सरस्वती स्तुति
माँ सरस्वती! हे री, माँ सरस्वती!
कुत्सित बुद्धि, विचार संवारती। माँ सरस्वती!
श्वेताम्बर धरे, जलजासीन,
कर वीणा धरती।
ज्ञान चक्षु की ज्योति जला,
जग जगमग करती।
अज्ञानता के भव से तारती। माँ सरस्वती!
कर वीणा धरती।
ज्ञान चक्षु की ज्योति जला,
जग जगमग करती।
अज्ञानता के भव से तारती। माँ सरस्वती!
विद्यारूपा, विमला है तू,
ज्ञान से भर देती।
शास्त्र-रूपिणी, सुधा-मूर्ति तू,
भाग्यवान करती।
शुभदा! सबका शुभ विचारती। माँ सरस्वती!
उपासकों के तू माँ शारदे,
उर के तम हरती।ज्ञान से विज्ञान बनाती,
राह सुगम करती।
शरणागत के कष्ट निवारती। माँ सरस्वती!
हम अज्ञानी, तू ज्ञान दायिनी,
ज्ञान सुधा भर दे।
भारत के अंधकार मिटाकर,
तू उज्वल कर दे।
हे भारती! ये धरा पुकारती। माँ सरस्वती!
एस. डी. तिवारी
oh.kkokfnuh] in~ekfluh
mj frfej gj
Kku jf’e Hkj
txex iFk dj
cu ds d`ik >j
fo|kknkf;uh] oh.kkokfnuh
rsjs pj.k c<+k
esjs g`n; esa vk
eu yxu yxk
lks;k Kku txk
iFkizdk’kuh] oh.kkokfnuh
gVk eu fodkj
ns lk{kkRdkj
dj Lohdkj
esjk ueLdkj
regkfj.kh] oh.kkokfnuh
galokfguh
सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती
तू सृष्टि संवारती
भुवनेश्वरी
धवल वस्त्र
कर में वीणा धर
वीणावादिनी
पद्म आसीन
हर, मति मलिन
हंसवाहिनी
जगा दे ज्ञान
भर तू स्वाभिमान
विद्यादायिनी
बन के कृपा
जीवन ज्योति दिखा
तमहारिणी
तुझे नमन
कर निर्मल मन
पदमासिनी
कर निवास
मेरे हृदय में आ
eka ljLorh! in~ekfluh!
galkokfguh! oh.kkokfnuh!
Kku jf’e Hkj]
mj frfej gj]
txex iFk dj]
cu ds d`ik >jA
nsoh lqokfluh! oh.kkokfnuh!
fo|k dh nk=h]
Kku vf/k”Bk=h]
Jhiznk] lkfo=h!
Rkw gh dkyjkf=A
fo|kknkf;uh! oh.kkokfnuh!
rsjs pj.k c<+k]
esjs g`n; esa vk]
eu yxu yxk]
lks;k Kku txkA
iFkizdkf’kuh! oh.kkokfnuh!
gVk eu fodkj]
feVk vU/kdkj]
dj ys Lohdkj]
esjk ueLdkjA
regkfj.kh! oh.kkokfnuh
माँ सरस्वती
तू सृष्टि संवारती
भुवनेश्वरी
धवल वस्त्र
कर में वीणा धर
वीणावादिनी
पद्म आसीन
हर, मति मलिन
हंसवाहिनी
जगा दे ज्ञान
भर तू स्वाभिमान
विद्यादायिनी
बन के कृपा
जीवन ज्योति दिखा
तमहारिणी
तुझे नमन
कर निर्मल मन
पदमासिनी
कर निवास
मेरे हृदय में आ
हे माँ शारदा !
एस० डी० तिवारी
No comments:
Post a Comment