूही जमालो जूली
होली आई रे
होली के दिन
बीती रंजिशें भूली
होली आई रे
***
होली के दिन
जान न पहचान
रंग की घान
होली के दिन
छानता मालपुआ
होत बिहान
होली के दिन
पुराने परिधान
धारे प्रधान
होली के दिन
गुजिया आलू चिप्स
सबके धाम
होली के दिन
दुबक घर बैठे
खान पठान
होली के दिन
निकले टोली बना
गिरीश ज्ञान
होली के दिन
सताओ न किसी को
रखना भान
*****
करती चली
होली की हुड़दंग
मस्तों की टोली
रंग रंजित
मन को मार
बनाई माँ गुजिया
लाल सीमा पे
होली की भोर
टेलीफोन की घंटी
बेटा सीमा पे
रहा मलाल
नहीं मला गुलाल
पिऊ सीमा पे
क्या बना घर
होली पे ले खबर
फौजी को सब्र
छना न घर
अबकी मालपुआ
सुत सीमा पे
अबकी बार
रंग डालूँ हजार
आया वो छुट्टी
सूनी कलाई
राखी देर से आई
भाई सीमा पे
गुजिया में भर के
नकली मावा
हुआ झगड़ा
प्रकाश की पिटाई
होली मनाई
उदास बैठा
किस बात की सजा
सोच में पंछी
बुढ़ापे के दिन
बचपन के दिन
सास के दिन
बहु के दिन
jawani के दिन
छात्र के दिन
कुत्ते की roti
प्रकृति
बच्चों ने मारी
भर के पिचकारी
होली के रंग
छूकर हिया
जगाई सोई याद
बसंती हवा
परंपरा
छनेगी भंग
खेल लेने के बाद
होली के रंग
जीभ की पुआ
जीवन की मिठास
होली के रंग
कल खेलेंगे
आज जला होलिका
होली के रंग
रिश्ते
देवर भीगा
ननद की है बारी
होली के रंग
भिगो डालूंगी
ननद देवर को
होली के रंग
भरे उमंग
बच्चे बूढ़े जवान
होली के रंग
रंग बिरंगी
सज चली धरती
होली के रंग
रंगी ननद
अब देवर की बारी
होली के रंग
डाल के साली
जीजा को रंग डाली
होली के रंग
भाव / रस
गिरे टब में
खुद जो भर रखे
होली के रंग
छोड़ूँ ना पिया
भिगोऊँगी मैं अंग
होली के रंग
कल जो लड़े
ले बच्चे आज संग
होली के रंग
डालूंगी अंग
आएगा जो समीप
होली के रंग
सूरत हुई
रंग के डरावनी
होली के रंग
क्रोध न करो
ये तो है प्रेम भरा
होली के रंग
छूना न लगा
मोरी कोरी चुनर
होली के रंग
मले गुलाल
गाल हो गए लाल
होली के रंग
घर अकेली
कोई न भाये सखी!
होली के रंग
होली में फीके -
पिया है परदेश
होली के रंग
भाये ना मन
पिया है सीमा पर
होली के रंग
उमंग
भांग का गोला
खा के खेलने डोला
होली के रंग
रंगीं पतंग
रंग के उड़े मन
होली के रंग
चुनरी संग
भीगी अंगिया सारी
होली के रंग
गाती बजाती
चली खेलने टोली
होली के रंग
होली पे खेलें
बच्चे बूढ़े जवान
होली के रंग
दैविक
कान्हा के हाथ
कनक पिचसखि कारी
होली के रंग
कान्हा ने डाला
भीगे राधा के अंग
होली के रंग
लिए उमंग
खेल रहीं गोपियाँ
होली के रंग
श्याम ना संग
भाये ना राधिका को
होली के रंग
डालो न श्याम
भीगे अंगिया सारी
होली के रंग
कान्हा ने डाला
भीगे राधा के अंग
होली के रंग
लिए उमंग
खेल रहीं गोपियाँ
होली के रंग
कर न मोसे
बरजोरी कन्हैया
हाथों ले रंग
***
राधा ने डारी
कान्हा पे पिचकारी
रंगों में डूब
खेलूंगी होली
सखि री मैं भी खूब
रंगों में डूब
फागुन मास
उठे मन तरंग
रंगों में डूब
बरसाने में
नर नारी की धूम
रंगों में डूब
खाय रहे हैं
गुजिया आलू चिप्स
रंगों में डूब
बुढऊ बैठे
जोह रहे सबको
रंगों में डूब
खेलूंगी आज
मैं पिया संग होली
रंगो में डूब
***
ढोल मजीरा
ले के बजाती चली
होली की टोली
संग ले आया
देवरा बदमाश
होली की टोली
और तो और
बच्चे भी चले बना
होली की टोली
दुबकी साली
जीजा संग आ रही
होली की टोली
जुमी द्वार पे
खेलन को री होली
होली की टोली
किसके द्वारे
जाके छानेगी भांग
होली की टोली
नहीं अघात
फगुआ गावत से
होली की टोली
फूलों से रंग
पृथ्वी बनी रंगोली
ऋतु बसंत
***
गेंदा गुलाब
टेसू के फूल फूले
होली आई रे
फूल फूल पे
डोले आवारा भौंरे
होली आई रे
फागुन बीता जाय
होली आई रे
खेलूंगी होली
मैं पिया संग आज
होली आई रे
उड़े गुलाल
बादल हुए लाल
होली आई रे
जोगिया गाये
जोगीरा सररर
होली आई रे
खेले ब्रज में
राधा से होली कान्हा
होली आई रे
करे राधा से
बरजोरी कन्हैया
होली आई रे
कली मुस्काय
भ्रमर मडराय
होली आई रे
आम बौराय
खेतवा गदराय
होली आई रे
कोरी ही रही साड़ी
होली आई रे
सूरज आँखे खोल
होली आई रे
बजे मजीरा
झाल मृदंग ढोल
होली आई रे
भू पर छाई
रंगों की गहराई
होली आई रे
बच्चों ने तानी
बड़ों पे पिचकारी
होली आई रे
जमाये फ़ाग
जुम्मन जग्गू जॉन
होली आई रे
होली के दिन
ली पिचकारी तान
होली आई रे
जूही जमालो जूली
होली आई रे
होली के दिन
बीती रंजिशें भूली
होली आई रे
होली के दिन
जान न पहचान
रंग की घान
होली के दिन
छानता मालपुआ
होत बिहान
होली के दिन
पुराने परिधान
धारे प्रधान
होली के दिन
गुजिया आलू चिप्स
सबके धाम
होली के दिन
दुबक घर बैठे
खान पठान
निकले टोली बना
गिरीश ज्ञान
होली के दिन
सताओ न किसी को
रखना भान
*****
करती चली
होली की हुड़दंग
मस्तों की टोली
रंग रंजित
चली रंगीन चाल
मस्तों की टोली
उड़ाती चली
हवाओं में गुलाल
मस्तों की टोली
बजाती चली
ढोल मजीरा झाल
मस्तों की टोली
रंगों में भीगी
हरे बैगनी लाल
मस्तों की टोली
जो कोई आता
लेती रंग में ढाल
मस्तों की टोली
मस्तों की टोली
उड़ाती चली
हवाओं में गुलाल
मस्तों की टोली
बजाती चली
ढोल मजीरा झाल
मस्तों की टोली
रंगों में भीगी
हरे बैगनी लाल
मस्तों की टोली
जो कोई आता
लेती रंग में ढाल
मस्तों की टोली
खेल के होली
हाल हुआ बेहाल
मस्तों की टोली
मस्ती में डूबी
उमंगें उतराती
मस्तों की टोली
*************
होली पे पत्नी
मन लिए उदासी
पति सीमा पे
छीना उमंग
पति दूर रह के
होली बेरंग
नहीं चढ़ाई
माँ पुआ की कड़ाही
बेटा सीमा पे
अबकी होली
गोरी यादों में खेली
पति सीमा पे
हाल हुआ बेहाल
मस्तों की टोली
मस्ती में डूबी
उमंगें उतराती
मस्तों की टोली
*************
होली पे पत्नी
मन लिए उदासी
पति सीमा पे
छीना उमंग
पति दूर रह के
होली बेरंग
नहीं चढ़ाई
माँ पुआ की कड़ाही
बेटा सीमा पे
अबकी होली
गोरी यादों में खेली
पति सीमा पे
बनाई माँ गुजिया
लाल सीमा पे
होली की भोर
टेलीफोन की घंटी
बेटा सीमा पे
रहा मलाल
नहीं मला गुलाल
पिऊ सीमा पे
क्या बना घर
होली पे ले खबर
फौजी को सब्र
छना न घर
अबकी मालपुआ
सुत सीमा पे
अबकी बार
रंग डालूँ हजार
आया वो छुट्टी
राखी देर से आई
भाई सीमा पे
आने न पाई
प्रह्लाद पर आंच
दग्ध होलिका
कर्ज खाकर
छोटे तो जाते जेल
मोटे विदेश
बैंक की लूट
बना देती आसान
मिली भगत
चारु चमन
चमकता जुगनू
चिढ़ता चांद
चाव से खायाप्रह्लाद पर आंच
दग्ध होलिका
कर्ज खाकर
छोटे तो जाते जेल
मोटे विदेश
बैंक की लूट
बना देती आसान
मिली भगत
चारु चमन
चमकता जुगनू
चिढ़ता चांद
गुजिया में भर के
नकली मावा
हुआ झगड़ा
प्रकाश की पिटाई
होली मनाई
उदास बैठा
किस बात की सजा
सोच में पंछी
बचपन के दिन
सास के दिन
बहु के दिन
jawani के दिन
छात्र के दिन
कुत्ते की roti
प्रकृति
धरती को रंगने लेकर आया बसंत, होली के रंग।
चहुँ ओर उड़े गुलाल रंगे हवा के अंग, होली के रंग।
चहुँ ओर उड़े गुलाल रंगे हवा के अंग, होली के रंग।
टेसू फूले, अमवा बौराये, महक उठे वन उपवन,
चुराने उमड़े गुन गुन करते मकरंद, होली के रंग।
धरती की हो गयी लाल पीली धानी चुनरी
देख बौराये आम, पिए बिन भंग, होली के रंग
परंपरा
कल खेलेंगे, जली होलिका आज, होली के रंग
छनेगी भांग, खेल लेने के पश्चात, होली के रंग
गाते बजाते चलेगी टोली, करते मस्ती, हुड़दंग
जीभ की गुजिया, जीवन की मिठास, होली के रंग
रिश्ते
देवर भीगा, अब ननद की है बारी, होली के रंग
डाल के साली, जीजा को रंग डारी, होली के रंग
खेलूंगी होली इस बार पिया से रंगो में मैं भीग
चुनरी संग भीगी अंगिया सारी, होली के रंग
भाव / रस
गिरे टब में, खुद जो भर रखे, होली के रंग
आज संग बच्चे, ले, कल जो लड़े, होली के रंग
सूरत छैला की रंग के हो गयी डरावनी बड़ी
क्रोध की क्या बात, प्रेम से भरे, होली के रंग
होली पे खेलने जुटीं सहेली, होली के रंग
कोई न भाये, घर पे अकेली, होली के रंग
भाये ना मन कोई भी रंग, पिया परदेश
उमंग
भांग का गोला, खा के खेलने डोला, होली के रंग
गाती बजाती टोली चली उस टोला, होली के रंग
उमंग भरे बच्चे, बूढ़े, जवान निकले सीना तान
सतरंगी रंगा, आज सबका चोला, होली के रंग
करती चली, होली की हुड़दंग, मस्तों की टोली
सिर से पैर, रंजित चली रंग, मस्तों की टोली
रंगती सबको, उड़ाती चली हवाओं में गुलाल,
बजाती, झाल, मजीरा मृदंग, मस्तों की टोली
दैविक
कान्हा के हाथ कनक पिचकारी, होली के रंग
लगाकर निशाना राधा पे मारी, होली के रंग
भाये न रंग, कान्हा से होकर तंग, राधा पुकारी
डालो न श्याम, भीगे अंगिया सारी, होली के रंग
राधा ने मारी, कान्हा पे पिचकारी, रंगों में डूब
खेलूंगी होली, तोसे मैं भी सखा री, रंगों में डूब
फागुन मास, मन हो गया मतवाला सभी का
खेलत होली, बरसाने में नर नारी, रंगों में डूब
***
जान न पहचान, रंगों की घान, होली के दिन,
छानता मालपुआ, होत बिहान, होली के दिन,
भोला डोला, दिन भर ढूंढता, भांग का गोला,
पहन के निकला पुराने परिधान, होली के दिन,
दुबकी साली, जीजा संग आ रही, होली की टोली
जुमी द्वार चिप्स गुजिया खा रही, होली की टोली
पता नहीं रंगो में डूबा, चेहरे के पीछे कौन छुपा
नहीं अघात फगुआ, चैता गा रही, होली की टोली
***
गेंदा गुलाब टेसू के फूल फूले होली आई रे
फूल फूल पे डोले आवारा भौंरे होली आई रे
अब तो आ जा फागुन बीता जाय होली आई रे
खेलूंगी होली
मैं पिया संग आज
होली आई रे
उड़े गुलाल
बादल हुए लाल
होली आई रे
जोगिया गाये
जोगीरा सररर
होली आई रे
खेले ब्रज में
राधा से होली कान्हा
होली आई रे
करे राधा से
बरजोरी कन्हैया
होली आई रे
कली मुस्काय
जोगिया गाये
जोगीरा सररर
होली आई रे
खेले ब्रज में
राधा से होली कान्हा
होली आई रे
करे राधा से
बरजोरी कन्हैया
होली आई रे
कली मुस्काय
भ्रमर मडराय
होली आई रे
आम बौराय
खेतवा गदराय
होली आई रे
सूरज आँखे खोल
होली आई रे
बजे मजीरा
झाल मृदंग ढोल
होली आई रे
जमाये फ़ाग
जुम्मन जग्गू जॉन
होली आई रे
होली के दिन
ली पिचकारी तान
होली आई रे
जम के खेलीं
जूही जमालो जूली
होली आई रे
***
होली आई रे
होली के दिन
ली पिचकारी तान
होली आई रे
जूही जमालो जूली
होली आई रे