Tuesday, 11 March 2014

Mobile phone





मोबाइल फोन 1
 
अपने कारनामों पर इतराता मोबाइल फोन। 
चमत्कारों से सबको लुभाता मोबाइल फोन।
 
आधुनिक दुनिया का बना अनोखा साथी,
चुगल कराता, युगल कराता, मोबाइल फोन।
 
टी.वी., कैमरा, गणक, पंचांग, रेडियो, रिकॉर्डर, 
पूछो न कब क्या बन जाता मोबाइल फ़ोन। 
 
कर दिया कम्बख्त ने पूरी दुनिया मुट्ठी में, 
घर बैठे त्रिभुवन दिखलाता मोबाइल फोन।
 
माँ शारदे का बना यह साक्षात् अवतार,
ज्ञान भंडार, सब कुछ बतलाता मोबाइल फोन।
 
ना तो बैंक को जाना, ना नकदी संग ढोना, 
समक्ष रख देता बैंक का खाता मोबाइल फोन।  
 
कभी गाल से, कभी छाती से चिपका होता, 
लाल से भी लाडला बन जाता मोबाइल फोन। 
 
दूर होने पर कर देता दिलवर सा व्याकुल,
क्षण क्षण का सुख चैन चुराता मोबाइल फोन।
 
समेटे रखता वर्षों की यादों का भंडार,   
बीते दिनों की फिल्म चलाता मोबाइल फोन। 
 
 
मोबाइल फोन २ 

पल पल का सुख चैन चुराता मोबाइल फोन।  
नहाते, खाते कभी बज जाता मोबाइल फोन।
 
आज्ञाकारी सेवाकर्मी पर स्वास्थ्य अधर्मी,   
रेडियोधर्मी किरण फैलाता मोबाइल फोन।
 
कभी आंख बन जाता, कभी आँखों का शत्रु, 
छोटी उम्र में ऐनक चढ़ाता मोबाइल फोन। 
 
कर देता खड़ी कभी ये बड़ी मुसीबत, 
अजनवी के हाथ लग जाता मोबाइल फोन।
 
बच्चों का खेल सिमट गया इस छोटे यंत्र में, 
बाहरी दुनिया से तोडा नाता मोबाइल फोन।
 
पल पल की खबर बहु के मायके देकर, 
रिश्तों में आग लगाता मोबाइल फोन।
 
करा देता बिना मतलब की खरीददारी, 
घर पर दिखा बाजार भरमाता मोबाइल फोन।
 
पासवर्ड व पिन के मकड़जाल में उलझे, 
बैंक खाता पर ताला लगाता मोबाइल फोन। 
 
हैकिंग कर के चोर अलीबाबा बन जाता, 
खजाने की चाभी पकड़ाता मोबाइल फोन। 
 
निगले की उगले मुंह का ये सांप छछूंदर,  
समझ न पाता, बड़ा सताता मोबाइल फ़ोन। 

- एस. डी. तिवारी 
 

No comments:

Post a Comment