तीन देशों की साहित्यिक यात्रा का वृतांत
अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच ने खूब घुमाया ।
तीन राष्ट्रों का साहित्यिक दौरा सबको भाया।
हिंदी के उन्नयन के संकल्पों को मन में लिए,
हिंदी के कई साहित्यकारों को सम्मान दिलाया ।
थाईलैंड में अलग दुनिया का एहसास हो आया ।
पुरुषों ने तो जैसे अपने को परी लोक में पाया ।
गुमान में डूबी गोरियों का उतर गया खुमार,
देखा जब काली रात में चमकता हुआ पटाया ।
यात्रा के दौरान उत्तम खान, माध्यम पान रहा,
यात्रा का सबने, मिलकर जी भर आनंद उठाया ।
शुक्र है जोड़े में जो आये, सुन्दर समय बिताये,
न कोई लंका कांड हुआ, न कोई रायता फैलाया ।
अंकोरवाट मंदिर ने सबके चिंतन को जगाया ।
विष्णु की खंडित मूर्ति ने सभी का दिल दुखाया।
प्रभु विष्णु के बौद्धिकरण के नाहक प्रयास ने
हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों की याद दिलाया ।
जाकर भी किसी ने समुचित संतोष न पाया,
न कुछ देखा न भाला, सडकों पर प्राण सुखाया ।
विएतनाम की कसक सबकी बाकी रह गयी,
बस बाजार और खरीददारी में ही सुख मनाया ।
एकाध बार कहीं पर किसी ने आग लगाया,
आयोजकों ने डाल शीतल जल, शीघ्र बुझाया।
कई साहित्यकार भी दिखे फिल्मों में सिमटे,
फ़िल्मी गीतों से उन्होंने अपना रंग जमाया ।
सौहार्द से भरी यात्रा का सुख सबने उठाया।
यात्रा ने नए साहित्यिक मित्रों को मिलाया ।
कविता और चुटकुलों की फुलझड़ियां छोड़,
शब्दों से हर कोई, दस दिन दिवाली मनाया।
- एस. डी. तिवारी
श्री एस. डी. तिवारी कृत 'राम का वकील' जिसमें राम का मंदिर बनने की वकालत की है, पढ़कर ऐसा लगता है कि राम मंदिर बनना ही चाहिए, यह लेखक ही नहीं, अपितु समस्त हिन्दू समाज की ओर से लिखा गया एक काव्य रचना है। इस काव्य-संग्रह में लेखक ने इन्हीं भावनाओं को पिरोया है। 'राम' शब्द नहीं, बल्कि हम सबकी आस्था ओर स्वाभिमान का प्रतीक है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि बाबर के समय में यहाँ मंदिर तोड़कर, मस्जिद का ढांचा खड़ा किया गया था। आयोध्या राम की जन्म भूमि है, यह सबको मानना चाहिए और राजनीति नहीं होनी चाहिए। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बने, सबको ही प्रयास करना चाहिए। तिवारी जी ने इन विषयों को समेटते हुए अति सुन्दर और अतुलनीय काव्य लिखा है। मैं उन्हें इस रचना के लिए बधाई देती हूँ।
डॉ गीता मिश्रा, कानपुर
अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच ने खूब घुमाया ।
तीन राष्ट्रों का साहित्यिक दौरा सबको भाया।
हिंदी के उन्नयन के संकल्पों को मन में लिए,
हिंदी के कई साहित्यकारों को सम्मान दिलाया ।
थाईलैंड में अलग दुनिया का एहसास हो आया ।
पुरुषों ने तो जैसे अपने को परी लोक में पाया ।
गुमान में डूबी गोरियों का उतर गया खुमार,
देखा जब काली रात में चमकता हुआ पटाया ।
यात्रा के दौरान उत्तम खान, माध्यम पान रहा,
यात्रा का सबने, मिलकर जी भर आनंद उठाया ।
शुक्र है जोड़े में जो आये, सुन्दर समय बिताये,
न कोई लंका कांड हुआ, न कोई रायता फैलाया ।
अंकोरवाट मंदिर ने सबके चिंतन को जगाया ।
विष्णु की खंडित मूर्ति ने सभी का दिल दुखाया।
प्रभु विष्णु के बौद्धिकरण के नाहक प्रयास ने
हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों की याद दिलाया ।
जाकर भी किसी ने समुचित संतोष न पाया,
न कुछ देखा न भाला, सडकों पर प्राण सुखाया ।
विएतनाम की कसक सबकी बाकी रह गयी,
बस बाजार और खरीददारी में ही सुख मनाया ।
एकाध बार कहीं पर किसी ने आग लगाया,
आयोजकों ने डाल शीतल जल, शीघ्र बुझाया।
कई साहित्यकार भी दिखे फिल्मों में सिमटे,
फ़िल्मी गीतों से उन्होंने अपना रंग जमाया ।
सौहार्द से भरी यात्रा का सुख सबने उठाया।
यात्रा ने नए साहित्यिक मित्रों को मिलाया ।
कविता और चुटकुलों की फुलझड़ियां छोड़,
शब्दों से हर कोई, दस दिन दिवाली मनाया।
- एस. डी. तिवारी
श्री एस. डी. तिवारी कृत 'राम का वकील' जिसमें राम का मंदिर बनने की वकालत की है, पढ़कर ऐसा लगता है कि राम मंदिर बनना ही चाहिए, यह लेखक ही नहीं, अपितु समस्त हिन्दू समाज की ओर से लिखा गया एक काव्य रचना है। इस काव्य-संग्रह में लेखक ने इन्हीं भावनाओं को पिरोया है। 'राम' शब्द नहीं, बल्कि हम सबकी आस्था ओर स्वाभिमान का प्रतीक है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि बाबर के समय में यहाँ मंदिर तोड़कर, मस्जिद का ढांचा खड़ा किया गया था। आयोध्या राम की जन्म भूमि है, यह सबको मानना चाहिए और राजनीति नहीं होनी चाहिए। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बने, सबको ही प्रयास करना चाहिए। तिवारी जी ने इन विषयों को समेटते हुए अति सुन्दर और अतुलनीय काव्य लिखा है। मैं उन्हें इस रचना के लिए बधाई देती हूँ।
डॉ गीता मिश्रा, कानपुर
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