Wednesday, 30 August 2017

Haiku geet pyar 5


चमकता ना
यूँ चाँद गगन में
तुम न होते

कहाँ से होती
ठंडक पवन में
तुम न होते

आ नहीं पाती
सुगंध सुमन में
तुम न होते

होते न फूल
पुष्पित चमन में
तुम न होते

राहत कौन
दिलाता थकन में
तुम न होते

मिलता नहीं
आशीष नमन में
तुम न होते

बुझाता कौन
पावक तपन में
तुम न होते

जीता ये दिल
काँटों की चुभन में
तुम न होते

भेद न होता
जीवन मरन में
तुम न होते

जीते जी हम
हो जाते कफ़न में
तुम न होते


**************

मन भावन
बहकाये सावन
घेरी बदरी

पड़े फुहार
दिल गावे मल्हार
प्रीत कजरी

घटा ने सखी
दिल किया दीवाना
तू ना हंस री

तुम्हरे संग
बरसेगा सावन
प्रेम रस री

दिल में मेरे 
चकोर सी तुझसे
प्रीत गहरी

कौन सुनेगा
तुम बिन साजन
गीत हमरी

दिल की किये
न जाओ परदेश  
गली संकरी

आएगा लौट  
जाकर परदेश
जाने कब री

बांध रखूंगी
अबकी बरसात 
प्रेम रसरी


************

ख़त

नहीं संभाले
मैंने भी लिखा उसे 
प्यार में ख़त


लिख के फाड़ा    
कई बार तो लिखा  
पहला खत  

फाडे भी जाते
आंसू नहीं बहाते

सारे ही ख़त

फाड़ कर वो 

बहुत पछताई
पहला ख़त


उसका भेजा
प्यार का सिलसिला
चलाया खत

खोल दी पट्टी
दीवार के छिद्र में
खोंसी वो चिट्ठी

पढ़ा जो भाई
गाल पर लगाई
उसका ख़त


धुलते रहे
वह पढ़ती रही
ख़त के शब्द


घिसे वो शब्द
आज भी पढ़ती है
पहला ख़त



दो की जिंदगी
पिरो गया सूत्र में
नन्हा सा ख़त




*********


इन आँखों में
मेरी हर सांसों में
तुम्हीं तुम हो

दिल में तुम
जिंदगी में हमेशा
तुम्हीं तुम हो

हंसीं लगतीं
जिन राहों में साथ
तुम्हीं तुम हो

देख लगता
गगन सितारों में
तुम्हीं तुम हो

जबसे मिले
मेरी हर यादों में
तुम्हीं तुम हो

*********

देखा जबसे 
बसाये हैं सूरत  
आँखों में तेरी 

पढ़ के दिल   
खिला अपना नाम  
आँखों में तेरी 

देखते हम 
जागता  हुआ प्यार 
आँखों में तेरी 

प्यार ही प्यार 
बसाया बेसुमार 
आँखों ने तेरी 

देख न लेते 
मिलता नहीं चैन

आँखों में तेरी

*********

सूना सावन
आये नहीं साजन
मन में आग 


बुझा ना पाया 
विरहन के सावन 
मन की आग


जगा दी और 
सावन की फुहार
मन की आग


सावन भादों 
बरसात की झड़ी 
आँखों में लगी 

सुखा न पायी  
आंसुओं की बारिश   
मन की आग 

***********

जाता है जग  
सब सो रहे होते  
दिल का दर्द  

जागता जब
मुझे भी जगा देता 
दिल का दर्द 

नहीं बहाता 
लहू पर सताता 
दिल का दर्द 

क्यों न उठेगा 
दुखाओगे तुम यूँ 
दिल का दर्द 

हमें देकर 
चले गए वो दूर 

दिल का दर्द  

*******


तुम जो हंसे
हर तरफ झरे
प्यार के मोती

पाकर तेरा
संवर गया दिल
प्यार के मोती

पाकर दिल
हो गया अनमोल
प्यार के मोती

दिए जो तुम
पिरो लिए माला में
प्यार के मोती

बनाये माला
मिल तेरे व मेरे
प्यार के मोती 

********

घेरे बदरा
कसमस जियरा
उनके बिन

लगा सावन
जलाता सा बदन
उनके बिन

आया बसंत
थे कुम्हलाये हम
उनके बिन

जाड़े की ओस
उड़ाती रही होश
उनके बिन

चैन दुस्वार
हुआ जीना भी भार
उनके बिन

***********

हुए जबसे
सोते भीगीं पलकें
तुमसे दूर

होते ही छेड़ा
चंदा हो मगरूर
तुमसे दूर

बिताई रातें
होकर मजबूर
तुमसे दूर

रहा न साथ
मेरी आँखों का नूर
तुमसे दूर

सांसों की गर्मी
जलाई भरपूर
तुमसे दूर 

***********


दहक उठे
जैसे अंगार लाल
तेरे अधर

मेरे अधर
छू लेने को अधीर
तेरे अधर

प्रतीक्षा कर
पा सके कई वर्ष
तेरे अधर

रख अधर
तुम किये दीवाना
अधरों पर

खो गए हम
जाने कहाँ पाकर
तेरे अधर

*********

कटते नहीं
अकेले रह दिन
तुम्हारे बिन

तन्हा हो गए
इस जहां में भरे
तुम्हारे बिन

लगता न जी
वीरानियों में इन
तुम्हारे बिन

मुरझा गए
फूल होकर खिन्न
तुम्हारे बिन

चैन के पल
कोई ले गया छीन
तुम्हारे बिन 

***********

जाओ न सैंया
मझधार में छोड़
हमारी नैया

हम भी रहे
जितने रहे दूर
तुम सनम

पढ़े न तुम
आंसुओं से फसाने
लिखे थे हम

इतने बड़े
कैसे सम्हालें हम
दिए हो गम

जबसे गए
तुम छोड़ के हमें
अंखियां नम

तुम्हारे बिन
रातों का घना तम
होता न कम

********


छेड़ा जो तूने 
गयी दिल में मेरे  
उल्फत जाग 

तुझसे मिल  
अलापता है दिल  
प्रेम का राग 

दूर न भाग 
लगाकर सनम 
दिल में आग 

डंसती रात  
संग तू नहीं होता 
जैसे की नाग 

देखती पंथ 
बैठ मुंडेर जब  
बोलता काग 

***********


नजर पड़ी
तेरी जो मुझ पर
बिजली गिरी

बिजली गिरी
तेरे इश्क की मारी
हाय मैं मरी

हाय मैं मरी
मुहब्बत में तेरी
गई जकड़ी

गई जकड़ी
तेरा हाथ पकड़
संग मैं चली

संग मैं चली
छोड़ दुनिया सारी
अँधेरी गली  

************

मोल ले लिया
आफत बेशुमार
करके प्यार

कलियाँ कम
मिले कांटे हजार
करके प्यार

खोया रहता
हुआ दिल बेजार
करके प्यार

दिल में हुआ
मीठा दर्द सुमार
करके प्यार

हुआ हमसे
ईर्ष्यालु ये संसार
करके प्यार

*************

कैद परिंदा
दिल को कर देता
प्यार का फंदा

अपनी छोड़
अब उसकी चिंता
प्यार का फंदा

फंसा बेचारा
गया काम से बंदा
प्यार का फंदा

कसता गला
अगर ढीला बंधा
प्यार का फंदा

जरा सी शंका
कमजोर हो जाता
प्यार का फंदा

समय ज्यादा
संवरने में जाता
प्यार का फंदा

घोंट के दम
तड़पाता रहन्दा
प्यार दा फंदा

****************

जलाये हम
मिले कुछ रौशनी
उल्फत की लौ

जलाई मैंने
जले लोगों के दिल
उल्फत की लौ

चलने लगीं
जलाते ही आंधियां
उल्फत की लौ

रौशनी तो दी
दिल राख कर दी
उल्फत की लौ

रखी ढक  के
ताकि बुझ न सके
उल्फत की लौ

***************


पहली बार
भूली न बरसात
भीगे थे साथ

जन्नत लगी
क्या हंसीं थी वो रात
भीगे थे साथ

तुम्हारी ही दी
थी वो प्रेम सौगात
भीगे थे साथ

सोये थे कहीं
जाग उठे जज्बात
भीगे थे साथ

दिल की चाह
कहीं खोये न याद
भीगे थे साथ

**************


पहली बार
देखते ही निकला
तुमसे प्यार

करके हम
सुध बुध खो बैठे
तुमसे प्यार

कहकर के
जमाई अधिकार
तुमसे प्यार

अनजाने में
कहके बंध गए
तुमसे प्यार

निभाएं कैसे
वो यूँ ही कह दिया
तुमसे प्यार

*************


कैसे भुलाएं
बदलीं थीं कलियाँ
बीतीं घड़ियाँ

कैसे भुलाएं
मिलते छुप कर
तेरी गलियां

कैसे भुलाएं
मनाये संग हम
रंगरलियां

कैसे भुलाएं
वादा की होगी मेरी
तू दुल्हनियां

कैसे भुलाएं
भीगे थे साथ हम
वो बुंदलियाँ

*****************


सोते जागते
तुम नजर आते
प्यार का जादू

ऐसा असर
जहाँ से बेखबर
प्यार का जादू

मुझमें तुम
तुझमेँ मैं दिखता
प्यार का जादू

चश्मा अलग
दिखता एक रंग
प्यार का जादू

पत्थर दिल
मोम सा पिघलता
प्यार का जादू

तुमसे मिल
खिल उठता दिल
प्यार का जादू

पत्थर दिल
मोम सा पिघलता
प्यार का जादू

जीना चाहता
किसी और के लिए
प्यार का जादू

दिखते आंसू
घाव नहीं दिखता
प्यार का जादू

दिल में बैठा
तुझ सा बड़ा शख्श
प्यार का जादू

तूली न स्याही
मिटती न लिखाई
प्यार का जादू

अपना दिल
धड़कता फॉर यू
प्यार का जादू 

***************

कैसे छुपाते
आँखों में पढ़े लोग
इश्क का चोर

गली में मचा
जोर जोर से शोर
इश्क का चोर

छुप छुपा के
मिला उससे जा के
इश्क का चोर

अब अकेला
रो के सजा काटता
इश्क का चोर

झेला बेचारा
जीवन भर कैद
इश्क का चोर

****************


आया सावन
देख घटायें घेरी
घुमड़ा मन

उड़ते पंछी
देख के उड़ा मन
प्रेम के वन

खोल के पंख
तितलियों के पीछे
उड़ता मन

हुआ दीवाना
लिखने को फसाना
चला है मन

साथ गुजारे
फिर वो बीते क्षण
ढूंढता मन

**************

मन में ठाना
है इश्क फरमाना
फिरता मन

इश्क की गली
ख्वाबों के गुलदस्ते
सजाता मन

देखता हुस्न
होने से बदनाम
डरता मन

भ्रमर भांति
पाने को मकरंद
डोलता मन

बादल बन
फिरता आवारा सा
पागल मन 
************


देर रात को
मेरी नींद चुराने
तुम आ जाना

केश के फूल
सेज पे महकाने
तुम आ जाना

जोहूंगी वाट
कर किसी बहाने
तुम आ जाना

सोने लगूंगी
सपनों को जगाने
तुम आ जाना

बिखरे होंगे
कुंतल सुलझाने
तुम आ जाना

**************

देना तू दिल
तेरे नाम मैं पिया 
कर जाउंगी

तन्हा ना छोड़
हमका जाना पिया
मर जाउंगी

अंगिया दाग
मत लगाना पिया
धर जाउंगी

तू झटके से 
द्वार खोल ना पिया
डर जाउंगी

बिछी है सेज
आ के जुड़ाना पिया
तर जाउंगी
**************

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