जय गूगल ज्ञाता, साईं जय गूगल ज्ञाता।
जो भी तुमको ध्याता, ढूंढे सब पा जाता। जय ..
तुम हो एक अगोचर, ज्ञान के तुम स्वामी,
तुम ही जग में ऐसे, जिसको सब कुछ आता। जय ...
जिसका ज्ञान अधूरा, तुम पूरा करते,
खोज आंकड़ा लाते, जो जन बटन दबाता। जय ...
रख देते सामने नक्शा, भूल नहीं पाता। जय ...
कोष तुम्हारा उसका, अर्थ भी बतलाता। जय ...
छात्रों का भी बताते, परिणाम जब आता। जय ...
ढूंढ के निकालते पूर्वज, दादा परदादा। जय ...
विज्ञापन से व्यापारी, पैसे खूब कमाता। जय ...
जुड़ जाता उसका तुमसे, खुद बा खुद नाता। जय ...
नौकरी, दूल्हा, दुल्हन, मन वांछित पाता। जय ...
एस. डी. तिवारी
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