नाचती रही
पूरे शहर पर
कटी पतंग
काट दो चार
दिखा कर कमाल
कटी पतंग
तोड़ दी दम
काटों में फंसकर
कटी पतंग
लपेट रहा
चरखी पर डोर
कटी पतंग
फटी पतंग
काँटों में उलझ के
कटी पतंग
नन्हां लाडला
सोया गहरी नींद
पतंग दबा
लूटने दौड़े
देख गली के बच्चे
कटी पतंग
ख़ुशी मनाया
लूट कर ले आया
कटी पतंग
पेंच लड़ाया
मुन्ना ज्यूँ ही उड़ाया
कटी पतंग
छत पे मेरी
पड़ी थी अधमरी
कटी पतंग
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