अपनी हिंदी
अत्यंत सहज है, बहुत सरल है
सदियों पुरानी, सबसे विरल है।
देवनागरी लिपि लिखी यह,
है देवताओं की भाषा स्वतः।
इसमें भरा मधु की मिठास है
इसमें बसा युगों का इतिहास है।
पूर्णतः शुद्ध अंतःकरण इसका
अद्भुत उदाहरण स्पष्टता का ।
राम कृष्ण की गाथाएं इसी में
प्राचीन, पौराणिक कथाएं इसी में।
हिंदी साहित्य है सबसे विचित्र
हिन्दू संस्कृति का सजीव चित्र।
दोहा, चौपाई, गजल, गीत, छंद
विविध काव्य, विधाएं, स्वछंद।
यहाँ है गति, लय, स्वर व सुर
जुड़ा हुआ हिंदुस्तानिओं का उर।
यह हिंदी लता, रफ़ी की कंठ है
सुर, कबीर, तुलसी की कलम है।
हिन्दुस्तानियों की मातृभाषा है
सम्मान, प्रसार सबकी अभिलाषा है।
रचयिता - एस. डी. तिवारी
अत्यंत सहज है, बहुत सरल है
सदियों पुरानी, सबसे विरल है।
देवनागरी लिपि लिखी यह,
है देवताओं की भाषा स्वतः।
इसमें भरा मधु की मिठास है
इसमें बसा युगों का इतिहास है।
पूर्णतः शुद्ध अंतःकरण इसका
अद्भुत उदाहरण स्पष्टता का ।
राम कृष्ण की गाथाएं इसी में
प्राचीन, पौराणिक कथाएं इसी में।
हिंदी साहित्य है सबसे विचित्र
हिन्दू संस्कृति का सजीव चित्र।
दोहा, चौपाई, गजल, गीत, छंद
विविध काव्य, विधाएं, स्वछंद।
यहाँ है गति, लय, स्वर व सुर
जुड़ा हुआ हिंदुस्तानिओं का उर।
यह हिंदी लता, रफ़ी की कंठ है
सुर, कबीर, तुलसी की कलम है।
हिन्दुस्तानियों की मातृभाषा है
सम्मान, प्रसार सबकी अभिलाषा है।
रचयिता - एस. डी. तिवारी
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