पहाड़ी घाटी
पर्यटक आ गये
शांति लापता
कब्र पे चढ़े
बिल्कुल ताजे फूल
वर्षों पुरानी
मीडिया ने की
इतना बदनाम
नाम हो गया
डिग्री पे भारी
जाति प्रमाणपत्र
भारतवर्ष
छत पर लगी
कई आँखों की टकी
नाचता मोर
फूल से शुरू
शिला के नीचे ख़त्म
प्यार की यात्रा
******************
कृष्ण का जन्म
वासुदेव की कीर्ति
कंस का काल
कृष्ण की बंशी
गौवें और गोपियाँ
मोहित सभी
कृष्ण की रास
गोपियाँ सब तृप्त
प्रेम की आस
कृष्ण का नाम
बनाने को पर्याप्त
बिगड़े काम
कृष्ण की लीला
भक्तों को देती दिला
सच्चिदानंद
कौरव मृत
पांडवों का अमृत
कृष्णावतार
जीवन मंत्र
किये कृष्ण प्रदान
गीता का ज्ञान
यशोदा नन्द
देवकी वासुदेव
हम भी धन्य
कृष्ण का नाम
डूब गयी पाकर
मीरा दीवानी
*************
हिंदी
वर्ष में हिंदी
बस पंद्रह दिन
राष्ट्र की भाषा
गजब देश
रहती राष्ट्र भाषा
क्षेत्र विशेष
जकड़ी रही
राजनीति में हिंदी
सिकुड़ी रही
नोट चलाते
मिल पंद्रह भाषा
सिक्के बस दो
बोले उत्तर
दक्षिण भारत से
संकेत कर
राम कृष्ण की
गुरुकुल की लिपि
देव नागरी
बाल्मिकी व्यास
देव नागरी लिपि
रही आधार
तुलसी सूर
कबीर की भी रही
हिंदी ही नूर
चीन दौड़ाता
बिना अंग्रेजी के ही
विकास रथ
हिंदी की गाड़ी पर
कौन लगाता ब्रेक
हिंदी पढ़ के
हिंदी के प्रसार का
नारे लगाते
अग्रेजी पढ़ कर
साहब बन जाते
हो आरक्षण
हिंदी पढने वाले
पिछड़ा वर्ग
गुरु
दिखाता हमें
मन मानस बिम्ब
गुरु दर्पण
जीवन सिंधु
उतारने की पार
गुरु है नाव
करे खनन
उपकरण बन
गुरु गुणों का
गुरु को श्रेष्ठ
शिष्य की सफलता
गुरु दक्षिणा
- एस० डी० तिवारी
**************
भक्ति पाकर
भरते लम्बोदर
भक्तों का घर
शुद्ध कर दे
गणपति वंदन
भक्तों का मन
सब खा जाते
लम्बोदर नेता ये
लम्बे हाथों से
छः वर्ष बीते
हुये बेटी की शादी
दो किश्तें बाकी
सास ससुर
हर लड़की के हों
यशोदा नन्द
***********
पंद्रह दिन
श्राद्ध में स्वच्छ मन
पितृ प्रसन्न
पितरपख
पितरों संग जागा
काग के भाग
करने चली
नन्हीं लौ जगमग
सम्पूर्ण जग
स्वर्णिम क्षण
हिमालय के सिर
स्वर्ण मुकुट
डॉल्फ़िन नृत्य
ताल में ताल मिला
जल में कला
पीपल पात
काढ़ा से रूक जाय
ह्रदय घात
मीडिया ने की
इतना बदनाम
नाम हो गया
प्रभु का नाम
बनाने को पर्याप्त
बिगड़े काम
दिखाती धरा
घूम घूम सूर्य को
अपनी अदा
पाले सबको
अंत में समा भी ले
पृथ्वी की गोद
रंग में हरा
सुन्दर लगे धरा
होवे न भूरा
जल से फल
सब कुछ ही देती
माता धरती
वैभव सारा
जो कुछ है हमारा
धरा प्रदत्त
अरबों लाल
पालती है अकेले
माँ वसुंधरा
पेड़ पर्वत
धरती का श्रृंगार
रखें संभाल
फेंक कचरा
किया नदी को मैला
जल विषैला
सुन्दर धरा
पनपे परंपरा
देश दुनिया
लगाते मोल -
धरती है सबकी
दबंग लोग
महल बना
इतराता मानव
पृथ्वी की मिटटी
दिया झलक
उठा कर घूंघट
हवा का झोंका
वायु के आते
स्वागत में झूमते
प्रसन्न पत्ते
जोह में बैठे
शांतिपूर्वक पत्ते
हवा आने का
हवा क्या लगी
बादल भी हो गए
अति आवारा
अतिथि मेघ
घुमड़ कर आये
भाग्य जगाये
हुआ दूभर
निकलना बाहर
बूदों के बाण
होता ना साथी
पुचकारो कितना
पागल हाथी
चढ़ा बुखार
सिर बर्फ की पट्टी
एक सौ चार
बैठाया दिल
चिकित्सक का बिल
दिल का रोग
चीन दौड़ाता
बिना अंग्रेजी के ही
विकास रथ
कौन लगाता ब्रेक
हिंदी की गाड़ी पर
हिंदी पढ़ के
हिंदी के प्रसार का
नारे लगाते
अग्रेजी पढ़ कर
साहब बन जाते
लिपि मार्ग पे
दौड़ती है अपनी
भाषा की गाड़ी
व्याकरण करता
यातायात सुगम
पर्यटक आ गये
शांति लापता
कब्र पे चढ़े
बिल्कुल ताजे फूल
वर्षों पुरानी
मीडिया ने की
इतना बदनाम
नाम हो गया
डिग्री पे भारी
जाति प्रमाणपत्र
भारतवर्ष
कई आँखों की टकी
नाचता मोर
फूल से शुरू
शिला के नीचे ख़त्म
प्यार की यात्रा
******************
कृष्ण का जन्म
वासुदेव की कीर्ति
कंस का काल
कृष्ण की बंशी
गौवें और गोपियाँ
मोहित सभी
कृष्ण की रास
गोपियाँ सब तृप्त
प्रेम की आस
कृष्ण का नाम
बनाने को पर्याप्त
बिगड़े काम
कृष्ण की लीला
भक्तों को देती दिला
सच्चिदानंद
कौरव मृत
पांडवों का अमृत
कृष्णावतार
जीवन मंत्र
किये कृष्ण प्रदान
गीता का ज्ञान
यशोदा नन्द
देवकी वासुदेव
हम भी धन्य
कृष्ण का नाम
डूब गयी पाकर
मीरा दीवानी
*************
हिंदी
वर्ष में हिंदी
बस पंद्रह दिन
राष्ट्र की भाषा
गजब देश
रहती राष्ट्र भाषा
क्षेत्र विशेष
जकड़ी रही
राजनीति में हिंदी
सिकुड़ी रही
नोट चलाते
मिल पंद्रह भाषा
सिक्के बस दो
बोले उत्तर
दक्षिण भारत से
संकेत कर
राम कृष्ण की
गुरुकुल की लिपि
देव नागरी
बाल्मिकी व्यास
देव नागरी लिपि
रही आधार
तुलसी सूर
कबीर की भी रही
हिंदी ही नूर
बनाये तंत्र
देवनागरी लिपि
वेदों के मंत्र
देवनागरी लिपि
वेदों के मंत्र
बातें करता
कश्मीर से केरल
इशारे कर
कश्मीर से केरल
इशारे कर
कोख से जन्मीं
मातृ भाषा हिंदी के
भाषायें कई
किसी राष्ट्र की
राष्ट्र भाषा ही होती
माला की धागा
हिंदी विरोध
करते कुछ लोग
अंग्रेजी प्रिय
दे अंग्रेजी को
राष्ट्र भाषा से ज्यादा
राष्ट्र सम्मान
करते कुछ लोग
अंग्रेजी प्रिय
दे अंग्रेजी को
राष्ट्र भाषा से ज्यादा
राष्ट्र सम्मान
चीन दौड़ाता
बिना अंग्रेजी के ही
विकास रथ
हिंदी की गाड़ी पर
कौन लगाता ब्रेक
हिंदी पढ़ के
हिंदी के प्रसार का
नारे लगाते
अग्रेजी पढ़ कर
साहब बन जाते
हो आरक्षण
हिंदी पढने वाले
पिछड़ा वर्ग
**************
दिखाता हमें
मन मानस बिम्ब
गुरु दर्पण
जीवन सिंधु
उतारने की पार
गुरु है नाव
करे खनन
उपकरण बन
गुरु गुणों का
गुरु को श्रेष्ठ
शिष्य की सफलता
गुरु दक्षिणा
- एस० डी० तिवारी
**************
भक्ति पाकर
भरते लम्बोदर
भक्तों का घर
शुद्ध कर दे
गणपति वंदन
भक्तों का मन
सब खा जाते
लम्बोदर नेता ये
लम्बे हाथों से
छः वर्ष बीते
हुये बेटी की शादी
दो किश्तें बाकी
सास ससुर
हर लड़की के हों
यशोदा नन्द
पंद्रह दिन
श्राद्ध में स्वच्छ मन
पितृ प्रसन्न
पितरपख
पितरों संग जागा
काग के भाग
करने चली
नन्हीं लौ जगमग
सम्पूर्ण जग
स्वर्णिम क्षण
हिमालय के सिर
स्वर्ण मुकुट
डॉल्फ़िन नृत्य
ताल में ताल मिला
जल में कला
पीपल पात
काढ़ा से रूक जाय
ह्रदय घात
मीडिया ने की
इतना बदनाम
नाम हो गया
प्रभु का नाम
बनाने को पर्याप्त
बिगड़े काम
दिखाती धरा
घूम घूम सूर्य को
अपनी अदा
पाले सबको
अंत में समा भी ले
पृथ्वी की गोद
रंग में हरा
सुन्दर लगे धरा
होवे न भूरा
जल से फल
सब कुछ ही देती
माता धरती
वैभव सारा
जो कुछ है हमारा
धरा प्रदत्त
अरबों लाल
पालती है अकेले
माँ वसुंधरा
पेड़ पर्वत
धरती का श्रृंगार
रखें संभाल
फेंक कचरा
किया नदी को मैला
जल विषैला
सुन्दर धरा
पनपे परंपरा
देश दुनिया
लगाते मोल -
धरती है सबकी
दबंग लोग
इतराता मानव
पृथ्वी की मिटटी
दिया झलक
उठा कर घूंघट
हवा का झोंका
वायु के आते
स्वागत में झूमते
प्रसन्न पत्ते
जोह में बैठे
शांतिपूर्वक पत्ते
हवा आने का
हवा क्या लगी
बादल भी हो गए
अति आवारा
अतिथि मेघ
घुमड़ कर आये
भाग्य जगाये
हुआ दूभर
निकलना बाहर
बूदों के बाण
होता ना साथी
पुचकारो कितना
पागल हाथी
चढ़ा बुखार
सिर बर्फ की पट्टी
एक सौ चार
बैठाया दिल
चिकित्सक का बिल
दिल का रोग
गैरों से ज्यादा
अपने लोग होते
दर्द दे जाते
महँगी दाल
खिलाने की साजिश ?
पोर्क व बीफ
पैसा आये तो
दोस्ती हो जाती दूर
जाने से दोस्त
रिश्तों से दूर
पैसा ज्यादा तो खुद
कम तो लोग
पैसे के साथ
होने शुरू हो जाते
रिश्ते अनाथ
थाली से दूर
प्याज के साथ दाल
आम आदमी
देख के जीता
स्विस व वोट बैंक
वरिष्ठ नेता
क्योंकि भोगी हैं
वे उनकी कृपा के
सहयोगी हैं
सास गरम
बहु ने झोंक दिया
ज्यादा ईंधन
बनाया दीया
देश का कारीगर
तंगी में जिया
मनाती लड़ी
भारत की दिवाली
चीन की बनी
मीडिया ने की
बहुत बदनाम
नाम हो गया
देती है भीड़
नाम पर ही वोट
काम हो गया
लक्ष्मी दें भर
सुख व संपत्ति से
सबका घर
अपने लोग होते
दर्द दे जाते
महँगी दाल
खिलाने की साजिश ?
पोर्क व बीफ
पैसा आये तो
दोस्ती हो जाती दूर
जाने से दोस्त
रिश्तों से दूर
पैसा ज्यादा तो खुद
कम तो लोग
पैसे के साथ
होने शुरू हो जाते
रिश्ते अनाथ
थाली से दूर
प्याज के साथ दाल
आम आदमी
देख के जीता
स्विस व वोट बैंक
वरिष्ठ नेता
क्योंकि भोगी हैं
वे उनकी कृपा के
सहयोगी हैं
बहु ने झोंक दिया
ज्यादा ईंधन
बनाया दीया
देश का कारीगर
तंगी में जिया
मनाती लड़ी
भारत की दिवाली
चीन की बनी
मीडिया ने की
बहुत बदनाम
नाम हो गया
देती है भीड़
नाम पर ही वोट
काम हो गया
लक्ष्मी दें भर
सुख व संपत्ति से
सबका घर
बह उठती
जुकाम होने पर
नाक से नदी
सरसो खेत
जवान हो के ओढ़े
पिली चुनरी
लग न जाये
बुरी नजर कहीं
बुर्के में चाँद
सूरज कहीं
देख न ले चाँद को
मिया की टोपी
मुंह से हटा
गिलास भरा मट्ठा
मूंछ सफ़ेद
चीन दौड़ाता
बिना अंग्रेजी के ही
विकास रथ
कौन लगाता ब्रेक
हिंदी की गाड़ी पर
हिंदी पढ़ के
हिंदी के प्रसार का
नारे लगाते
अग्रेजी पढ़ कर
साहब बन जाते
लिपि मार्ग पे
दौड़ती है अपनी
भाषा की गाड़ी
व्याकरण करता
यातायात सुगम
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