जाने कहां पर मेरा चाँद खो गया।
मैं आज बिना चांदनी के हो गया।
ऐ सूरज! बता] क्या देखा है तूने \
जाने कहाँ पर मेरा चाँद खो गया।
चला गया है कहीं दूर वो मुझसे
या आसमान में छुपकर सो गया।
सोच कर के मैं परेशान हूँ बड़ा
कहीं बादलों का तो नहीं हो गया।
कल रात में तो साथ ही था मेरे
एक बा एक किस जहाँ वो गया।
की हो शरारत कहीं तूने तो बता
तेरे ही कारण अगर दूर जो गया।
अब तो स्याह रात है मेरे सामने
मुश्किलों के वक्त अँधेरे बो गया।
मैं आज बिना चांदनी के हो गया।
ऐ सूरज! बता] क्या देखा है तूने \
जाने कहाँ पर मेरा चाँद खो गया।
चला गया है कहीं दूर वो मुझसे
या आसमान में छुपकर सो गया।
सोच कर के मैं परेशान हूँ बड़ा
कहीं बादलों का तो नहीं हो गया।
कल रात में तो साथ ही था मेरे
एक बा एक किस जहाँ वो गया।
की हो शरारत कहीं तूने तो बता
तेरे ही कारण अगर दूर जो गया।
अब तो स्याह रात है मेरे सामने
मुश्किलों के वक्त अँधेरे बो गया।
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