Sunday, 7 January 2018

Chahane lagoge ghazal


२२२ २१२ २२२ १२१२२ 
तुम चाहने लगोगे
आएगा दिन मुझे तुम जब चाहने लगोगे ।
मुहब्बत के सभी सलीके निबाहने लगोगे ।
झांकोगे सही मायने में, जब दिल में मेरे तुम,
उल्फत की हर बात मेरी, सराहने लगोगे ।
चले सोचे बिना, बाजार में मुहब्बत पाने को,
खा लोगे धोखा तो, देने उलाहने लगोगे । 
मिलती है कहाँ सच्ची मुहब्बत इस ज़माने में,
दे दिया चोट अगर कोई, कराहने लगोगे ।
तुम्हारे ही लिए रखे, मुहब्बत दिल में हम,
बेरुखी की ही बातें, तुम भी दाहने लगोगे ।
बना के रखे हो रेत से, दिया और किसी के,
कच्चे, खुद उन महलों को तुम ढाहने लगोगे ।
खा लोगे जब ठोकर, इस सारे जहान की तुम,   
गहराईयां प्यार की मेरी, थाहने लगोगे ।

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