Monday, 7 May 2018

Tai tu kitani bholi


ताई! तू कितनी भोली है
घर में मेरे प्रेम मधुर रस, तूने ही तो घोली है।  ताई  ...

जिम्मेदारी की चादर ओढ़े तू।
रखती है परिवार को जोड़े तू।
बच्चों से रुखा हो जाती तो,
माँ की भी, एक ना छोड़े तू।
कुटुंब के एक एक जन की, लगती तू हमजोली है।  ताई  ...

माँ कौशिल्या सी रहती है तू।
राम, भरत को समझती है तू।
देवरानी के जाये बच्चों से, 
उतना ही प्यार करती है तू।
बच्चों के लिए बराबर, ममता का द्वार खोली है। ताई  ...

भोर को, लगता तू ही जगाती।
होते सुबह काम में लग जाती।
बच्चों के स्कूल की चिंता होती,
पुचकार, उन्हें नाश्ता करवाती।
प्यार भरी कोयल के जैसी, मीठी तेरी बोली है।  ताई  ...

दादी के जैसा, दबंग दिखती तू।
न्याय की कोई मूर्ति लगती तू।
बाँट-बखरा में औरों का ख्याल,
अपनों से कहीं, ज्यादा रखती तू। 
घर की हर बात को तू तो, प्यार के तराजू तोली है।  ताई  ...

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