सेवानिवृत्ति
जीवन की एक लंबी यात्रा के बाद,
छूट गया मेरे सह यात्रियों का साथ।
और यहाँ तक की यात्रा हुई समाप्त।
यह यात्रा रही, बड़े उमंगों से भरी।
कई रंगों से भरी, सुगंधों से भरी।
विलास पूर्ण रही, उल्लास पूर्ण रही
सपने लिए, अपनों के संगो से भरी।
बड़ी खूब रही, उदासियों से दूर रही।
नाना भांति के, निधियों से पूर रही।
अनेकों मित्रों का, ढेर सारा प्यार रहा
साथियों के साथ, मस्ती में चूर रही।
कदम कदम पर, उन सबका संग रहा।
अपार सहयोग, और अवलंब रहा।
कठिन परिस्थितियों से भी, निपटने का
सहकर्मियों के साथ का, आलम्ब रहा।
नियमों विनियमों में खुद को उलझाने से।
रोज रोज, उपस्थिति दर्ज कराने से।
अब इस बंधन से आजाद हो चुके हैं
खाना का डब्बा बांध काम पर जाने से।
अब कहीं भी, विचरण कर सकेंगे ।
एक आजाद पक्षी बनकर, उड़ सकेंगे।
जीवन में अब तक क्या खोया है
उसे भी जानने का अवसर, ढूढ़ सकेंगे ।
कार्य पर रहना, नियमों की जरूरत है।
जहाँ और भी है, और बहुत खूबसूरत है।
वहां भी चलकर, चहलकदमी कर लें
और भी लोग हैं, जिन्हें मेरी जरूरत है।
मुझे ज्ञात है सब कुछ है सिमित ही।
सेवाकाल भी और उम्र की अवधि भी।
असीमित है तो मात्र प्रभु का प्यार है
उसकी दी हुई वायु धूप जलधि भी।
ढूंढेंगे जीवन के वास्तविक मूल्य को।
चेष्टा करेंगे पाना असली लक्ष्य को।
व्यवसाय तो साधन है यातायात का
कुछ आगे ले जाने अपने गन्तव्य को।
कार्य पर रहना, नियमों की जरूरत है।
जहाँ और भी है, और बहुत खूबसूरत है।
वहां भी चलकर, चहलकदमी कर लें
और भी लोग हैं, जिन्हें मेरी जरूरत है।
मुझे ज्ञात है सब कुछ है सिमित ही।
सेवाकाल भी और उम्र की अवधि भी।
असीमित है तो मात्र प्रभु का प्यार है
उसकी दी हुई वायु धूप जलधि भी।
ढूंढेंगे जीवन के वास्तविक मूल्य को।
चेष्टा करेंगे पाना असली लक्ष्य को।
व्यवसाय तो साधन है यातायात का
कुछ आगे ले जाने अपने गन्तव्य को।
अब तो समय का कोई अभाव न होगा।
किसी तरह के बंधन का भाव न होगा।
मगर व्यवसाय से सेवानिवृत्ति का
पूर्ण विश्राम रहेगा, अभिप्राय न होगा।
किसी तरह के बंधन का भाव न होगा।
मगर व्यवसाय से सेवानिवृत्ति का
पूर्ण विश्राम रहेगा, अभिप्राय न होगा।
मिल पाता लक्ष्य, बिना यत्न कहाँ है ?
बीच में रुक जाने, का प्रश्न कहाँ है ?
रास्ते का एक पड़ाव, भर पार किया
राह में कहीं और कोई जश्न कहाँ है ?
प्रयत्न करेंगे जिंदगी को संवारने का।
जो निधि मिली है, सबको बांटने का।
अपना अनुभव और ज्ञान जो भी मिला
अगले सत्र में, उन सबको साधने का।
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