दे के जबाब
पाक को किये चित्त
हमारे वीर
पायेगा पाक
मुहतोड़ जबाब
किया जो घात
किये कमाल
आतंकियों को मार
हमारे वीर
खायेगा जिन्न
पाक को एक दिन
उसी का पाला
देंगे जबाब
तेरी करतूतों का
सोच ले पाक
रखते दम
सबक सिखाने की
पाक को हम
लिए ऐटम
जुबान पे घूमता
फोड़ेंगे हम
शांति की बात
समझता ना पाक
लात का भूत
सोच ना पाक
हमारी कमजोरी
शांति की चाह
जगाया तूने
सोते शेर को पाक
नतीजा आंक
नहीं बचेगा
तेरा नामो निशान
पाक ले जान
नहीं बर्दाश्त
कर देंगे परास्त
शत्रु के घात
रंग ले आया
सेना का पराक्रम
पाक को मात
अब ना बात
पछाड़ कर देंगे
पाक को मात
सेना का पराक्रम
पाक को मात
अब ना बात
पछाड़ कर देंगे
पाक को मात
भाई की जान
अटकी पाकिस्तान
पेट मुम्बई
जलाये गाँधी
नेताओं ने बुझा दी
त्याग की बाती
चलाये आंधी
देश प्रेम की गाँधी
हवा हो रही
कल तक थे
जो कन्हैया के पीछे
हुये नमो के
लड़ना सीखो
मुल्क की खामियों से
पाक के बच्चों
अटकी पाकिस्तान
पेट मुम्बई
जलाये गाँधी
नेताओं ने बुझा दी
त्याग की बाती
चलाये आंधी
देश प्रेम की गाँधी
हवा हो रही
कल तक थे
जो कन्हैया के पीछे
हुये नमो के
लड़ना सीखो
मुल्क की खामियों से
पाक के बच्चों
खुद पे होता
नहीं पक्का भरोसा
सेना पे शक
मांग ना लेना
बाप को फर्जी बता
माँ से सबूत
अब ना बात
पछाड़ कर देंगे
पाक को मात
नहीं चलेगा
बात के साथ पाक !
भीतरघात
घूमते आज
सहस्रों ही रावण
कहाँ हैं राम
******************
पड़ जाये तो
कठिन है छूटना
नशे की लत
ले जाती गर्त
जीते जी मनुष्य को
नशे की लत
घर पे लाया
बोतल में कलह
पीने की लत
उनको गर्त
दिखता है जन्नत
नशे की लत
हो गया खाली
गुड़िया का गुल्लक
नशे की लत
मैके से लाई
बिक गयी पाजेब
नशे की लत
लड़खड़ाते
घर देर से आते
पीने की लत
गिरे पड़े थे
एक दिन नाली में
नशे की लत
पत्नी से होती
रोजाना तकरार
पीने की लत
मुंह की बास
छुपाते पान चबा
पीने की लत
**************
भ्रष्ट आचार
बना लिए आधार
देश के शत्रु
औरों का हक़
छीनने की ललक
देश के शत्रु
देश का धन
लूट के भरे घर
देश के शत्रु
होते हैं खड़े
संविधान से परे
देश के शत्रु
नकली माल
बेच के मालामाल
देश के शत्रु
बेच खा जाते
सरकारी संपत्ति
देश के शत्रु
पैसे के लिए
मिल जाते शत्रु से
देश के शत्रु
बिना झिझक
दवा में मिलावट
देश के शत्रु
****************
रंग बिरंग
मन भावन गंध
पुष्प गुलाब
काँटों में रह
मुस्कराता है वह
पुष्प गुलाब
सबका प्यारा
लुटा कर खुशबु
पुष्प गुलाब
वायु स्वछन्द
कर देती सुगंध
पुष्प गुलाब
रंगों पे भारी
रखे सुगंध प्यारी
पुष्प गुलाब
इत्र की शीशी
रस पी इतराती
पुष्प गुलाब
जाता है खिल
सूंघ कर के दिल
पुष्प गुलाब
सुगंध बांटे
फांद कर के कांटे
पुष्प गुलाब
तोड़ने को बेचैन
पुष्प गुलाब
काला या श्वेत
सुगंध में ना फेर
पुष्प गुलाब
खिला गुलाब
हुआ माली बेताब
तोड़ लेने को
मैंने बनाया
कहता मेरा घर
बोला पत्थर
बना पत्थर !
तू दिल रख कर
बोला पत्थर
चलाता छैनी
निर्मोही दिल पर
बोला पत्थर
रोयेगा मारकर
बोला पत्थर
मूर्ति मुझमें
काढ़ ले गढ़कर
बोला पत्थर
वैसे का वैसा
सदियों रहकर
बोला पत्थर
खाया ठोकर
चला अँधा होकर ?
बोला पत्थर
मुझे भी लगी
तू मारा कसकर
बोला पत्थर
रखे तू सोना
नगीना मैं मगर
बोला पत्थर
चला अँधा होकर ?
बोला पत्थर
मुझे भी लगी
तू मारा कसकर
बोला पत्थर
रखे तू सोना
नगीना मैं मगर
बोला पत्थर
ताज महल
मुझसे ही सुन्दर
बोला पत्थर
तराश ले तू
मूरत है अंदर
बोला पत्थर
**************
सोते बैठते
माँ रटती रहती
कब आएगा
सैनिक पुत्र
रोया विदाई कर
माँ का कलेजा
खबर आई
फटा माँ का कलेजा
बेटा शहीद
करता प्रश्न
उसे वहां क्यों भेजा
माँ का कलेजा
गर्व से हुआ
बाप का सर ऊँचा
बेटा शहीद
उससे पूर्व
सोचती क्यों न फटा
माँ का कलेजा
जब बनाती
माँ बेटे की पसंद
आंसू बहाती
आता त्यौहार
रोता बेटा पुकार
माँ का कलेजा
दिखता शून्य
छोड़ गया अँधेरा
शहीद पति
चाँद ने देखा चाँद
करवा चौथ
चाँद व चंदा
निहारे परस्पर
करवा चौथ
निकल चाँद
देर कर दी बड़ी
भूखा है चाँद
हाथ ले जूता
मेरा नन्हां सा पोता -
घूमने चलो
मुझसे ही सुन्दर
बोला पत्थर
तराश ले तू
मूरत है अंदर
बोला पत्थर
**************
सोते बैठते
माँ रटती रहती
कब आएगा
सैनिक पुत्र
रोया विदाई कर
माँ का कलेजा
खबर आई
फटा माँ का कलेजा
बेटा शहीद
करता प्रश्न
उसे वहां क्यों भेजा
माँ का कलेजा
गर्व से हुआ
बाप का सर ऊँचा
बेटा शहीद
उससे पूर्व
सोचती क्यों न फटा
माँ का कलेजा
जब बनाती
माँ बेटे की पसंद
आंसू बहाती
आता त्यौहार
रोता बेटा पुकार
माँ का कलेजा
दिखता शून्य
छोड़ गया अँधेरा
शहीद पति
*******************
कोयल बोली
उठो सुबह हो ली
बहुत सो ली
हाथ ले जूता
मेरा नन्हां सा पोता -
घूमने चलो
होते ही रात उठो सुबह हो ली
बहुत सो ली
मेरा नन्हां सा पोता -
घूमने चलो
चाँद ने देखा चाँद
करवा चौथ
चाँद व चंदा
निहारे परस्पर
करवा चौथ
निकल चाँद
देर कर दी बड़ी
भूखा है चाँद
हाथ ले जूता
मेरा नन्हां सा पोता -
घूमने चलो
आम आदमी
आमदनी अठन्नी
खर्चा रुपय्या
रोगी बेहाल
रखते अस्पताल
जेब पे आंख
कोयल बोली
उठो सुबह हो ली
बहुत सो ली
आया फैसला
कब्र में जाने पर
सजा-ए-मौत
कानून छोटा
कुछ भी करें नेता
कुछ ना होता
औरों का हक़
छीनने की ललक
रखते सब
ढका बारूद
कैसे रख सकोगे ?
लंबे समय
उत्तो प्रदेश
दिया किसके हाथ
रहे पछता
आया तूफान
तट पे क्या छोड़ा / छोड़ेगा क्या तट पे
उत्तो प्रदेश / देक्खे की बात
खाकर लात
क्या करता है भाई
देक्खे की बात
तीन तलाक
शादियां चार चार
कैसा इंसाफ
दोनों को मिले
बराबरी का हक़
मर्द औरत
एस० डी० तिवारी
********************
शहीद
आया सन्देश
बेटा तारों के देश
इस दिवाली
छाया अँधेरा
बुझा घर का दीप
इस दिवाली
जलाया दीया
रख बेटे का चित्र
इस दिवाली
जला न चूल्हा
माँ की आँखों में नीर
इस दिवाली
कर न पायी
दीदी भाई के दीद
इस दिवाली
सीमा पे गया
बेटा हुआ शहीद
इस दिवाली
गिरने से डरूँ
नहीं चढ़ाना प्रभु
इतना भी ऊँचा
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