Monday, 9 April 2018

Kya naam dun ghazal

क्या नाम दें
बंधन जिंदगी का बेजोड़, इसे क्या नाम दें ?
खींचती रही प्यार की डोर, इसे क्या नाम दें ?

साथ साथ चलते रहे हम, धूप, छाँव सहते रहे,
ले आये जिंदगी इस छोर, इसे क्या नाम दें ?

तूफां की परवाह नहीं, सैलाबों की थाह नहीं,
रोक सका न आँधियों का जोर, इसे क्या नाम दें ?

फूलों को चूमा हमने, काँटों को रौंदा हमने,
किये पार अंधियारों का दौर, इसे क्या नाम दें ?

दुखाया होगा दिल को, एक दूसरे के कभी,
सका ना दर्द हमें झकझोर, इसे क्या नाम दें ?

बने हमराही सफर के, ज्यूँ कल की बात हो,
काटे राह लम्बी जिस तौर! इसे क्या नाम दें ?

परस्पर प्यार कि समर्पण, या आपसी विस्वास!
अबूझ 'देव' 
करके भी गौर, इसे क्या नाम दें ?

एस० डी० तिवारी



नगर बनारस
मेरे प्राण बसे हैं साजन] नगर बनारस में। 
काशी वासी शिव अविनाशी] रमे बनारस में।  
गंगा नहान] आत्मा की शुद्धि] 
मिल जाती पापों से मुक्ति]
वेदों का है ज्ञान भरा] नगर बनारस में।
तीर्थों में तीर्थ कkशी घाट]
धूल जाते हैं अनेकों पाप]
विश्व्वनाथ के दर्शन पाएं] नगर बनारस में।    
प्राचीन सभ्यता और संस्कृति] 
रचना यहाँ अमर ग्रंथों की]
तुलसी] कबीर की कलम] उठी नगर बनारस में।     
वास यहाँ पावनता लाती]
अंतिम यात्रा मोक्ष दिलाती]   
बैकुंठ द्वार का धाम बना] नगर बनारस में। 
साधु संतों की आत्मा रमती]
संगीत कला भी संग में बसती] 
परम ज्ञान के चक्षु खुल जाते] नगर बनारस में।  
बुद्ध के ज्ञानोपदेश का उद्गम]
सदियों पुराने मंदिर आश्रम]
इतिहास भी लघु सा लगता] नगर बनारस में।  
भोर भये ही मंत्र गूंजते]
मंदिर घंट] घड़ियाल बजते]
सोहर] ठुमरी] बिरहा] कजरी] नगर बनारस में।  

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