Tuesday, 14 August 2018

Shaheed / desh

देश के कोने कोने लहरा रहा तिरंगा।
सिंधुराज से गिरिराज तक गा रहा तिरंगा। 
ढाई सौ करोड़ हाथों में है शान सुरक्षित,
अलग वेश पर एक देश, बता रहा तिरंगा।

एस० डी० तिवारी


देकर तीन सौ सत्तर, भारत ने की भूल।
दिन रात चुभोते रहे, उसे बनाकर शूल।
उसे बनाकर शूल, दे दिया पाक के हाथ।
आतंकी हथियार, बनाकर चलाया पाक।
कराह रहे जैसे, दोनों हुए हो बेघर। 
लेना भी जानता, बड़ा छोटे को देकर।

एस० डी० तिवारी



आती न चैन की नींद
सोच सोच कर दिन रात
बेटा हो गया शहीद

बुझा घर का दीप
पिता  के आगे छाया अँधेरा
बेटा हो गया शहीद

बालक की जिद्द
पता नहीं लेटा पिता
देश के लिए शहीद

हुआ अब्दुल हमीद
देश की रक्षा में
सन पैंसठ में शहीद

दीदी न कर पायी दीद
अबकी राखी पर
भाई सीमा पर शहीद

दिवार पर चित्र
सीना तान के टंगा
बेटा हुआ शहीद


देकर मिली
आजादी अनमोल
प्राणों की बलि

उठाये रखी
ऊँचा राष्ट्र मस्तक
वीरों की बलि

हो के शहीद
किये राष्ट्र की रक्षा
कोटि प्रणाम

खो के अपनी
देते सैनिक हमें 
चैन की नींद

तुम्हारे हाथ
सम्हालो नौजवान
देश की शान

तू है संतति
राष्ट्र तेरी सम्पति
तू ही रक्षक

तुमसे मात्र
सुरक्षित है राष्ट्र
सैनिक वीर !

चलोगे तुम
मिलाकर कदम
राष्ट्रोन्नयन 

हर सपूत
इस मिट्टी ने पाला   
देश का दूत 

भीतरघात
करने वालों को भी
देना है मात

लूटे न कोई
जागो हे जन गण
राष्ट्र तुम्हारा

मार भगाओ
शत्रु को पहचान
वीर जवान

जान से प्यारा
है हमको हमारा
भारत वर्ष

राष्ट्र का गान
और राष्ट्रीय ध्वज
हमारी शान

हो न मंडित 
राष्ट्र ध्वज का मान
रहे ये ध्यान 

शौर्य संस्कृति
प्रगति का प्रतीक
मेरा तिरंगा

मर मिटेंगे
झुकने नहीं देंगे
झंडा तिरंगा 

रहा है सज
राष्ट्रीय पर्व पर
तिरंगा ध्वज

उड़ाता मग्न 
स्वतंत्रता दिवस
तिरंगा ध्वज

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सीधे हैं वासी
सीधा सादा है वेश
भारत देश

विविध धर्म
जाति क्षेत्र व भाषा
एक है देश

गंगा यमुना
बहें सुचि सरिता
भारत देश

होता सम्मान
चाहे कोई हो धर्म
भारत वर्ष

पावन भूमि
देवी देवताओं की
भारत देश

स्वार्थ निहित
मुट्ठी भर वे लोग
बांटते देश

भरे विविध
प्राकृतिक सम्पदा
भारत देश

सबको लेकर
बढ़ा प्रगति पथ
भारत वर्ष

शांति का दूत
बना पूरे विश्व का
भारत देश 
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तुम्हारी माँ सी
तुमको जो पालती
होती है माटी

खुद की आग
जला के कर देगी
पाक को खाक


भिन्न कानून
जाति धर्म क्षेत्र के
भारत एक

गंगा कावेरी
लहराती चुनरी
भारत माँ की

अमर होते
तिरंगे में लिपट
जग छोड़ते

धरे उत्कर्ष
शांति व संस्कृति का
भारत वर्ष


है पुकारती
पुत्रों को माँ भारती
रखना आन

तुम सो रहे
कुछ स्वार्थी हो रहे
हड़पने को देश
कठपुतली
हो जाय ये कुछ की 
जागो, हे जन गण !

जान की बाजी
लगाते तब पाते
वीर पदक
नेता की भूख सत्ता
ठाट बाट व भत्ता 

पुत्र मोह में
हो चुके धृतराष्ट्र
आज के मंत्री

बढ़ चढ़ के
नेता के चट्टे बट्टे
देश को लूटे


रखना डंडा
उड़ न जाये झंडा
हाथ में कस

ले के अनेकों 
फहराया तिरंगा
प्राणों की बलि

रखना ध्यान 
मलिन ना हो कभी
देश की छवि

देखी दुनिया
है सबसे बढ़िया
भारत वर्ष

पावन भूमि
राम और कृष्ण की
भारत वर्ष

वेद पुराण
रखे अथाह ज्ञान
भारत वर्ष

अशोक चक्र
कहता इतिहास
महा देश का

दिये शहीद
अनेकों बलिदान
रक्षित हम 


********
छाया अँधेरा
बुझा घर का दीप
बेटा शहीद

जलाया दिया
रख बेटे का चित्र
बेटा शहीद

आया सन्देश
बीटा तारों के देश
इस दिवाली

जला न चूल्हा
माँ की आँखों  में नीर
बेटा शहीद

कर न पायी
दीदी राखी पे दीद
भाई शहीद



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