उनसे जुड़ा
हो गया बदनाम
हमारा नाम
उनसे चैट करें
याद में मरें
लगाए वही
लौ उन्हीं की लगी
प्रेम की आग
दर्पण जान
तेरे दिल में देखा
दिल का बिम्ब
राहें पूछतीं
तुम न होते साथ
वो कहाँ गए
होता न हुस्न
सोचता हूँ क्या होती
फूलों की क़द्र
खिली जो कली
मंडराते आ गए
बागों में अलि
ढोते हैं दुःख
अनुरागी जितना
और न कोई
सोयें जी भर
सांसों को रोके बैठे
चैन की नींद
शाम हो गयी
चले उनकी गली
दीया जलाने
होती रहती
साल भर बारिश
प्रेम की ऋतु
जीते जी तूने
बुर्के में ढका रहा
मरे कफन
आज मुझको
ढक ना कफन से
वो भी देख ले
हुई परीक्षा
पास फेल की चिंता
इश्क में न की
हो गए फेल
प्रेम की परीक्षा में
समझे खेल
लहू ना बहा
इश्क के हादसे में
दर्द तो हुआ
तुम्हीं थे चारा
खा गए बेईमान
हुआ बेचारा
कंधे पे रखे
तुम फूलों सा हाथ
दिल पे नाग
कहानी छपी
पत्रिका खूब बिकी
मेरे प्रेम की
दिया है चीर
तेरे प्रेम का तीर
सियूं तो कैसे
तुझे क्या पता
तू प्यार में कितना
चुका है सता
भुला दें तुझे
दर्द में रोता दिल
सुला दें इसे ?
मिटा दो चाहे
मिटा चुके दिल से
किताबों से भी
बेहोश किया
बिना दर्द मरेंगे
शुक्रया तेरा
जब तू नहीं
क्या करेंगे लेकर
सूखी जिंदगी
****
सोच के रोये
प्रेम का परिणाम
कर के रोये
रूठने मनाने में
प्यार कितना
तेरा मुखड़ा
दिल को हंसा देता
और वो चाँद
रखे थे आस्था
दोगे ही एक दिन
दिल में स्थान
बनाये हम
दिल में मार्ग चौड़ा
आ जाओ दौड़े
करके याद
बदले करवट
तुझे ही बस
तुम्हारी याद
आनी शुरू हो जाती
शाम ज्यों आती
ले के शबाब
दे दिये हो तलाक
कैसा हिसाब ?
किये प्रतीक्षा
तुम लिए परीक्षा
भोर से शाम
कितने पले
मेरी जिंदगी तले
बूढ़े हो चले
एक बिस्तर
सोये करके मुंह
जानूं उधर
खुश हो जाता
तुम जाते हो मिल
आशिक दिल
होते न पास
तुम तो हो जाता है
दिल उदास
हुई बर्बाद
ये जिंदगी करके
तुझको याद
तुम आते हो
मधु घुल जाती है
इस हवा में
तुम्हारी याद
आती रही बंद थे
खिड़की द्वार
जान न सके
आसान की मुश्किल
तू से मंजिल
आते हो तुम
हो जाता है मौसम
खुशगवार
कहाँ से आये
सुहानी ऋतु लाये
चलें हम भी
कसम खाई
ना मिलेगी हमसे
फिर भी आयी
****
गले से हमें
जिसने भी लगाया
शुक्रिया अदा
आता है प्यार
दिल में दबे पांव
खुद चल के
भारी हो गया
तेरे प्यार का बोझ
दिल पर था
समय लगा
पहली बार लिखा
प्यार की चिट्ठी
खोल रखे थे
हिय के दरवाजे
प्रिय के वास्ते
ज्योति न मिली
जीते प्यार की तेरी
कब्र पे दीया
भूली यादों का
तन्हाई में काफिला
संग में चला
असर हुआ
तुम गए जो मिल
धड़का दिल
ढूंढते रहे
मुहब्बत की हद
डूबते रहे
वश में न था
गले को लगा पाना
काट ही देते
करता है जो
पछताना ही होता
राही से प्यार
हारने वाला
विजयी कहलाता
प्यार में दिल
सिर झुकाये
पत्थर भी लगता
देवता जैसा
डाल के दोनों
दिल को गए हार
फूलों का हार
उसने दिया
मुहब्बत का विष
हमने पिया
फोटो देखते
पढ़ाई के बहाने
पन्नों में तेरी
प्यार की सजा
इससे भी ज्यादा क्या
अकेलापन
तोड़ते गए
लोग प्यार की टांग
प्यार न रुका
पाते न मोल
शबाब व शराब
प्यार न होता
फेंका पत्थर
प्यार समझकर
उठाये हम
********
देखे सितारे
हमारी बेकरारी
सोये न सारे
ढह ही जाते
थामे न होते तुम
प्यार बन के
क्या कहा होगा
उसने कहा होगा
प्यार तुमसे
क्यों कर कहूं
एक सा नहीं होता
चाँद तुमको
खूब जमेगी
शहनाई बजेगी
तेरी व मेरी
आज मैं आया
बारात भी आएगी
तेरे दर पे
लौट के आये
तुम जाने के बाद
डोली उसकी
रहा न गम
अब रहा भी कहाँ
दम में दम
बदल लिया
बनाया घर पास
तो तूने घर !
साइन वाले को
इतने चोट खाये
कहाँ से लाएं
उदास हुए
ना आस पास हुए
जब भी तुम
सोखता रहा
दिल का खून बहा
आँखों का पानी
हाथ उठाये
लेने को अंगड़ाई
लगा बुलाये
सूरज ढला
अम्बर हुआ लाल
मुझे सम्हाल
तुम करीब
हम गरीब कहाँ
बड़े नसीब
मुंह छुपाये
दुपट्टे से वो आये
पहली बार
हाथों में रहीं
चूड़ियां खनकती
पहली रात
उठीं व झुकीं
नजरें कई बार
पहली बार
जाने की जल्दी
आये न कि कर दी
पहली बार
कांपे थे हाथ
लेकर आये चाय
पहली बार
याद है हमें
तुम्हीं खोले किवाड़
पहली बार
उसने छुआ
दिल बेहाल हुआ
पहली बार
पढ़ते गए
आंसू झरते गए
प्यार कि चिठ्ठी
रोये भी तो क्या
देखने वाला न था
भीत के सिवा
प्रेम नगरी
सामने जो भी होता
अपनी रोता
हर कोई था
लिए भीगी रुमाल
प्रेम की राह
देर कर दी
परवा न इसकी
आये तो सही
प्रेम की राह
थामें किसका हाथ
कैसे जानते
रखे भरोसा
ढूंढे गली गली में
उसका पता
कैसे ढूंढते
शहर में उसको
नहीं था पता
हम न होंगे
प्यार के ये लफड़े
कम न होंगे
चढ़ा था तेरा
जाने क्या कह गए
प्यार का नशा
घोंपे खंजर
तुम तो चाँद तारे
देखे मंजर
बहता रहा
लहू का दर्द दिल
सहता रहा
कैसे मैं बंद करूँ
आँखों में मेरी
आकर तुम
जला रही थी धूप
छाँव तो दिए
रखे आँखों में
उतारोगे हमको
दिल में कब
लगे न कोई
इल्जाम तुम पर
पी गए आंसू
दिखे न तुम
तोड़ दिया दर्पण
खुद हमने
आ ढूंढते हैं
हमें ढालने वास्ते
गजलकार
सबके साथ
मेरी लोट पोट पे
वो भी हँसते
उड़ने चले
उधार के पंख से
धड़ाम गिरे
जल बुझी है
आज दुनिया सारी
तू साथ मेरे
********
*हास्य व्यंग्य *
काम करते मिल
आंख व दिल
छाई बदली
तवियत बदली
उनको देख
बारिश आई
गल तो न जायेंगे
मिटटी के हम
होश खोने को
क्यों जाना मयखाना
तोड़ दो दिल /कर लो इश्क
तोड़े जनाब
मयखाना में दिल
पी बेहिसाब
देख के चाँद
वह विदक गयी
मैं प्रेमी हुआ
दिल की लगी
जता पाते उसको
छोड़ के भगी
प्यार में मैं तो
पा गया ससुराल
सिक्का उछाल
बाल रोपाया
पैसे गंवाकर भी
कुछ न पाया
छुड़ाने पर
टूटता एक ही क्यों
जुड़े दिलों को
रोज चाहता
तुझे मेरी खातून
जैसे दातून
आये सामने
वो ईद के बहाने
हमें चिढ़ाने
छत पे बोला
कल उसके कागा
कोई ले भागा
समूची रात
सताती रही याद
नींद सिधारी
********
क्या क्या न किये
मन मार के जिए
तुम्हारे लिए
खा गए चोट
गए तोड़ने तारे
तुम्हारे लिए
चाहे जो ले लो
खुला है ये बाजार
तुम्हारे लिए
रखते दम
लड़ें जग से हम
तुम्हारे लिए
जिन्दा हैं हम
दुनियां में सनम
तुम्हारे लिए
**********
कैसे मैं जानूं
तुम हो मेरे जानूं
लाये न हार
प्यासे नयन
सूखा दिल का कंठ
तेरे रूप के
छूती है उसे
हवा भी जब कभी
जल जाता हूँ
उड़ जाने दे
मेरी आँखों से नींद
प्यार में तेरे
देखते जब
दर्पण में दिखते
तुम ही तुम
छीने हैं चैन
तेरे चंचल नैन
मृदुल बैन
भुला देती हैं
तुझसे मुलाकातें
जरूरी बातें
कानों में देते
तेरे मधुर बोल
शहद घोल
मटक तेरा
हिरनी सा चलना
मेरा गिरना
*****
नापी नजर
निस दिन डगर
पिया विदेश
कान रहते
हरदम फ़ोन पे
पिया विदेश
होती नजर
सन्देश पेटी पर
पिया विदेश
मन दौड़ाती
कहाँ कहां घुमाती
पिया विदेश
नहीं सुहाती
रजनी बरसाती
पिया विदेश
मन में आते
बुरे स्वप्न डराते
पिया विदेश
बुझी न आग
सावन की लगाई
पिया विदेश
जुड़े दिलों को
रोज चाहता
तुझे मेरी खातून
जैसे दातून
आये सामने
वो ईद के बहाने
हमें चिढ़ाने
छत पे बोला
कल उसके कागा
कोई ले भागा
समूची रात
सताती रही याद
नींद सिधारी
********
मन मार के जिए
तुम्हारे लिए
खा गए चोट
गए तोड़ने तारे
तुम्हारे लिए
चाहे जो ले लो
खुला है ये बाजार
तुम्हारे लिए
रखते दम
लड़ें जग से हम
तुम्हारे लिए
जिन्दा हैं हम
दुनियां में सनम
तुम्हारे लिए
**********
कैसे मैं जानूं
तुम हो मेरे जानूं
लाये न हार
प्यासे नयन
सूखा दिल का कंठ
तेरे रूप के
छूती है उसे
हवा भी जब कभी
जल जाता हूँ
उड़ जाने दे
मेरी आँखों से नींद
प्यार में तेरे
देखते जब
दर्पण में दिखते
तुम ही तुम
छीने हैं चैन
तेरे चंचल नैन
मृदुल बैन
भुला देती हैं
तुझसे मुलाकातें
जरूरी बातें
कानों में देते
तेरे मधुर बोल
शहद घोल
मटक तेरा
हिरनी सा चलना
मेरा गिरना
*****
नापी नजर
निस दिन डगर
पिया विदेश
कान रहते
हरदम फ़ोन पे
पिया विदेश
होती नजर
सन्देश पेटी पर
पिया विदेश
मन दौड़ाती
कहाँ कहां घुमाती
पिया विदेश
नहीं सुहाती
रजनी बरसाती
पिया विदेश
मन में आते
बुरे स्वप्न डराते
पिया विदेश
बुझी न आग
सावन की लगाई
पिया विदेश
*****
जब भी आती
पायल झनकाती
मन झंकृत
जब भी आती
चूड़ियां खनकाती
मन पुष्पित
सुन सजना
कभी नहीं करना
हमें विस्मृत
तुमसे प्यार
डंके की चोट पर
सर्व विदित
सूख रही थी
किये प्रेम बगीची
तुम सिंचित
जब भी आती
पायल झनकाती
मन झंकृत
जब भी आती
चूड़ियां खनकाती
मन पुष्पित
सुन सजना
कभी नहीं करना
हमें विस्मृत
तुमसे प्यार
डंके की चोट पर
सर्व विदित
सूख रही थी
किये प्रेम बगीची
तुम सिंचित
***
हुआ लापता
जबसे चाँद मेरा
अम्बर सूना
तोडा तुमने
बसाया था घरोंदा
प्रेम का मेरा
लाया था तोड़
तेरे लिए सितारे
गयी क्यों छोड़
सुन्दर मुख
देखकर तुम्हारा
मिलता सुख
दिल पे लिखी
जिसे नित पढ़ता
कहानी है तू
तेरे प्यार में
पड़ी मझधार में
जीवन नैया
अभी भी पड़ी
दीवार पर टंगी
तस्वीर तेरी
बजती रही
हेलो तक न आया
घंटी पे घंटी
हाथों पे खींची
ये रेखायें हैं लिखी
तेरा ही नाम
मैसेज आया
नहीं किया स्वीकार
भेजे सौगात
हैं अनमोल
गिरें न आँखों से ये
प्यार के मोती
निर्झर बही
नयनों से जो चली
अश्रु सरिता
जैसे ही देखा
नयन मधुशाला
नशा सा छाया
फूल जो झरे
रखे बोरों में भरे
प्यार के तेरे
धन को त्रस्त
तन पे फटे वस्त्र
पिल्ले से प्यार
कभी था प्यार
जिस नर्स से आज
सुई चुभोती
उसका होना
खटकता मुझको
तुम्हारे पास
देखता जब
फटकते उसको
भुन जाता हूँ
बगैर खुला
मेरा वो प्रेमपत्र
कूड़े में मिला
सम्हाले रखा
तुम्हारे प्रेमपत्र
आते ही फाड़ी
तेरे प्यार के
मिले जो खत मुझे
सम्हाले रखे
*******
वन के कष्ट
सीता सही सहज
प्रेम में डूबी
राधा जीवन
की कान्हा को अर्पण
प्रेम में डूबी
पी गयी विष
मीरा बेझिझक
प्रेम में डूबी
चौदह वर्ष
उर्मिला के अकेले
प्रेम में डूबी
रानी से दासी
हो गयी दमयंती
प्रेम में डूबी
जहर खिला
हुई हीर की हत्या
प्रेम में डूबी
पाई सौगात
ताज का मुमताज
प्रेम में डूबी
पढ़े थे साथ
थाम के रखी हाथ
प्रेम में डूबी
कह दी साफ
तू मेरा अनुराग
प्रेम में डूबी
तू मेरा दीया
मैं तेरी बाती पिया
प्रेम में डूबी
********
हुआ लापता
जबसे चाँद मेरा
अम्बर सूना
तोडा तुमने
बसाया था घरोंदा
प्रेम का मेरा
लाया था तोड़
तेरे लिए सितारे
गयी क्यों छोड़
सुन्दर मुख
देखकर तुम्हारा
मिलता सुख
दिल पे लिखी
जिसे नित पढ़ता
कहानी है तू
तेरे प्यार में
पड़ी मझधार में
जीवन नैया
अभी भी पड़ी
दीवार पर टंगी
तस्वीर तेरी
बजती रही
हेलो तक न आया
घंटी पे घंटी
हाथों पे खींची
ये रेखायें हैं लिखी
तेरा ही नाम
मैसेज आया
नहीं किया स्वीकार
भेजे सौगात
हैं अनमोल
गिराओ न आँखों से
प्यार के मोती
निर्झर बही
नयनों से जो चली
अश्रु सरिता
जैसे ही देखा
नयन मधुशाला
नशा सा छाया
फूल जो झरे
रखे दिल में भरे
प्यार के तेरे
धन को त्रस्त
तन पे फटे वस्त्र
पिल्ले से प्यार
कभी था प्यार
जिस नर्स से आज
सुई चुभोती
उसका होना
खटकता मुझको
तुम्हारे पास
देखता जब
फटकते उसको
भुन जाता हूँ
बगैर खुला
मेरा वो प्रेमपत्र
कूड़े में मिला
सम्हाले रखा
तुम्हारे प्रेमपत्र
आते ही फाड़ी
तेरे प्यार के
मिले जो पत्र मुझे
सम्हाले रखे
बिन साजन
लगता है सावन
जेठ महीना
पार्क का बेंच
प्रेम कहानियों का
पुराना साक्ष्य
रह के साथ
बीस से अब तक
निभाए साथ
हो पाईं दो ही
देखे मैंने हजारों
ऑंखें अपनी
चंचल नैन
दो नयनों में झांक
हो गए चार
लगने लगी
जबसे देखा उसे
परी सी मुझे
होने दो शादी
तुम भी हो जाओगे
आम आदमी
क्या दे दें हम
तू ही कर दे तय
दिल या जान
हजारों बार
देख कर भी तुझे
प्यासे नयन
कोई तो होगा
बीते जन्म का नाता
फिर से मिले
गर तू परी
मुहब्बत से भरी
मेरी ये चिट्ठी
महक गयी
तुम्हारे आ जाने से
गली की हवा
जाओ उतर
या उतारो खंजर
दिल में अब
चाही थी हवा
मिटा न सकी नाम
दिल से तेरा
मिल जाए तो
तू और तेरा प्यार
जिंदगी पार
समाने आया
तेरा रूप मस्ताना
होश उड़ाया
आँखों से पी ली
बड़बड़ा न उठूं
होठों को सी ली
इतना प्यार
आ के ना जा पाओगे
है मेरे पास
दर्पण नहीं
मिट जाय तस्वीर
दिल है मेरा
तुझको सिला
तेरी मुहब्बत से
मुझको मेरी
दर्पण रोज
तेरा मुंह देखता
मुझे चिढ़ाता
देख के मुंह
करते दिन शुभ
फोटो पे तेरी
अँधा था प्यार
देखा नहीं बंद था
दिल का द्वार
बरसों जोहा
कार्ड पे छपे नाम
दोनों का साथ
हुआ दीवाना
तेरे हुस्न को देख
दिल ना माना
पीकर हुआ
तेरे होठों का प्याला
जी मतवाला
गया तरस
तेरे नैनों का रस
पीने को मन
ले के रहेंगी
तेरी नजरें तीखी
जान किसी की
कांपने लगा
तुमने जो लगायी
दिल में आग
बज उठती
प्यार में घडी घडी
फोन की घंटी
शादी करके
दो दिल एक हुए
प्रमाणपत्र
छुपाता रहा
फिर भी खुल गया
प्रेम का भेद
प्यार में टॉप
पढ़ाई में हो गए
दोनों ही फ्लॉप
जबसे पिया
छोड़ा पीना शराब
तेरा शबाब
तूने चलाया
समझे होता है क्या
प्यार का जादू
हुआ असर
तूने डाली नजर
गिरे बेहोश
एक ही घर
तेरा मेरा रहेगा
एक ही कब्र
पागल पंछी
जी ताके तेरी ओर
जैसे चकोर
कही कहानी
ढलका के चुनर
बैरी जवानी
जबसे यार
पाये तुम्हारा प्यार
परमांनद
देखूं दर्पण
दिन में कई बार
चढ़ी उमर
डगमगाए
नशे में डूबे तेरे
कदम मेरे
होश न खोये
उन्होंने सोचा होगा
प्यार न होगा
भोली सूरत
मार गयी मगर
कातिल अदा
बिजली गिरी
हुआ ऐसा असर
जख्मी जिगर
छूटे पसीना
गर्मी में पी आतुर
छूने को सीना
छूटे पसीना
गर्मी में पी करता
मुश्किल जीना
थामा तू डोर
जीवन की पतंग
नभ की ओर
तुम बिन ज्यों
चाँद बिन आकाश
दिल उदास
आँखों का जादू
उन्होंने किया डाल
दिल बेकाबू
चाहता नित
तेरी बाहों का हार
दिल को प्यार
जलाये बैठा
तेरे प्यार का दीया
दिल ये पिया
विरह तेरी
जला के न कर दे
राख ही मुझे
हमको दे दो
आपने सारे गम
ढो लेंगे हम
दिल था भोला
इश्क ने खिला दिया
भांग का गोला
इश्क का जादू
चला के किया तूने
दिल बेकाबू
खुश अम्बर
हमारे प्यार पर
रंग बिखेरा
देखी जबसे
बना ली तक़दीर
तेरी तस्वीर
दिल लगाया
और जो ना लगाया
रोना ही आया
सामने आये
देख छवि उनकी
नैन जुड़ाये
आँखों की खता
काटी जिंदगी भर
दिल ने सजा
जाओगे तुम
जाएगी मेरी सांस
तुम्हारे साथ
करती रही
मंहगी मुहब्बत
रोज गरीब
प्यास बुझाने
नदी निहारे मेघ
मैं पी की राह
जब से हुआ
हम दोनों का सिला
शकुन मिला
लेकर आयी
हम दोनों को पास
ठंडी फुहार
तन्हा थे हम
आये तुम करीब
मेरे नसीब
मान के आये
यहाँ तक कि दोगे
तुम न दगा
छेड़े हो तुम
मेरे दिल का तार
बदला सुर
आये वो पास
खूबसूरती ने की
बदहवास
नैनों का तीर
चुभोया ऐसा तूने
घायल दिल
करके प्यार
बात बात पे यार
खफा ना होना
छैल छबीली
कहोगे कि करोगे
जेब भी ढीली
कैसे हो यार
तुम्हें मुझसे ज्यादा
जेब से प्यार
दिल बेकाबू
चला के किया तूने
प्यार का जादू
शाम ज्यों आती
आनी शुरू हो जाती
तुम्हारी याद
हुई बर्बाद
करके ये जिंदगी
तुझको याद
लगाया आग
वो तेरा था चिराग
घर में मेरे
साथ में चली
परछाईं भी मेरी
उजाला तक
कल से बैठे
तुम रूठे क्यों ऐसे
फेर के मुंह
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