Monday, 28 March 2016

Haiku techniques

haiku technique 1

 किगो 
हाइकु प्रकृति से सम्बंधित विषयों पर लिखे जाते हैं। किसी ऋतु या मौसम से सम्बंधित होना अच्छा मन जाता है।  किगो ऋतु विशेष को इंगित करने वाले शब्द होते हैं जैसे फूल, टेसू अदि का नाम एते ही बसंत ऋतू का बोध होता है इसी प्रकार पानी, मेढक, बाढ़ अदि शब्द बरसात को इंगित करते हैं और बर्फ, कोहरा, धुंध, आदि सर्दी को दर्शाते हैं 

वाक्यांश और खण्ड :
प्रथम और द्वितीय पंक्ति वाक्यांश होते हैं और तृतीय पंक्ति दूसरा खण्ड 

जीवन यात्रा 
गोलाई में घूमती 
घूमर चक्की  

 पुराणी वीणा 

कबाड़ी की दुकान 

पिता बैकुंठ 



पहला पत्ता 

पतझड़ का गिरा 

उसकी कब्र 



नाचने लगा 
बारिश से पहले 
छत पे मोर 

करते राज्य  
नागफनी या बिच्छू 
मरु की गर्मी 

यहाँ की वहां 
उड़ा के ले जाती लू 
मरु की रेत 

शुरू हवा का 
मरु में गर्मी आते 
रेत से खेल 

बुझती प्यास 
खा के खीरा ककड़ी 
जेठ महीना  


 हाइकू तकनीक २ 

पंक्ति २ और ३ खण्ड और पंक्ति ३ वाक्यांश 

Example 

rabbit-ear iris
it gives me an idea
for a poem

banana leaf—
a gargoyle for my
old hut

corn stubble
the scarecrow looks
scruffy now

envious
a summer lily
in stagnant pond


तकनीक ३ 
Contest 3 - Pivoting

Lines 1 and 2 shall be a phrase  and Line 2 and 3 a phrase both creating images that are juxtaposed.  The middle line acts as a gate that can swing either up or down.  The result should be a middle line that has two meanings depending on whether it is read with the first or last line.  In the beginners haiku class it is stressed that L1 and L2 should be grammatically correct as should L2 and L3 but L1, L2 and L3 are not a complete sentence.   Therefore it reads as either a phrase|fragment or fragment|phrase (see the first two contests).


Example taken from Basho the complete Haiku as translated by Jane Reichhold:

first snowfall
almost finished
on the bridge

Tarzan rope
tied to tree
a warning note

neighbor mows
at shared boundary 
the long-and-short of it



हाइकु टिप १ 
हाइकू तीन पंक्तियों ५-७-५ वर्णों में विभाजित होता है। यानी को पहली व अंतिम पंक्ति में ५-५ वर्ण और दूसरी में ७ वर्ण। 
हाइकु टिप २ 
हाइकू की विषय वस्तु प्रकृति होती है।  जीवन और दैविक विषयों पर भी हाइकू लिखे जाते हैं, जिन्हें शेनर्यू कहते हैं। 
हाइकु टिप ३ 
हाइकु भावात्मक दृष्टि से दो खण्डों में विभाजित होता है। एक साधारण खण्ड या वाक्यांश जिसमे विषय वस्तु के बारे में साधारण या आधारभूत बिम्ब प्रस्तुत किया जाता है तथा दूसरा विशेष खण्ड जिसमे उससे सम्बंधित विशिष्ट बिम्ब प्रस्तुत किया जाता है । 
हाइकु टिप ४ 
हाइकु तीन पंक्तियों का वाक्य, कथन  या वक्तव्य नहीं होना चाहिये। 
हाइकु टिप ५  
हाइकु में पूरा वाक्य नहीं अपितु वाक्यांश लिखे जाते हैं। 
हाइकु टिप ६ 
हाइकु में सम्बन्ध बोधक, समुच्चय बोधक आदि शब्दों का कम से कम करना चाहिए। 
हाइकु टिप  ७    
हाइकु में व्याकरण के चिन्ह विराम, अर्ध विराम आदि प्रयोग नहीं किये जाते। 
हाइकु टिप ८ 
हाइकु में दो बिम्ब, विचार, भाव या दृश्यों को तुलनात्मक रूप से इस प्रकार प्रस्तुत किया जाता है कि वे पृथक होते हुए भी एक दूसरे के पूरक हों या परस्पर सम्बंधित हों। 
हाइकु टिप ९ 
हाइकु में साधारण बात को असाधारण तरीके से कहना ही उसे सुन्दर बनता है। 
हाइकु टिप १० 
कोई अच्छी सूक्ति भी ५-७-५ वर्णों में प्रस्तुत करने से हाइकु नहीं बनती जब तक हाइकु के अन्य गुण न हों । 
हाइकु टिप ११ 
हाइकू के विशिष्ट खण्ड में चौंकाने वाला तत्व होना चाहिए जिसे पढ़कर विस्मय का वोध हो या वह प्रथम खण्ड से सम्बंधित कोई रहस्य उजागर करता हो।
हाइकू टिप १२
हाइकु की दो पक्तियां जुड़ कर एक भाव प्रकट करनी चाहिए और तीसरी पृथक।

हाइकु टिप १३ 
तीन पंक्तियों में होने के बावजूद हाइकु एक वाक्य नहीं प्रतीत होना चाहिये। 


हाइकु टिप १३ 
हाइकु का दूसरा यानी विशिष्ट खण्ड प्रथम खण्ड में मोड़ या घुमाव प्रदान करता है।  
हाइकु टिप १४ 
हाइकु में शब्दों को दोहराने से बचना चाहिए ताकि अपनी वास्तविक बात कहने के लिए अधिक स्थान मिले। 
हाइकु टिप १५ 
हाइकु में यथार्थ या व्यवहारिक बातों का ही चित्रण होता है 
हाइकु टिप १६ 
उपमा या रूपक अलंकार प्रयोग करते समय उपमेय की व्यवहारिकता का ध्यान रखना चाहिए 

हाइकु टिप १७ 
हाइकू में भावात्मक दृष्टि से दो खण्ड होने आवकश्यक हैं 








मैंने हाल ही में आकाश या आकाश में दिखने वाली वस्तुओं से सम्बंधित अंग्रेजी में हाइकु  लिखने की एक प्रतियोगिता आयोजित किया था । इस प्रतियोगिता में २५ प्रतियोगियों की संख्या सिमित कर दी थी क्योंकि हर एक प्रविष्टि को ध्यानपूर्वक पढ़कर उन पर टिप्पणी करनी होती है और प्रथम, द्वीतीय व तृतीय स्थान के लिए प्रिविष्टियां चुननी पड़ती हैं। इसके लिए १३ दिन का समय निर्धरित था मगर एक ही दिन में वांछित प्रविष्टियां आ गयीं।  इनमे कुछ हलके तो कई दुनिया के जाने माने हाइकुकारों के भी हाइकु हैं।  कुछ अन्य बड़े हाइकुकार के भी हाइकू सम्मिलित होते पर प्रविष्टियों की सीमा के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब मैं 'हाइकु मञ्जूषा' और 'साहित्यिक मधुशाला' के सदस्यों से आग्रह करता हूँ के वे इनमे से सर्वोत्तम तीन हाइकु चयन करने में मेरी मदद करें। सभी हाइकु का हिंदी रूपांतर करके मैंने क्रमशः प्रत्येक के नीचे लिख दिया है, जो 'हाइकू मञ्जूषा' में उपलब्ध हैं ।यहाँ सदस्यों को कुछ अंतर्राष्ट्रीय हाइकु पढ़ने को मिलेंगे।  

१. अपने चुने तीनों हाइकु इसी मंच पर ही टिपण्णी में लिख दें अथवा अमुक हाइकु के नीचे 'रिप्लाई' में इंगित कर दें। सभी हाइकु  'हाइकु मञ्जूषा' में इसी नोट के नीचे उपलब्ध हैं।
२. यदि इनमें से किसी हाइकु को अपना बनायें, तो आपका हाइकु किस प्रकार का होगा ?

एस० डी० तिवारी

श्रेष्ठ का चुनाव करना कितना कठिन काम है, इसी बात से पता चलता है कोई भी अपना निर्णय नहीं दे सका।  अब यह काम मैंने आसान कर दिया है, सूचि को घटाकर ९ कर दिया है अब इनमे से ३ सर्वश्रेष्ठ हाइकु का चुनाव करना है।

१ 
silvery skies gaze
gelid air swims through warm breaths
quiet vapor soars
                -Njeri
नभ निहार रहा  
सांस पर तैरती ठंढी हवा 
चुपके उड़ती भाप  

२ 
blue kite in the sky
so lost in the blue above
one side catches sun
                   - Julia Ward
नीली पतंग 
नीले नभ में खोयी 
सूरज देख रहा    
३ 
spring rain
to fallen cherry blossoms 
my eyes fall too
                     - Malabu
बसंत की वर्षा 
चेरी पुष्पों पर गिरी 
मेरी ऑंखें भी 
४  
Bright coloured strokes etch
Veiled sun's rain glistened paintbrush:
Nature's fine easel.
             - Lolly.xx
चमकीला उभरा   
बरसात में सूरज का 
रंग भरने का फ्रेम 
cuckoo
pours his heart out--
 moonlit night
         - Rajkumar
चकोर चांदनी में 
निकाल  रख देती 
अपना दिल  
६ 
Streaks of southern light 
Bending in the solitude
Of summers gold ray
           - Poet4luv
अकेले  झुकी 
दक्षिण में  ग्रीष्म की 
सुनहरी किरणें 
७ 
dawn breaks pink 
as the moon smiles above
pomegranates star
          -Cuul
भोर की लाली 
देख चाँद मुस्कराता  
अनार तारा 
८ 
Up to the heavens 
fly angels
watching over us
       -Avites
स्वर्ग तक 
उड़ के जाती परियां 
हम पे दृष्टि 
 
Patches of blue,
Beneath snowy-white cotton.
Sky and it's wonders.
           -Silvermythe
नीले चकत्ते 
नीचे बर्फ सी श्वेत रुई  
नभ के अचरज


 हाइकु के रूप 

१. एक पंक्ति , दो पंक्ति 
२ सबी सैद्धान्तिक दैविक 
३ वबी 
४ पाइवोट  या धुरी  
५ किगो - मौसम 
६ रूपक अलंकार 
७ अनुप्रास 
८ यमक 
९ 
१० 
११ लीप या छलांग - भाव को अचानक दूसरे भाव में परिवर्तित कर देना 
१२ फोकस फलाना 
होते बेघर 
कटे एक दरख़्त 
अनेकों खग 

टूटा पिंजरा 
हुआ पूरा चमन 
पक्षी का घर 

१३ फोकस को सिकोडना   

नीम की छाँव
दादा की खाट तले
कुत्ते का ठाँव

१४ कठिन परिस्थिति 
१५ रहस्य 
१६ प्रथम और अंतिम पंक्ति मिल कर पूर्णता प्रदान करें 
१७ मजाकिया 
१८ पहेली 
१९ भावनात्मक 
२० क्रिया  का संज्ञा 
२१ जीवन का खाका  
२२ दो अर्थी 
२३ शब्दों के खेल 
२४ साधारण वास्तु का सौंदर्य 
२५ अचम्भा 
२६ शब्द की पुनरावृत्ति या श्लेष 
२७ दो घटनाएं साथ घटित हों 
२८ 





हाइकु कैसे लिखें
हाइकु एक जापानी काव्य विधा है, जिसका प्रचलन १६ वीं शताब्दी में प्रारम्भ हो गया था. एक जापानी कवि बाशो को हाइकु का जनक माना जाता है। हाइकु मात्र सत्रह मात्राओं में लिखी जाने वाली कविता है और अब तक की सबसे सूक्ष्म काव्य है और साथ ही सारगर्भित भी। हाइकु की लोकप्रियता व सारगर्भिता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज दुनिया कि हर भाषा में हाइकु लिखे जा रहे हैं। कुछ हिंदी विद्वान हाइकु काव्य को विदेशी बताकर आलोचना भी करते हैं। पर साहित्य को किसी भाषा, क्षेत्र या तकनीक की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता. बल्कि मैं तो यह कहूँगा की जिस प्रकार मारुति कार, जापानी होकर भी छोटी होने के कारण हमारे यहाँ आम आदमी तक पहुँच बना ली उसी प्रकार हाइकू भी आम आदमी तक बड़ी सरलता से पहुँच सकता है। क्योंकि इसमे आम और साधारण बातों को ही जो प्रकृति और हमारे जीवन से जुडी होती हैं, सुन्दर और विशेष विधि से कम से कम यानी सत्रह अक्षरों में कह दिया जाता है। यह विधि उन कवियों के लिए वरदान है जो अच्छे भाव, ज्ञान व विचार तो रखते हैं पर छंद बंध करने की क्षमता कम होने के कारण अपनी कविता लिख ही नहीं पाते। 
हिंदी हाइकु मात्र १७ वर्णों में लिखे जाते हैं। ऐसा लगता है कि हाइकू लिखना अति सरल है पर लिखने बैठे तो लगता है कितना कठिन भी है. कई बार तो ५ मिनट से भी कम समय में हाइकु बन जाता है और कई बार एक हाइकु लिखने में घंटों लग जाते हैं। इसका कारण है इसकी लिखने कि कला और इसका सारगर्भित होना. एक नन्हा सा हाइकु बहुत बड़ी बात कहने का सामर्थ्य रखता है और साधारण बात को भी ऐसे असाधारण तरीके से कह देता है जिसे पढ़कर पाठक रोमांचित हो जाता है तथा एक पृथक आनंद का अनुभव करता है। 
हाइकु में मात्र १७ अक्षरों में जो तीन पंक्तियों में विभाजित होते हैं, अपने विचार प्रकट करने होते हैं या किसी दृश्य विशेष को दर्शाना होता है और इतने कम अक्षरों में बिम्ब प्रस्तुति के साथ रचना को रुचिकर भी रखना होता है जो एक कठिन कार्य है। क्योंकि इसमे कवि अपनी पूरी बात विस्तृत रूप से नहीं कह पाता। हाइकु लिखना गहरी सोच, अध्ययन व अभ्यास का परिणाम होता है। हाइकु लिखने वाला कोई भी अपने को पूर्ण रूप से पारंगत नहीं कह सकता। 
अपनी कला के कारण हाइकु एक अपूर्ण कविता होते हुए भी पूरा भाव देने में सक्षम होता है।हाइकु ऐसी चतुराई से कहा जाता है कि पाठक अथवा श्रोता अपने ज्ञान व विवेक का प्रयोग करते हुए उसके भाव या उद्देश्य को पूर्ण कर लेता है।  चूकि पाठक हाइकु को पढने के लिए उसमे पूर्ण रूप से घुसना पड़ता है, वह उसे अपने से जुड़ा व आनंदित अनुभव करता है। 
हाइकु लिखने की विधि
अंग्रेजी हाइकु में १७ सिलेबल यानी मात्राएँ या स्वर की इकाई होती हैं परन्तु हिंदी में अभी तक १७ वर्णों में ही हाइकु लिखे जा रहे हैं. वर्णों की गणना करके लिखने में कुछ अक्षर कम अवश्य मिलते हैं पर लिखने में अति सरलता का अनुभव होता है और यदि कम अक्षरों में काम चल जाता है तो अधिक की आवश्यकता ही क्यों.
हाइकु में किन्ही दो भाव, विचार, बिम्ब या परिदृश्य को मात्र १७ वर्णों में तीन पंक्तियों में दो या अधिक वाक्यांशों में इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है ताकि प्रथम व अंतिम पंक्ति में ५-५ वर्ण व दूसरी पंक्ति में ७ वर्ण हों. दोनों भावों, विचारों या दृश्यों को तुलनात्मक रूप से इस प्रकार प्रस्तुत किया जाता है की वे पृथक पृथक होते हुए भी परस्पर सम्बंधित हों। हाइकु की तीन पंक्तियाँ भावात्मक दृष्टि से दो खण्डों में विभाजित होती है. एक साधारण खंड तथा दूसरा विशेष खंड. साधारण खंड में विषय वस्तु की आधारभूत भाव, बिम्ब, दृश्य या विचार रखी जाती है तथा विशेष खंड में उससे सम्बंधित विस्मित करने वाला विशेष तत्व. दोनों खंड पृथक होते हुए भी परस्पर पूरक होते हैं. दोनों खंड व्याकरण की दृष्टि से स्वतंत्र होने चाहिए. अपनी कविता १७ वर्णों में तीन पंक्तियों में लिख देने से हाइकु नहीं बन जाता बल्कि अच्छे हाइकू की विशेषता है उसमे पाठक को चौकाने वाला तत्व. यहाँ यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी की हाइकू में साधारण बात को ही असाधारण तरीके से कही जाती है. हाइकु एक वाक्य का नहीं होता। हाइकु में लय, विराम, पूर्ण विराम आदि चिन्हों की आवश्यकता नहीं होती. हाइकू मूलतः प्रकृति विषयों पर लिखे जाते हैं पर आजकल जीवन संबधी विषयों पर भी हाइकू बढ़ चढ़ कर लिखे जा रहे हैं. जीवन व ईश्वरीय विषयों पर लिखे हाइकु को अंग्रेजी में सेनर्यू कहा जाता है. वैसे हाइकू और सेनर्यू में विषय के अतिरिक्त और कोई अंतर नहीं है.
तीन पंक्तियों में से दो विषय वस्तु एवं उसके आधारभूत भाव या व्यवहार को दर्शाता है तथा तीसरी विशेष पंक्ति जिसमे उससे सम्बंधित विस्मयकारी भाव होता है. उदहारण के लिए मेरे निम्न हाइकू को पढ़ें -
दाना लेकर
चुहिया हाथ जोड़े
बिल्ली घात में
उपरोक्त हाइकु में 'दाना लेकर चुहिया हाथ जोड़े ' एक बिम्ब प्रस्तुत कर रही है यानी चुहिया हाथों में दाना लेकर खा रही है किन्तु उससे पृथक यहाँ पर एक और बिम्ब है 'बिल्ली घात में' यानी की बिल्ली भी भोजन की जुगत में है और वह भोजन के रूप में चुहिया को देख रही है. दूसरा बिम्ब पहले पर निर्भर है अगर वहां चुहिया नहीं होती तो बिल्ली भी घात में ना होती.
बाशो का एक हाइकू है
old pond
a frog leaps in
sound of water
यहाँ दो दृश्य हैं एक पुराना ताल जिसमे मेढक कूदा, दूसरा पानी कि ध्वनि जिससे ज्ञात हुआ कि मेढक कूदा। यहाँ पुराने तालाब में मेढक का कूदना एक  बिम्ब है और जल की ध्वनि दूसरी। जल की ध्वनि मेढक के कूदने के कारण उत्पन्न हुई है। पहली दो पंक्तियां एक साधारण बात कह रही हैं कि पुराने तालाब में मेढक कूदा और तीसरी पंक्ति में एक घुमाव आ जाता है 'जल में ध्वनि' जो मेढक के कूदने का परिणाम है और एक विस्मय का बोध कराती है। बीच कि बात यानी कि मेढक जल में ही कूदा पाठक 'ध्वनि ' से समझ लेता है। 
इसका हिंदी रूपांतर मैंने इस प्रकार किया है -
पुराना ताल
कूद गया मेढक
जल में ध्वनि 

हाइकू के तीन मूल तत्व
१. ५-७-५ वर्णों के क्रम में व्यवस्थित तीन पंक्तियों कि कविता
२. दो भाव, विचार, बिम्ब, दृश्य आदि कि तुलनात्मक प्रस्तुति
३. विस्मयकारी बोध अथवा चौंकाने वाला तत्त्व
हाइकू लिखने के क्रम
१. भाव या विचारों की सोच व आत्म-मंथन
२. उचित शब्दों का चुनाव
 ३. उन शब्दों को ५-७-५ वर्णों के क्रम में हाइकू की तकनीक के अनुसार व्यवस्थित करना
हाइकू लिखने की और बारीकियां आगे के लेख व टिप के द्वारा दी जाती रहेंगी

- एस० डी० तिवारी