Saturday, 7 September 2013

Hindi



vR;Ur lgt gS] cgqr ljy gSW
‘kfn;ksa iqjkuh] lcls fojy gS
;g nsoukxjh fyfi esa fy[kh
nsorkvksaa dh gS Hkk”kk mudhA

blesa Hkjk e/kq dh feBkl gS]
blesa clk ;qxksaa dk bfrgkl gS]
iw.kZr% ‘kq) bldk vUr%dj.k]
Li”Vrk dk vn~Hkqr mnkgj.kA

jke d`”.k dh xkFkk;sa blesa
fpj ikSjkf.kd dFkk;sa blesaa
fgUnh lkfgR; lcls fofp=
fgUnw laLd`fr dk ltho fp=A

nksgk] pkSikbZ] xty] xhr] NUn
fofo/k dkO;] fo/kk;sa] vkSj LoNUn
;gka gS xfr] y;] Loj vkSj] lqj
tqM+k gqvk fgUnqLrkfu;ksa dk mjA

;gh fgUnh yrk jQh dh daB gS
lwj] dchj] rqylh dh dye gS
fgUnqLrkfu;ksa dh ekr`Hkk”kk gS
lEeku] izlkj lcdh vfHkyk”kk gSA


हिंदी भाषा दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा में से एक है। साहित्य के क्षेत्र में हिंदी का योगदान अतुल्य है किन्तु हिंदुस्तान में ही हिंदी को तिरस्कार का सामना करना पड़ा है। अंग्रेजों का शाशन होने के कारण यहाँ अंग्रेजी का बोलबाला रहा और स्वतंत्र राष्ट्र में भी विज्ञान आदि की शिक्षा हेतु इसे पंगु समझा गया, जिसके कारण अंग्रेजी का ही प्रचार प्रसार होता रहा। अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय जोर शोर से खुले और बढ़े। हिंदी माध्यम से पढ़े लोगों को आगे बढ़ने का समुचित अवसर नहीं मिला। सरकारी काम काज का और न्याय प्रक्रिया का माध्यम भी अंग्रेजी ही रहा। इससे हिंदी के राष्ट्र भाषा होने का भी औचित्य प्रश्न के घेरे में हो जाता है। 

यद्यपि विज्ञान व तकनीकी विकास के चलते मैं यह अनुभव करता हूँ कि बहुत से अंग्रेजी शब्द ऐसे हैं जिन्हें हिंदी में भी उसी रूप में प्रयुक्त करना सरल लगता है क्योंकि हिंदी में उचित, छोटे व सरल शब्द मिलते ही नहीं। कुछ शब्दों के तो लोगों ने हिंदी में अति लम्बा या हास्यास्पद रूपांतर भी किया है, जैसे 
ट्रैन = लौह पथ गामिनी 
क्रिकेट =  तीन दंड पे गोला फेंक बल्ला मार के भाग खेल  
बल्ब = विद्युत प्रकाश कंच गोलक 
टाई = कंठ लंगोटी 

तो आईये ढूंढते हैं ऐसे अंग्रेजी के शब्द जिन्हें हिंदी में भी मूल रूप में प्रयोग करना उचित लगता है अथवा हिंदी का कोई सरल शब्द उसके अनुवाद स्वरुप हो तो क्या होंगे !
यहाँ पर तो यह एक खेल के रूप में है पर हो सकता है आपका यह प्रयास हिंदी के शब्दकोष के लिये सार्थक व महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। 

एस० डी० तिवारी 
मेट्रो ट्रैन 

रेलवे स्टेशन 

No comments:

Post a Comment