हम सागर
लाएंगे उठाकर
तू प्यासी गर
खास है बड़ी
तू क्या देगा सौगात
आज की रात
करती रही
मंहगी मुहब्बत
रोज गरीब
बनाया अँधा
तेरा इश्क न छोड़ा
काम का बंदा
इत्र लगाए
जब वो पास आये
छींक आ गयी
हुस्न न होता
सोचता हूँ होती क्या
फूलों की कद्र
तेरा दीदार
जबसे हुआ यार
मैं तो खो गया
सनम आया
जैसे ही हुई शाम
चाँद शर्माया
नन्हां सा दिल
सम्हालता भी कैसे
तुम्हारा प्यार
आ नहीं पाया
दिया नहीं था पता
मेरी क्या खता
झटका तूने
जकड़ गया दिल
जुल्फों में तेरी
हमसे अच्छे
तेरे गले से लगे
मोती के दाने
हुस्न के खुदा
रहना है मुश्किल
तुमसे जुदा
गयी थी मारी
थोड़ा साथ न चले
मति तुम्हारी
हुआ बेचारा
रस के लिए भौंरा
दल में कैद
ननदी सुन
चूड़ी की खनखन
हंस पड़ती
भेद खोलतीं
खनक के चूड़ियां
आधी रात को
जेब से प्यार
बीबी को बेसुमार
मुझसे कम
शादी के बाद
खुल जाती हैं ऑंखें
प्यार में बंद
राम दुलारी
चली गयी मायके
चैन की बंशी
उलटी हुई !
तू है कितनी भोली
पेट से हो ली
कैसे उठाऊं !
तेरे प्यार का भार
पैर हैं भारी
रूठ गए तो
समझे थे उनसे
गहरे रिश्ते
मेरी जिंदगी
पाकर तेरा साथ
उड़ने लगी
मेरी नजर
देखते धुंधलाई
तेरी डगर
दिल में लगा
मुहब्बत की आग
रौशन किया
उससे कहीं
मेरा पालतू अच्छा
मैं नहलाता
स्वेद से भीगे
एक ही थी रुमाल
मुख थे पोंछे
गोली के जैसे
मारने निकलता
दिल से प्यार
जबसे मिली
तेरी मेरी केमिस्ट्री
हो गया प्यार
मन की चाह
देखते ही सूरत
हो गया प्यार
कैसा अचम्भा
मारकर भी प्यार
रहता जिन्दा
धीरज रखा
डाल कर कंटिया
फंसी मछली
बिकता नहीं
पर बड़ा चुकाया
तो प्यार पाया
प्यार में वक्त
जाने कहाँ खो जाता
वक्त में प्यार
पाए थे हम
आलिंगन में बंध
चौथा ही लोक
सज ना गोरी
लुभा न जाएँ कहीं
सजना तोरी
बेचैन जिया
जिया क्या खाक जिया
नहीं थे पिया
प्यार जताया
परछाईं बन के
करती पीछा
पाया ही नहीं
चुम्बन का जानेगा
सज ना गोरी
लुभा न जाएँ कहीं
सजना तोरी
बेचैन जिया
जिया क्या खाक जिया
नहीं थे पिया
प्यार जताया
परछाईं बन के
करती पीछा
शुरू हो जाये
रोक पाना मुश्किल
युद्ध व प्यार
प्यार था मुझे
उसकी मुस्कान से
शादी उससे
दौड़ लगाए
बहुत जख्म खाये
प्यार में अँधा
नाचते रहे
हम दोनों एक ही
प्यार की धुरी
कितने अच्छे
सपनों में आते थे
तुम लगते
करके प्यार
पाए उनसे युदा
मेरे विचार
दिल चुम्बक
खींचे दूजे की ओर
तेरा या मेरा ?
हरेक दिन
लगता तुम बिन
जीवन सूना
बीत ही गए
वो सुन्दर लमहे
यादें संजोये
खेने को मेरी
दे दे तू पतवार
प्यार की नाव
आने न देंगे
प्यार में पतझड़
बदले ऋतु
बंद है राह
स्वर्ग में तो मिलोगी
वहां से आगे
मैंने ना सही
छू ली उसके होंठ
मेरी कविता
भाये तुमको
जाने कौन सा फूल
ये लो बगीचा
गहरी सोच
तेरे नाम के सिवा
कुछ ना और
मेरी चाहत
तुम्हारी चाहे नोट
तुम्हारे होंठ
दे देना मुझे
दिल में गर रखो
उमर कैद
मेरा प्यार या
ग्रहों का चमत्कार
पा लिया तुझे
सोना न हार
चाहूँ पिऊ मैं बस
तुम्हारा प्यार
रहे देखते
किसी पे मचलते
उनका दिल
हो जाता और
सुन्दर हर ठौर
तुम्हारे साथ
***********
सफल हुआ
पाकर के जीवन
तेरा चुम्बन
बड़ा नशीला
ऊपर से खर्चीला
तेरा चुम्बन
कुछ पल को
भुला दिया संसार
तेरा चुम्बन
किया वहन
पाने को कष्ट मन
तेरा चुम्बन
पाने के लिए
क्या ना पापड़ बेले
तेरा चुम्बन
करने लगा
दिल नृत्य मगन
तेरा चुम्बन
हुए बेकार
आदमी थे काम के
करके प्यार
रहे देखते
किसी पे मचलते
उनका दिल
हो जाता और
सुन्दर हर ठौर
तुम्हारे साथ
दिल लगाया
बदले में उन्होंने
फंदा लगाया
दिल ने पीया
तेरा इश्क बहुत
नशे में जिया
मिले तुमसे
सोचे नहीं थे होगे
इतने प्यारे
किया है मैंने
कहानी भी बनेगी
मेरे प्यार की
हाथ न आया
दीवाना कहलाया
इश्क का छोर
हुआ असर
तेरे प्यार में दिल
आसमां पर
उन्होंने पूछा
हमें लगा प्यार है
नाराज हो क्या ?
हुआ कमाल
आँखों में ऑंखें डाल
देखा उनको
मिले तुमसे
पता न था पहले
इश्क कि चीज
प्यार की नाव
खेती है पतवार
विश्वास जड़ी
नहीं तड़पे
कोई प्यार करके
ढूंढ के लाओ
तुझे भुलाएं
यह तभी संभव
मौत आ जाये
जिंदगी भर
नहीं पाया उतर
आँखों का नशा
सताते रहे
हम उनसे प्यार
जताते रहे
किससे किये
बादल तुम प्यार
रोये थे रात
पागल बन
दिल ने उन्हें चाहा
फिर कराहा
दिल चुराए
अब फिरते हैं वो
आंख चुराए
सूना तुमने
टूटने की आवाज
मेरा दिल था
शब्द तुम्हारे
कहीं के नहीं छोड़े
तुमसे प्यार
सामने ही थे
अजनबी से रहे
किससे कहें
होंठ सिले थे
दिल बोलता रहा
नहीं सुने वे
जिसको पाया
दर्पण हरजाया
गले लगाया
मेरा वो थूके
उनका गुस्सा हम
प्यार ना कम
हुआ है दीद
जबसे नम का
खो गयी नींद
फैली ये बाहें
थामने को तुझको
रखे हैं चाहें
ले ले बाँहों में
गले लग जाउंगी
गल जाउंगी
सिर मैं फोड़ी
मुंह खुलवाने में
चुप्पी न तोड़ी
दिल ने कुछ
आँखों ने कुछ कहा
हमने पढ़ा
ज्योति से भरा
दिल का हर कोना
तुम्हारी ही लौ
डरता दिल
पाया बड़ी मुश्किल
खोये न फिर
इश्क में हुई
गमों कि बरसात
अश्कों की नदी
सब कुछ है
एक वो नहीं पास
दिल उदास
किये थे गर्व
वफा पर हम भी
चोट से पूर्व
किस्मत वाले
मर जाते जो लोग
हुस्न के मारे
चले मुस्करा
टूट कर बिखरा
दिल किसी का
जाने ना किसे
रहना मुस्कराते
प्यार हो जाये
साथ ले गए
करके वो तारीफ
मेरी मुस्कान
अकेले रहे
मुस्कराता भी रहे
कौन है भला
क्या है अनोखा
कह रहे हो खाया
प्यार में धोखा
दिल पे खोदा
रोओगे नहीं तो क्या
नाम किसी का
मेरे ऊपर
बरसाई तू प्यार
भीगा पड़ा हूँ
बदले दिया
गम किस बात का
दिल के दिल
एक मुस्कान
लूट कर ले गयी
सारी दुकान
एक ना किया
दिल का आशियाना
उजाड़ दिया
सावन आया
दिल में लगी आग
बुझाने आ जा
तेरे कारण
हो गए बदनाम
तू अनजान
तेरे ही दिए
आंसुओं में ढलके
दर्द मन के
जैसे कि खाद्य
प्यार भी जिंदगी की
जरूरी बात
*********
कुर्बानी दिए
कितने ही दीवाने
प्यार के लिए
छीनी यम से
दमयंती तप से
नल के प्राण
लौटाई खाली
पति को लेने आये
दूत सावित्री
मैरी व क्यूरी
रेडियम खोजते
प्यार में खोये
अनारकली
हार गया सलीम
सुन्दर बड़ी
हेलेन की लौ
पेरिस ने लगाया
ट्रॉय का युद्ध
करके इश्क
रोमियो जूलिएट
हुए अमर
प्यार बेहद
मजनू त्यागा प्राण
लैला की दर
प्यार का चिन्ह
खड़ा शाहजहां का
तालमहल
प्यार में संग
विक्टोरिया अल्बर्ट
रानी व रंक
सिरीं को मारा
झूठ से फरहाद
मौत के घाट
*******
खो गया था मैं
तुम्हारे संग बैठ
तारों को देख
सुन के देख
लेती तेरा ही नाम
मेरी जुबान
चलाती मेरे
दिल की धड़कन
तेरा चिंतन
माल चलेंगे
साथ में हम दोनों
चाट चखेंगे
करते प्यार
प्रेम भरे दो दिल
जलते यार
जीत उसी की
है जीवन को हारा
प्यार में जो भी
मुझे भर लो
ऑंखें बंद कर लो
बाँहों में तुम
दिल ने दिया
एक मीठा सा दर्द
दिल ही दवा
सेजिया मोरी
सर्दी में सूनी किया
बेदर्दी पिया
सोने न देता
पढ़ाने में जालिम
प्रेम का पाठ
जब से हुआ
हम दोनों का सिला
शकुन मिला
तुम जो गये
सपने हुए चूर
हमसे दूर
लो पहन लो
टांक दिया बटन
टूटी पड़ी थी
गाओ ना वही
पहली बार मिले
गाया था गीत
तेरी नजर
बन कर खंजर
दिल भीतर
जब से हुआ
हम दोनों का सिला
शकुन मिला
निकल आये
देखो चाँद सितारे
अब तो चलें
देखती रहीं
दोनों की आंखें चाँद
युदा होकर
हर सुबह
आज कल मेज पे
एक ही प्याली
सर्दी की रात
रजाई में मिलतीं
दोनों के सांसें
कह के गयी
लो मायके जा रही
मन में हंसी
निभायी साथ
उदासियों में मेरी
तुम्हारी याद
दोनों में अब
अदभुत सी शांति
अभी निपटे
फूल खिलते
होठों पर दोनों के
गले मिलते
वो जब गये
बंद हुआ छत पे
चाँद का आना
लेकर आई
सिसकियों की रात
उनकी याद
किये बहुत
जजबातों से खेल
निर्दयी मेघ
होती प्रतीक्षा
शाम की हरदम
जवां थे हम
ढोता रहता
ट्रक पे ड्राइवर
यादें उसकी /प्यार
डाल से टूट
काम में आते फूल
पूजा व प्यार
सर्वोत्तम सहारा
बितानी है उम्र, तुम बिन :: पल पल भारी
रूठना तेरी अदा :: मनाना मेरी कला
प्यार के लिए
जिंदगी है जरूरी
मौत से दूरी
राधा कान्हा की
हो गयी महबूबी
प्रेम में डूबी
राधा ने खेली
कृष्ण के संग होली
भिगो ली चोली
सीखीं गोपियाँ
रचा कान्हा से रास
प्रेम का पाठ
चुराया दिल
राधा का चुप चाप
माखनचोर
सीता व राम
प्यार में रंग नहीं
राग का काम
भोर से शाम
पुकारती थी राधा
प्रेम में श्याम
पाने को राधा
की क्या क्या न उपाय
कान्हा का प्यार
कान्हा ने मारी
राधा पे पिचकारी
भिगोई साड़ी
कर अर्पण
कन्हैया को जीवन
मीरा मगन
हुई अमर
कृष्ण से प्रेम कर
मीरा दीवानी
मोहा राधा का
और मेरा भी मन
मनमोहन
बांध के साथ
रखता परिवार
वह है प्यार
नन्हां बालक
खिंच लेता सबका
प्यार नाहक
जब भी बजी
गाई तेरे ही गीत
मन की बीन
जाये न बीत
बसंत मनमीत
आ जा भी अब
खोज ही लेती
गंध से छुपी कली
भौंरे की दृष्टि
कोरी अंगिया
लगा दिया तू दाग
मन बसिया
जबसे हुआ
जिंदगी चल पड़ी
तुमसे प्यार
करके प्यार
तुमसे तो हो गया
जीना दुस्वार
हो गया प्यार
छा गया दिल पर
तेरा खुमार
हुआ जबसे
बजे दिल के तार
तेरा दीदार
फंस ही गया
दिल गली के तेरे
मार के फेरे
संगीत बिना
पिया गया विदेश
सुनी है वीणा
पकड़ी गयी
तेरे नैनों की चोरी
झुकाई गोरी
जागा या सोया
रहा नशे में खोया
नाम के तेरे
होगा ये जग
रहें प्यार से सब
कितना प्यारा
दिल को तुम
बंजर ना होने दो
प्यार उगाओ
तू-तू मैं-मैं में
बीते न ये जिंदगी
प्यार जरूरी
निकला चाँद
ढूंढते रहे दाग
अस्त हो गया
कैसे सम्भालूँ
तुम्हारे छोड़े तीर
बड़े गंभीर
शिकवा गिला
भेजा शुभ सन्देश
बदले मिला
दामिनी है वो
छूना मत दामन
जल जाओगे
खाये जा रही
आकाश बेल बनी
उनकी याद
भूलना चाही
और भी गहराई
उनकी याद
रोजाना शाम
कर लेती है नाम
उनकी याद
रुलाती रही
रातों में आती रही
उनकी याद
मेरी किताब
आंसुओं से भिगोई
उनकी याद
खाने का स्वाद
कर देती बर्बाद
उनकी याद
उनका दिया
सम्हाले हूँ सौगात
उनकी याद
अपना बचा
निकाल रहा मेघ
हमारा स्वेद
बेटी ही धन
दुल्हन को सहेज
छोड़ दहेज़
अच्छा था रानी
काम वाली का नाम
कह तो लेते
बहुत खूब
तेरा सुन्दर रूप
फिसले हम
आ रहा पास
मगर धीरे धीरे
चाँद सखी रे
आँखों के बाण
मारो ना प्रियतम
निकले प्राण
कीं शरारत -
नाचने लगा दिल
आँखों ने तेरी
जबसे देखा -
बेक़रार है दिल
आँखों को तेरी
जादू सा पाया
पागल हुआ दिल
आँखों में तेरी
पिया जो प्याला
होश खो बैठा दिल
आँखों का तेरी
मिल के सीखा
प्रीत की रीति दिल
आँखों से तेरी
लाएंगे उठाकर
तू प्यासी गर
खास है बड़ी
तू क्या देगा सौगात
आज की रात
करती रही
मंहगी मुहब्बत
रोज गरीब
बनाया अँधा
तेरा इश्क न छोड़ा
काम का बंदा
इत्र लगाए
जब वो पास आये
छींक आ गयी
हुस्न न होता
सोचता हूँ होती क्या
फूलों की कद्र
तेरा दीदार
जबसे हुआ यार
मैं तो खो गया
सनम आया
जैसे ही हुई शाम
चाँद शर्माया
नन्हां सा दिल
सम्हालता भी कैसे
तुम्हारा प्यार
आ नहीं पाया
दिया नहीं था पता
मेरी क्या खता
झटका तूने
जकड़ गया दिल
जुल्फों में तेरी
हमसे अच्छे
तेरे गले से लगे
मोती के दाने
हुस्न के खुदा
रहना है मुश्किल
तुमसे जुदा
गयी थी मारी
थोड़ा साथ न चले
मति तुम्हारी
हुआ बेचारा
रस के लिए भौंरा
दल में कैद
ननदी सुन
चूड़ी की खनखन
हंस पड़ती
भेद खोलतीं
खनक के चूड़ियां
आधी रात को
जेब से प्यार
बीबी को बेसुमार
मुझसे कम
शादी के बाद
खुल जाती हैं ऑंखें
प्यार में बंद
राम दुलारी
चली गयी मायके
चैन की बंशी
उलटी हुई !
तू है कितनी भोली
पेट से हो ली
कैसे उठाऊं !
तेरे प्यार का भार
पैर हैं भारी
रूठ गए तो
समझे थे उनसे
गहरे रिश्ते
मेरी जिंदगी
पाकर तेरा साथ
उड़ने लगी
मेरी नजर
देखते धुंधलाई
तेरी डगर
दिल में लगा
मुहब्बत की आग
रौशन किया
उससे कहीं
मेरा पालतू अच्छा
मैं नहलाता
स्वेद से भीगे
एक ही थी रुमाल
मुख थे पोंछे
गोली के जैसे
मारने निकलता
दिल से प्यार
जबसे मिली
तेरी मेरी केमिस्ट्री
हो गया प्यार
मन की चाह
देखते ही सूरत
हो गया प्यार
कैसा अचम्भा
मारकर भी प्यार
रहता जिन्दा
धीरज रखा
डाल कर कंटिया
फंसी मछली
बिकता नहीं
पर बड़ा चुकाया
तो प्यार पाया
प्यार में वक्त
जाने कहाँ खो जाता
वक्त में प्यार
पाए थे हम
आलिंगन में बंध
चौथा ही लोक
सज ना गोरी
लुभा न जाएँ कहीं
सजना तोरी
बेचैन जिया
जिया क्या खाक जिया
नहीं थे पिया
प्यार जताया
परछाईं बन के
करती पीछा
पाया ही नहीं
चुम्बन का जानेगा
वह क्या स्वाद
सज ना गोरी
लुभा न जाएँ कहीं
सजना तोरी
बेचैन जिया
जिया क्या खाक जिया
नहीं थे पिया
प्यार जताया
परछाईं बन के
करती पीछा
शुरू हो जाये
रोक पाना मुश्किल
युद्ध व प्यार
प्यार था मुझे
उसकी मुस्कान से
शादी उससे
दौड़ लगाए
बहुत जख्म खाये
प्यार में अँधा
नाचते रहे
हम दोनों एक ही
प्यार की धुरी
कितने अच्छे
सपनों में आते थे
तुम लगते
करके प्यार
पाए उनसे युदा
मेरे विचार
दिल चुम्बक
खींचे दूजे की ओर
तेरा या मेरा ?
हरेक दिन
लगता तुम बिन
जीवन सूना
बीत ही गए
वो सुन्दर लमहे
यादें संजोये
खेने को मेरी
दे दे तू पतवार
प्यार की नाव
आने न देंगे
प्यार में पतझड़
बदले ऋतु
बंद है राह
स्वर्ग में तो मिलोगी
वहां से आगे
मैंने ना सही
छू ली उसके होंठ
मेरी कविता
भाये तुमको
जाने कौन सा फूल
ये लो बगीचा
गहरी सोच
तेरे नाम के सिवा
कुछ ना और
मेरी चाहत
तुम्हारी चाहे नोट
तुम्हारे होंठ
दे देना मुझे
दिल में गर रखो
उमर कैद
मेरा प्यार या
ग्रहों का चमत्कार
पा लिया तुझे
सोना न हार
चाहूँ पिऊ मैं बस
तुम्हारा प्यार
रहे देखते
किसी पे मचलते
उनका दिल
हो जाता और
सुन्दर हर ठौर
तुम्हारे साथ
***********
जगा स्पंदन
पुलकित बदन
तेरा चुम्बन
सफल हुआ
पाकर के जीवन
तेरा चुम्बन
बड़ा नशीला
ऊपर से खर्चीला
तेरा चुम्बन
कुछ पल को
भुला दिया संसार
तेरा चुम्बन
किया वहन
पाने को कष्ट मन
तेरा चुम्बन
पाने के लिए
क्या ना पापड़ बेले
तेरा चुम्बन
करने लगा
दिल नृत्य मगन
तेरा चुम्बन
हुए बेकार
आदमी थे काम के
करके प्यार
रहे देखते
किसी पे मचलते
उनका दिल
हो जाता और
सुन्दर हर ठौर
तुम्हारे साथ
दिल लगाया
बदले में उन्होंने
फंदा लगाया
दिल ने पीया
तेरा इश्क बहुत
नशे में जिया
मिले तुमसे
सोचे नहीं थे होगे
इतने प्यारे
किया है मैंने
कहानी भी बनेगी
मेरे प्यार की
हाथ न आया
दीवाना कहलाया
इश्क का छोर
हुआ असर
तेरे प्यार में दिल
आसमां पर
उन्होंने पूछा
हमें लगा प्यार है
नाराज हो क्या ?
हुआ कमाल
आँखों में ऑंखें डाल
देखा उनको
मिले तुमसे
पता न था पहले
इश्क कि चीज
प्यार की नाव
खेती है पतवार
विश्वास जड़ी
नहीं तड़पे
कोई प्यार करके
ढूंढ के लाओ
तुझे भुलाएं
यह तभी संभव
मौत आ जाये
जिंदगी भर
नहीं पाया उतर
आँखों का नशा
सताते रहे
हम उनसे प्यार
जताते रहे
किससे किये
बादल तुम प्यार
रोये थे रात
पागल बन
दिल ने उन्हें चाहा
फिर कराहा
दिल चुराए
अब फिरते हैं वो
आंख चुराए
सूना तुमने
टूटने की आवाज
मेरा दिल था
शब्द तुम्हारे
कहीं के नहीं छोड़े
तुमसे प्यार
सामने ही थे
अजनबी से रहे
किससे कहें
होंठ सिले थे
दिल बोलता रहा
नहीं सुने वे
जिसको पाया
दर्पण हरजाया
गले लगाया
मेरा वो थूके
उनका गुस्सा हम
प्यार ना कम
हुआ है दीद
जबसे नम का
खो गयी नींद
फैली ये बाहें
थामने को तुझको
रखे हैं चाहें
ले ले बाँहों में
गले लग जाउंगी
गल जाउंगी
सिर मैं फोड़ी
मुंह खुलवाने में
चुप्पी न तोड़ी
दिल ने कुछ
आँखों ने कुछ कहा
हमने पढ़ा
ज्योति से भरा
दिल का हर कोना
तुम्हारी ही लौ
डरता दिल
पाया बड़ी मुश्किल
खोये न फिर
इश्क में हुई
गमों कि बरसात
अश्कों की नदी
सब कुछ है
एक वो नहीं पास
दिल उदास
किये थे गर्व
वफा पर हम भी
चोट से पूर्व
किस्मत वाले
मर जाते जो लोग
हुस्न के मारे
चले मुस्करा
टूट कर बिखरा
दिल किसी का
जाने ना किसे
रहना मुस्कराते
प्यार हो जाये
साथ ले गए
करके वो तारीफ
मेरी मुस्कान
अकेले रहे
मुस्कराता भी रहे
कौन है भला
क्या है अनोखा
कह रहे हो खाया
प्यार में धोखा
दिल पे खोदा
रोओगे नहीं तो क्या
नाम किसी का
मेरे ऊपर
बरसाई तू प्यार
भीगा पड़ा हूँ
बदले दिया
गम किस बात का
दिल के दिल
एक मुस्कान
लूट कर ले गयी
सारी दुकान
एक ना किया
दिल का आशियाना
उजाड़ दिया
सावन आया
दिल में लगी आग
बुझाने आ जा
तेरे कारण
हो गए बदनाम
तू अनजान
तेरे ही दिए
आंसुओं में ढलके
दर्द मन के
जैसे कि खाद्य
प्यार भी जिंदगी की
जरूरी बात
*********
कुर्बानी दिए
कितने ही दीवाने
प्यार के लिए
दमयंती तप से
नल के प्राण
लौटाई खाली
पति को लेने आये
दूत सावित्री
मैरी व क्यूरी
रेडियम खोजते
प्यार में खोये
अनारकली
हार गया सलीम
सुन्दर बड़ी
हेलेन की लौ
पेरिस ने लगाया
ट्रॉय का युद्ध
करके इश्क
रोमियो जूलिएट
हुए अमर
प्यार बेहद
मजनू त्यागा प्राण
लैला की दर
प्यार का चिन्ह
खड़ा शाहजहां का
तालमहल
प्यार में संग
विक्टोरिया अल्बर्ट
रानी व रंक
सिरीं को मारा
झूठ से फरहाद
मौत के घाट
*******
खो गया था मैं
तुम्हारे संग बैठ
तारों को देख
सुन के देख
लेती तेरा ही नाम
मेरी जुबान
चलाती मेरे
दिल की धड़कन
तेरा चिंतन
माल चलेंगे
साथ में हम दोनों
चाट चखेंगे
करते प्यार
प्रेम भरे दो दिल
जलते यार
जीत उसी की
है जीवन को हारा
प्यार में जो भी
मुझे भर लो
ऑंखें बंद कर लो
बाँहों में तुम
दिल ने दिया
एक मीठा सा दर्द
दिल ही दवा
सेजिया मोरी
सर्दी में सूनी किया
बेदर्दी पिया
सोने न देता
पढ़ाने में जालिम
प्रेम का पाठ
हम दोनों का सिला
शकुन मिला
तुम जो गये
सपने हुए चूर
हमसे दूर
लो पहन लो
टांक दिया बटन
टूटी पड़ी थी
गाओ ना वही
पहली बार मिले
गाया था गीत
तेरी नजर
बन कर खंजर
दिल भीतर
जब से हुआ
हम दोनों का सिला
शकुन मिला
निकल आये
देखो चाँद सितारे
अब तो चलें
देखती रहीं
दोनों की आंखें चाँद
युदा होकर
हर सुबह
आज कल मेज पे
एक ही प्याली
सर्दी की रात
रजाई में मिलतीं
दोनों के सांसें
कह के गयी
लो मायके जा रही
मन में हंसी
निभायी साथ
उदासियों में मेरी
तुम्हारी याद
दोनों में अब
अदभुत सी शांति
अभी निपटे
फूल खिलते
होठों पर दोनों के
गले मिलते
वो जब गये
बंद हुआ छत पे
चाँद का आना
लेकर आई
सिसकियों की रात
उनकी याद
किये बहुत
जजबातों से खेल
निर्दयी मेघ
होती प्रतीक्षा
शाम की हरदम
जवां थे हम
ढोता रहता
ट्रक पे ड्राइवर
यादें उसकी /प्यार
डाल से टूट
काम में आते फूल
पूजा व प्यार
सर्वोत्तम सहारा
बितानी है उम्र, तुम बिन :: पल पल भारी
रूठना तेरी अदा :: मनाना मेरी कला
प्यार के लिए
जिंदगी है जरूरी
मौत से दूरी
राधा कान्हा की
हो गयी महबूबी
प्रेम में डूबी
राधा ने खेली
कृष्ण के संग होली
भिगो ली चोली
सीखीं गोपियाँ
रचा कान्हा से रास
प्रेम का पाठ
चुराया दिल
राधा का चुप चाप
माखनचोर
सीता व राम
प्यार में रंग नहीं
राग का काम
भोर से शाम
पुकारती थी राधा
प्रेम में श्याम
पाने को राधा
की क्या क्या न उपाय
कान्हा का प्यार
कान्हा ने मारी
राधा पे पिचकारी
भिगोई साड़ी
कर अर्पण
कन्हैया को जीवन
मीरा मगन
हुई अमर
कृष्ण से प्रेम कर
मीरा दीवानी
मोहा राधा का
और मेरा भी मन
मनमोहन
बांध के साथ
रखता परिवार
वह है प्यार
नन्हां बालक
खिंच लेता सबका
प्यार नाहक
जब भी बजी
गाई तेरे ही गीत
मन की बीन
जाये न बीत
बसंत मनमीत
आ जा भी अब
खोज ही लेती
गंध से छुपी कली
भौंरे की दृष्टि
कोरी अंगिया
लगा दिया तू दाग
मन बसिया
समुद्र तट
आते ही उठ जाता
दिल में तूफां
होता है सदा
प्यार नम्र व नर्म
अकड़ा गर्व
आते ही उठ जाता
दिल में तूफां
होता है सदा
प्यार नम्र व नर्म
अकड़ा गर्व
जिंदगी चल पड़ी
तुमसे प्यार
करके प्यार
तुमसे तो हो गया
जीना दुस्वार
हो गया प्यार
छा गया दिल पर
तेरा खुमार
हुआ जबसे
बजे दिल के तार
तेरा दीदार
फंस ही गया
दिल गली के तेरे
मार के फेरे
संगीत बिना
पिया गया विदेश
सुनी है वीणा
पकड़ी गयी
तेरे नैनों की चोरी
झुकाई गोरी
जागा या सोया
रहा नशे में खोया
नाम के तेरे
होगा ये जग
रहें प्यार से सब
कितना प्यारा
दिल को तुम
बंजर ना होने दो
प्यार उगाओ
तू-तू मैं-मैं में
बीते न ये जिंदगी
प्यार जरूरी
निकला चाँद
ढूंढते रहे दाग
अस्त हो गया
छोटी गलती
रूठ के मत जाना
रहूं जो रोती
तोड़ दे भले
रौंद न मेरा दिल
पैरों के तले
रूठ के मत जाना
रहूं जो रोती
तोड़ दे भले
रौंद न मेरा दिल
पैरों के तले
कैसे सम्भालूँ
तुम्हारे छोड़े तीर
बड़े गंभीर
शिकवा गिला
भेजा शुभ सन्देश
बदले मिला
दामिनी है वो
छूना मत दामन
जल जाओगे
खाये जा रही
आकाश बेल बनी
उनकी याद
भूलना चाही
और भी गहराई
उनकी याद
रोजाना शाम
कर लेती है नाम
उनकी याद
रुलाती रही
रातों में आती रही
उनकी याद
मेरी किताब
आंसुओं से भिगोई
उनकी याद
खाने का स्वाद
कर देती बर्बाद
उनकी याद
उनका दिया
सम्हाले हूँ सौगात
उनकी याद
अपना बचा
निकाल रहा मेघ
हमारा स्वेद
बेटी ही धन
दुल्हन को सहेज
छोड़ दहेज़
अच्छा था रानी
काम वाली का नाम
कह तो लेते
बहुत खूब
तेरा सुन्दर रूप
फिसले हम
आ रहा पास
मगर धीरे धीरे
चाँद सखी रे
आँखों के बाण
मारो ना प्रियतम
निकले प्राण
कीं शरारत -
नाचने लगा दिल
आँखों ने तेरी
जबसे देखा -
बेक़रार है दिल
आँखों को तेरी
जादू सा पाया
पागल हुआ दिल
आँखों में तेरी
पिया जो प्याला
होश खो बैठा दिल
आँखों का तेरी
मिल के सीखा
प्रीत की रीति दिल
आँखों से तेरी
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