६१ पासवर्ड
जिसके लिये याद रखना होता, पिन और पासवर्ड।
इनके अतिरिक्त ईमेल और कम्प्यूटर फाइल।
पासवर्ड से ही खुलते सिमकार्ड और मोबाइल।
भरना हो पानी, बिजली, गैस या फोन का बिल।
या फिर करना हो बैंक खाते का बैलेंस हासिल।
आयकर, मकान कर या रेल, जहाज का टिकट।
आनलाइन एकाउन्ट नहीं तो समस्या है विकट।
स्कूल की फीस हो या अन्य करों का भुगतान।
आनलाइन ही करो सब, अन्यथा रहो परेशान।
सभी काम के लिये अलग अलग पहचान कोड।
और पृथक ही खोलने का सबका पास कोड।
सभी एजंसियों की है अलग पासवर्ड प्रणाली।
पासवर्ड बनाने में ही हो जाता दिमाग खाली।
एक बार जब पासवर्ड बनाया तो ये सन्देश पढ़ा।
खेद है, चाहिये कम से कम एक अक्षर बड़ा।
जब वैसा किया तो ’आपका पासवर्ड छोटा है’।
बिना किसी विशिष्ट चिन्ह के अभी खोटा है।
ठोक ठठाकर, जब पासवर्ड को पूरा कर लिया।
सन्देश पढ़ा, सारी! यह किसी अन्य को दे दिया।
इतने सभी पासवर्डों का, है ऐसा मकड़जाल।
याद करने में कोई ज्ञानी भी हो जाये बेहाल।
पासवर्ड भूल गये तो ऐसा भी हो सकता है।
घर का ताला बन्द, बाहर सोना पड़ सकता है।
अलीबाबा के हाथ लगा था चोरों का कोडवर्ड।
अकूत धन से भर लिया वह अपना कप्बोर्ड ।
इसके उलट अगर पासवर्ड चला गया यदि चोरी।
तो देर नहीं लगेगी खाली होने में तिजोरी।
अलीबाबा से चुराया कोड, कासिम, उसका भाई।
प्रयोग में गलती के कारण, अपनी जान गंवाई।
62. पासवर्ड - 2
पासवर्डो ने उलझा के रखा है अपना जीवन।
अलीबाबा की भांति, लगा के रखना है मन।
पति महोदय का पासवर्ड, लगा पत्नी के हाथ।
तो खोल दिया उनके, प्रेम प्रसंग का राज।
पैसे मांगने पर जब, बेटे को डांटा बाप ने।
दोबारा फिर नहीं गया, बेटा पैसे मांगने।
एटीएम का पासकोड उसके हाथ लग गया।
आवष्यकतानुसार स्वयं निकालने लग गया।
अलीबाबा को तो सिमसिम भाग्यवश मिला।
अब चला हैे हैकरों के चुराने का सिलसिला।
काम न करने का, सरकारी कर्मी का बहाना।
पासवर्ड दूसरे बाबू के पास, कल फिर आ जाना।
मैं रोबॉट नहीं हूँ।
जब कोई ऑनलाइन अकाउंट खोलता हूँ।
झूठ बोलना पड़ता है 'मैं रोबॉट नहीं हूँ। '
कैसे कहूँ, मैं रोबॉट नहीं हूँ।
दिल को कृत्रिम यंत्र धड़का रहा है।
आँख, प्लास्टिक का लेंस फड़का रहा है।
होंठ, नकली दांत लिए मुस्कुरा रहा है।
कुदरती तौर से फिट फाट नहीं हूँ।
कैसे कहूँ, मैं रोबॉट नहीं हूँ।
घुटना को धातु का हिन्ज मोड़ रहा है।
सांसों को कश वाला पफ छोड़ रहा है।
कैप्सूल के सहारे खून दौड़ रहा है।
जिंदगी चैन से सोये, अब वो खाट नहीं हूँ।
कैसे कहूँ, मैं रोबॉट नहीं हूँ।
छड़ी का सहारा लेकर चल पाता हूँ।
खाया हुआ, दवाई खाकर पचाता हूँ।
कैलकुलेटर से हिसाब लगाता हूँ।
अपनी ही उलझनों का काट नहीं हूँ।
कैसे कहूँ, मैं रोबॉट नहीं हूँ।
सिर पर नकली बाल रोपाया हूँ।
कानों में सुनने की मशीन घुसाया हूँ।
इन्सुलिन के लिए सुई लगाया हूँ।
डिस्काउंट पर चल रहा, खरा नोट नहीं हूँ।
कैसे कहूँ, मैं रोबॉट नहीं हूँ।
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