Sunday, 18 June 2017

Saat vachan

सात वचन


धर्म कर्म जो करेगा तू,  मुझे तेरा साथ निभाना पिया।
तीरथ व्रत पर जाये तू, हमका संग लिए जाना पिया।

तेरे बालक से लेकर मैं, सारे कुटुंब की सेवा करुँगी
मेरे मात पिता का तू भी, सत्कार किये जाना पिया।

व्यंजन अच्छे खिलाऊंगी, मैं रखूंगी तेरा ध्यान सदा
जीवन भर निष्ठा से तू, मेरा साथ दिए जाना पिया।

तेरे लिए श्रृंगार करुँगी, मैं तेरे संग में क्रीड़ा करुँगी
मेरे पालन के दायित्व को, नित तू भी निभाना पिया।

सब्र व धीरज से रहूंगी, तेरे संग सुख दुःख सहूंगी
जो कुछ कमाना, पूछे बिन उसे नहीं उड़ाना पिया।

सास ससुर की सेवा करुँगी और तुझे कभी न ठगूंगी
सखियों के बीच तू मेरी, खिल्ली नहीं उड़ाना पिया।

तेरी इच्छा अनुरूप रहूंगी, तभी पति माना तुझको
किसी स्त्री से तू और, कदापि न नैन लड़ाना पिया।

दिल और मन को काबू में रखना
आठवीं बात कभी जुबान पर भी नहीं लाना पिया।


resting in his net
waits for mosquito to bed
the hungry spider

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