Sunday, 23 February 2014

Lathi charge



लाठी चार्ज 

अब भी है करवाती सरकार लाठी चार्ज 
सत्याग्रह दबाती सरकार कर लाठी चार्ज 
सन अठाईस में इतिहास बना जब 
करवाया था साइमन ने लाठी चार्ज। 
सैंतालिस बाद हजारों की संख्या में 
देख चुका देश अब तक लाठी चार्ज। 
प्रशासन बोलता है उसको बल प्रयोग 
बर्बरता से करवा देता है लाठी चार्ज। 
बिखरे जूते, चप्पल, लोग क्षत विक्षत  
बिलखते, भागते होवे जब लाठी चार्ज। 
लोगों की भूमि छीनती, दबाती आवाज   
चुनी हुई सरकार, करके लाठी चार्ज। 
अपना देश, अपने जन, अपनी लाठी  
अपनों पर ही हो जाती है लाठी चार्ज।  

एस० डी० तिवारी  





आजादी की लड़ाई में जब इतिहास बनायी थी लाठी। 
उन्नीस सौ अठाईस में अंग्रेजों ने चलाई थी लाठी। 

रक्त से लथपथ होकर भी हार नहीं कदापि वे माने।  
आजादी के लिए जूझ पड़े थे आजादी के वे दीवाने।   
स्वतंत्रता के सेनानियों ने निडर हो खायी थी लाठी। 

झुका ना पाए थे अंग्रेज देश के वीर सपूतों को। 
झुकना खुद ही पड़ गया उन बर्बरता के दूतों को। 


गाँधी जी की छोटी सी अंग्रेजों को डराई थी लाठी। 

अब तक दबाती आयी है जन आंदोलन को सरकार। 
लोगों को डराने हेतु लाठी चार्ज बना लेती हथियार। 
अंग्रेजों ने इस शासन के जो हाथ थमाई थी लाठी। 

बिखरे जूते चप्पल और दिखते लोग क्षत विक्षत।  
बिलखते भागते बचने को मिलती ना कोई राहत।  
रक्त की बूंदे फैलीं भू पर जिन्हें बरसाई थी लाठी। 
  

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