Friday, 29 August 2014

Veena vadini / Sarswati



सरस्वती स्तुति

माँ सरस्वती! हे री, माँ सरस्वती!
कुत्सित बुद्धि, विचार संवारती। माँ सरस्वती!

श्वेताम्बर धरे, जलजासीन,
कर वीणा  धरती।
ज्ञान चक्षु की ज्योति जला,
जग जगमग करती।
अज्ञानता के भव से तारती। माँ सरस्वती! 

विद्यारूपा, विमला है तू,
ज्ञान से भर देती। 
शास्त्र-रूपिणी,  सुधा-मूर्ति तू,
भाग्यवान करती।   
शुभदा! सबका शुभ विचारती। माँ सरस्वती!

उपासकों के तू माँ शारदे,  
उर के तम हरती।
ज्ञान से विज्ञान बनाती,
राह सुगम करती।
शरणागत के कष्ट निवारती। माँ सरस्वती!

हम अज्ञानी, तू ज्ञान दायिनी,
ज्ञान सुधा भर दे।  
भारत के अंधकार मिटाकर,
तू उज्वल कर दे। 
हे भारती! ये धरा पुकारती। माँ सरस्वती!


एस. डी. तिवारी


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सरस्वती वंदना 

माँ सरस्वती 
तू सृष्टि संवारती  
भुवनेश्वरी 

धवल वस्त्र 
कर में वीणा धर 
वीणावादिनी 

पद्म आसीन 
हर, मति मलिन 
हंसवाहिनी 

जगा दे ज्ञान 
भर तू स्वाभिमान 
विद्यादायिनी 

बन के कृपा 
जीवन ज्योति दिखा 
तमहारिणी 

तुझे नमन 
कर निर्मल मन    
पदमासिनी

कर निवास   
मेरे हृदय में आ  
हे माँ शारदा !
एस० डी० तिवारी 

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