Friday, 11 May 2018

Gugal gyata


जय गूगल ज्ञाता, साईं जय गूगल ज्ञाता।
जो भी तुमको ध्याता, ढूंढे सब पा जाता। जय   ..

तुम हो एक अगोचर, ज्ञान के तुम स्वामी,
तुम ही जग में ऐसे, जिसको सब कुछ आता। जय  ...

जिसका ज्ञान अधूरा, तुम पूरा करते, 
खोज आंकड़ा लाते, जो जन बटन दबाता।  जय  ...

तुम हो बताते लोकेशन, जाने का रस्ता,
रख देते सामने नक्शा, भूल नहीं पाता। जय  ...

दिमाग से उतरे शब्द, ढूंढ के लाते तुम,
कोष तुम्हारा उसका, अर्थ भी बतलाता। जय  ...

स्कूल, कॉलेज के नाम, तुम तुरत बताते,
छात्रों का भी बताते, परिणाम जब आता। जय  ...

पंडा लोगों का काम, तुमने किया हल्का,
ढूंढ के निकालते पूर्वज, दादा परदादा। जय  ...

व्यापार तुम दौड़ाते, व्यवसाय की गाड़ी,
विज्ञापन से व्यापारी, पैसे खूब कमाता। जय  ...

काम हेतु कंप्यूटर, प्रयोग में जन लाता,
जुड़ जाता उसका तुमसे, खुद बा खुद नाता। जय  ...

कहें सत्यदेव जी स्वामी, जो तुमको ध्याता,
नौकरी, दूल्हा, दुल्हन, मन वांछित पाता। जय  ...



एस. डी. तिवारी 

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